Rajasthan By-Election 2024: समरावता मतदान बहिष्कार से लेकर पुलिस पर हमले तक! जानिए पूरी कहानी

Rajasthan By-Election 2024:संसार के सबसे बड़े लोकतंत्र में, जहाँ मतदान को एक पवित्र कर्तव्य माना जाता है, वहीँ समरावता में हालात इस कदर बिगड़ गए कि मतदान बहिष्कार और धरना प्रदर्शन ने एक भयंकर रूप धारण कर लिया। (Rajasthan By-Election 2024) रात के अंधेरे में शुरू हुए इस आंदोलन ने हिंसा का रुख अपनाया। प्रदर्शनकारियों द्वारा पत्थरबाजी किए जाने पर पुलिस को मजबूरन लाठीचार्ज करना पड़ा। यह कार्रवाई आग में घी का काम कर गई और प्रदर्शनकारियों का गुस्सा चरम पर पहुँच गया। उत्तेजित भीड़ ने पुलिस के कई वाहनों सहित अन्य गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया। इस हिंसक टकराव में कई पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हो गए। यह घटना न केवल स्थानीय प्रशासन के लिए बल्कि पूरे समाज के लिए एक गंभीर चुनौती बनकर उभरी है।

घायल पुलिसकर्मी और मेडिकल टीम की मुस्तैदी

घायलों में से तीन एसटीएफ (आरएसी) जवान—टोडारायसिंह के जितेंद्र चांवला, टोंक निवासी महिपाल, और मुकेश—घायल हुए हैं। इन्हें उनियारा से टोंक रैफर किया गया है, जहां उनका उपचार जारी है। घायलों के अस्पताल पहुंचने की सूचना पर सीएमएचओ डॉ. अशोक यादव और अस्पताल पीएमओ डॉ. बीएल मीणा मेडिकल टीम के साथ अलर्ट पर थे।

मतदान बहिष्कार से शुरू हुआ हंगामा

बुधवार को देवली उनियारा विधानसभा क्षेत्र के समरावता में ग्रामीणों ने अपनी मांगों को लेकर मतदान का बहिष्कार किया था। निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा द्वारा वोटिंग मशीन चेक करने के बाद एसडीएम को थप्पड़ मारने पर मामला गंभीर हो गया। समझाइश के बाद प्रदर्शनकारियों ने मतदान स्थल से थोड़ी दूर धरना दिया। लगभग चार घंटे बाद, दोपहर 3:30 बजे के करीब, ग्रामीण मतदान के लिए राजी हो गए लेकिन मतदान के बाद नरेश मीणा के साथ धरने पर वापस बैठ गए।

नरेश मीणा की गिरफ्तारी के प्रयास पर बवाल

धरना स्थल पर प्रदर्शनकारियों द्वारा नाच-गान किया जा रहा था। इसी बीच, पुलिस ने निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा को गिरफ्तार करने का प्रयास किया। इसके बाद मीणा के समर्थकों और प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पत्थरबाजी कर दी। पुलिस को लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े। इससे गुस्साई भीड़ ने पुलिस के वाहनों में आग लगा दी। घटना के बाद अफरा-तफरी का माहौल बन गया। भारी पुलिस बल के बीच नरेश मीणा को हिरासत में लिया गया।

एसडीएम को थप्पड़ मारने का कारण

देवली-उनियारा उपचुनाव के दौरान निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा ने मालपुरा के एसडीएम अमित कुमार चौधरी को थप्पड़ मार दिया। मीणा का आरोप था कि उनकी ईवीएम मशीन पर चुनाव चिन्ह स्पष्ट नहीं दिख रहा था। इसी मुद्दे पर तीखी बहस के बाद मीणा ने एसडीएम को थप्पड़ जड़ दिया। यह घटना प्रशासन और प्रत्याशियों के बीच तनाव को बढ़ा गई और रात में हिंसा भड़क उठी।

समरावता गांव में भारी पुलिस बल तैनात

समरावता गांव में हालात बिगड़ने की सूचना पर एसपी विकास सांगवान मौके पर पहुंचे। एडिशनल एसपी ब्रजेन्द्र सिंह भाटी के नेतृत्व में पहले से ही भारी पुलिस बल और अर्ध सैनिक बल तैनात किया गया था। एसडीएम के थप्पड़ मारने के बाद पूरे गांव में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात हो चुका था।

 निर्दलीय चुनावी मैदान में उतरे नरेश मीणा

पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के खास माने जाने वाले नरेश मीणा को उम्मीद थी कि कांग्रेस उन्हें देवली उनियारा उपचुनाव में टिकट देगी, लेकिन पार्टी ने केसी मीणा को टिकट दिया। इसके बाद नरेश ने बगावत कर निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने का फैसला किया। कांग्रेस ने उन्हें निष्कासित कर दिया। नरेश की दावेदारी के कारण देवली-उनियारा विधानसभा में कांग्रेस और बीजेपी के बीच त्रिकोणीय मुकाबला बन गया है।

गुर्जर-बाहुल्य विधानसभा

देवली-उनियारा में पहली बार उपचुनाव हो रहा है। यहां मीणा और गुर्जर बाहुल्य है, जहां कांग्रेस के केसी मीणा और बीजेपी के राजेन्द्र गुर्जर के बीच सियासी मुकाबला चल रहा है। कांग्रेस के दिग्गज नेता सचिन पायलट का प्रभाव भी यहां चुनावी समीकरण को दिलचस्प बना देता है। देवली-उनियारा सीट, जो हरीश मीणा के सांसद बनने के बाद खाली हुई थी, अब उपचुनाव के जरिए अपनी राजनीतिक दिशा तय करेगी।

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Bodh Saurabh

प्रिंट मीडिया से पत्रकारिता की शुरुआत करते हुए दैनिक भास्कर, राजस्थान पत्रिका और खास खबर.कॉम जैसे प्रतिष्ठित प्लेटफॉर्म्स पर काम किया। गुलाबी नगरी जयपुर का निवासी, जहां की सांस्कृतिक और राजनीतिक धड़कन को बारीकी से समझा। धर्म, राजनीति, शिक्षा, कला और एंटरटेनमेंट से जुड़ी कहानियों में न सिर्फ गहरी रुचि बल्कि समाज को जागरूक और प्रेरित करने का अनुभव। सकारात्मक बदलाव लाने वाली रिपोर्टिंग के जरिए समाज की नई दिशा तय करने की कोशिश। कला और पत्रकारिता का अनोखा संगम, जो हर कहानी को खास बनाता है।

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