Govind Dev Ji :ठाकुरजी के दर्शन में समय बढ़ा, लेकिन क्यों? इस दिलचस्प बदलाव के पीछे की कहानी जानें!”

Govind Dev Ji : जब अंग्रेजी नववर्ष की दस्तक भक्ति की धुन में घुल जाए और नए साल की शुरुआत ठाकुरजी की कृपा से हो, तो इससे शुभ क्षण और क्या हो सकता है? हर भक्त का सपना होता है कि वह साल का अंत और नई शुरुआत ठाकुरजी के दिव्य दर्शन के साथ करे। इस बार, ठाकुरजी स्वयं अपने भक्तों पर अतिरिक्त कृपा बरसाने को तैयार हैं।

2024 का अंत और 2025 का स्वागत ठाकुरजी के विशेष आशीर्वाद से होगा! (Govind Dev Ji)ठाकुरजी के भक्तों के लिए एक सुनहरा मौका है—31 दिसंबर और 1 जनवरी को मंगला झांकी के द्वार अधिक समय तक खुले रहेंगे। आम दिनों की तुलना में, यह झांकी विशेष रूप से सुबह 4:15 से 5:30 तक खुली रहेगी, जो हर भक्त को नए साल की शुरुआत में ठाकुरजी की अनमोल कृपा और दर्शन का दुर्लभ सौभाग्य प्रदान करेगी। तैयार हो जाइए, क्योंकि यह अनुभव न केवल भक्तिमय होगा, बल्कि आपके नववर्ष को अद्वितीय ऊर्जा और उत्साह से भर देगा!

 31 दिसंबर और 1 जनवरी को ज्यादा समय तक दर्शन

मंदिर के सेवाधिकारी मानस गोस्वामी ने बताया कि 31 दिसंबर और 1 जनवरी को दर्शनार्थियों की संख्या में भारी वृद्धि होती है, इसलिए झांकी के दर्शन का समय बढ़ाया गया है। इन दोनों दिनों में भक्तों को अधिक समय मिलेगा ताकि वे ठाकुरजी के दर्शन का पूरा आशीर्वाद ले सकें।

मंगला झांकी: 1 घंटे 15 मिनट तक खुलेगी

अभी मंगला झांकी केवल पंद्रह मिनट के लिए खुलती है, लेकिन 31 दिसंबर और 1 जनवरी को इसे एक घंटे पंद्रह मिनट तक दर्शन के लिए खोला जाएगा। यह समय वृद्धि खासकर उन भक्तों के लिए है जो नए साल की शुरुआत ठाकुरजी के दर्शन से करना चाहते हैं।

धूप झांकी: 15 मिनट अतिरिक्त दर्शन का समय

धूप झांकी में भी दर्शनार्थियों को 15 मिनट अतिरिक्त समय मिलेगा, जिससे भक्त ज्यादा देर तक ठाकुरजी के दर्शन कर सकेंगे।

राजभोग और संध्या झांकी में भी समय बढ़ाया गया

राजभोग झांकी में आधे घंटे तक अतिरिक्त समय मिलेगा, वहीं संध्या झांकी में भी ठाकुरजी के दर्शन आधे घंटे तक ज्यादा देर तक होंगे।

रात्रिकालीन शयन झांकी: 15 मिनट ज्यादा समय

रात्रि की शयन झांकी में भी 15 मिनट का अतिरिक्त समय भक्तों को दिया जाएगा, ताकि वे रात को भी ठाकुरजी के दर्शन का पुण्य प्राप्त कर सकें।

यह रहेगा झांकियों का समय:

(केवल 31 दिसंबर, 2024 और 01 जनवरी, 2025)

मंगला: प्रात: 4:15 से प्रात: 5:30 तक

धूप: प्रात:07: 45 से प्रात: 09:15 तक

श्रृंगार: 09:30 से 10:15 तक

राजभोग: 10: 45 से 11: 45 तक

ग्वाल: शाम 5:00 से 5:15 तक

संध्या: शाम 5:45 से 7:15 तक

शयन: रात्रि 8:00 से 8:30 तक

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Bodh Saurabh

प्रिंट मीडिया से पत्रकारिता की शुरुआत करते हुए दैनिक भास्कर, राजस्थान पत्रिका और खास खबर.कॉम जैसे प्रतिष्ठित प्लेटफॉर्म्स पर काम किया। गुलाबी नगरी जयपुर का निवासी, जहां की सांस्कृतिक और राजनीतिक धड़कन को बारीकी से समझा। धर्म, राजनीति, शिक्षा, कला और एंटरटेनमेंट से जुड़ी कहानियों में न सिर्फ गहरी रुचि बल्कि समाज को जागरूक और प्रेरित करने का अनुभव। सकारात्मक बदलाव लाने वाली रिपोर्टिंग के जरिए समाज की नई दिशा तय करने की कोशिश। कला और पत्रकारिता का अनोखा संगम, जो हर कहानी को खास बनाता है।

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