
Wedding Muhurat : देवउठनी एकादशी का दिन विशेष रूप से विवाह और मांगलिक आयोजनों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है, और इस साल भी छोटीकाशी में इसका जोरदार आयोजन देखने को मिला।(Wedding Muhurat ) इस अबूझ सावे पर शहर में विवाहों की धूम मच गई, जहां सैंकड़ों जोड़े परिणय सूत्र में बंधे। मैरिज गार्डन, सामुदायिक केन्द्र और बैंक्वेट हॉल से लेकर शहर की प्रमुख सड़कों तक बैंड-बाजा-बारात के शोर से गूंजते रहे। इस दिन की रौनक और उल्लास ने शहर को एक नई पहचान दी, जिसमें हर ओर खुशी का माहौल था।
मानव सेवार्थ चैरिटेबल ट्रस्ट का सामूहिक विवाह सम्मेलन
मानव सेवार्थ चैरिटेबल ट्रस्ट की ओर से मंगलवार को देवउठनी एकादशी के अवसर पर विद्याधर नगर सेक्टर 4 स्थित राजस्थान ब्राह्मण महासभा परशुराम भवन में द्वितीय सामूहिक विवाह सम्मेलन आयोजित किया गया। इस आयोजन में 11 जोड़े परिणय सूत्र में बंधे। विवाह कार्यक्रम की शुरुआत थाम रोपने के साथ हुई, जिसमें जगदीश शर्मा गुरुजी ने विशेष रूप से मार्गदर्शन किया।
गाजेबाजे के साथ दूल्हों की निकासी
सेक्टर 4 स्थित श्री शिव हनुमान मंदिर से गाजेबाजे के साथ दूल्हों की निकासी निकाली गई। दूल्हे और बाराती विभिन्न मार्गों से होते हुए विवाह स्थल पहुंचे। वरमाला के बाद प्रीतिभोज का आयोजन किया गया, और उसके बाद पाणिग्रहण संस्कार हुआ, जिसमें विद्वानों ने वैदिक पद्धति से विवाह सम्पन्न कराया। समारोह के अंत में अतिथि सम्मान और आशीर्वाद समारोह हुआ।
नव दंपत्तियों को आशीर्वाद
इस कार्यक्रम में ट्रस्ट की संस्थापक एवं निदेशक योति गौड़, सचिव डॉ. संजीव गौड़, संयुक्त सचिव प्रदीप बड़ाया और कोषाध्यक्ष राकेश शर्मा सहित अन्य लोगों ने नव दंपतियों को आशीर्वाद प्रदान किया।
श्री कृष्ण सेवा चैरिटेबल ट्रस्ट का तुलसी विवाह और सामूहिक विवाह सम्मेलन
श्री कृष्ण सेवा चैरिटेबल ट्रस्ट ने विद्याधरनगर सेक्टर 8 स्थित मां दक्षिणमुखी हनुमान मंदिर में तुलसी विवाह और द्वितीय सामूहिक विवाह सम्मेलन का आयोजन किया। इस अवसर पर प्रेमानंद महाराज के शिष्य दाऊजी महाराज के सान्निध्य में एक जरूरतमंद परिवार की बेटी परिणय सूत्र में बंधी। समाज ने मिलकर इस बेटी के हाथ पीले किए और विवाह में उपहार भेंट किए।
आगामी विवाह मुहूर्त
नवंबर में कई विवाह मुहूर्त उपलब्ध हैं, जिनमें 1, 16, 17, 18, 22, 25, 26, 28 और 29 नवंबर शामिल हैं। दिसंबर में 4, 5, 9, 10, 14 और 15 तारीख को भी विवाह हो सकते हैं। 22 और 29 नवंबर के बाद 9 और 10 दिसंबर को दिन और रात विवाह के लिए उत्तम मुहूर्त रहेंगे। दिसंबर की 14 तारीख को केवल दिन का समय ही विवाह के लिए अनुकूल होगा, क्योंकि उसके बाद खरमास शुरू हो जाएगा। 16 दिसंबर से सूर्य के धनु राशि में प्रवेश के साथ खरमास की शुरुआत हो जाएगी, जो 15 जनवरी 2025 तक रहेगा। इस दौरान मांगलिक कार्यों पर विराम रहेगा, और 15 जनवरी को सूर्य के मकर राशि में प्रवेश के साथ खरमास समाप्त होगा, जिससे फिर से मांगलिक कार्यों के मुहूर्त की शुरुआत होगी।
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