Samravata Village Violence Case: राजस्थान की राजनीति में उपचुनाव के दौरान हुई घटनाओं ने हलचल मचा दी है। टोंक जिले की देवली-उनियारा सीट पर 13 नवंबर को हुए उपचुनाव के दौरान (Samravata Village Violence Case)एक ऐसी घटना घटी जिसने प्रदेशभर का ध्यान खींचा।
निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा द्वारा मालपुरा SDM को थप्पड़ मारने और उसके बाद समरावता गांव में हुई हिंसा ने माहौल गरमा दिया। इस मुद्दे ने अब राजनीतिक रूप ले लिया है, और सत्तारूढ़ दल से लेकर विपक्ष तक सभी अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। बुधवार को इस विवाद में नया मोड़ तब आया, जब मंत्री किरोड़ीलाल मीणा ने टोंक जेल में बंद निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा से मुलाकात की। थप्पड़कांड के बाद की घटनाओं और गिरफ्तारियों को लेकर जनता और नेताओं के बीच बहस तेज हो गई है। मंत्री किरोड़ीलाल मीणा की इस मुलाकात को राजनीतिक रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है, जो इस विवाद को और तूल दे सकती है।
समरावता में किरोड़ी लाल मीणा का विरोध
राजस्थान के टोंक जिले के समरावता गांव में 13 नवंबर को हुए थप्पड़कांड के बाद विरोध की आवाजें तेज हो गई हैं। बुधवार को राजस्थान सरकार के कैबिनेट मंत्री किरोड़ी लाल मीणा और गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढ़म जब समरावता पहुंचे, तो उन्हें गांववालों का विरोध झेलना पड़ा। ग्रामीणों ने नरेश मीणा की रिहाई की मांग की और पुलिस कार्रवाई का विरोध किया, जिसके बाद किरोड़ी लाल ने मीडिया से बात करते हुए यह स्पष्ट किया कि नरेश मीणा की रिहाई किसी भी कीमत पर संभव नहीं है।
किरोड़ी लाल का बड़ा बयान: कानून का राज है
किरोड़ी लाल मीणा ने कहा, “चाहे 10 लाख रुपये भी इकट्ठा कर लिए जाएं, नरेश मीणा की रिहाई नहीं हो सकती। यह मामला कानून के तहत ही चलेगा और जो दोषी पाए जाएंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।” मंत्री ने इस मुद्दे पर ग्रामीणों से अपील की कि वे कानून के तहत ही अपना समाधान ढूंढें।
समरावता गांव में हुआ विरोध प्रदर्शन
जैसे ही मंत्री किरोड़ी लाल और मंत्री जवाहर सिंह बेढ़म समरावता पहुंचे, ग्रामीणों ने नरेश मीणा की रिहाई के लिए नारेबाजी शुरू कर दी। उन्होंने पुलिस कार्रवाई और गिरफ्तारी को लेकर सवाल उठाए और सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया।
नरेश मीणा का थप्पड़कांड और बाद की घटनाएं
13 नवंबर को देवली-उनियारा सीट पर उपचुनाव के दौरान समरावता गांव में नरेश मीणा की एसडीएम अमित चौधरी से तीखी झड़प हो गई थी। नरेश मीणा ने एसडीएम को थप्पड़ मारा था, जिसके बाद पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार किया। हालांकि, हिंसक झड़प के बाद ग्रामीणों ने उन्हें छुड़ाया था, लेकिन अगले दिन पुलिस ने उन्हें फिर से गिरफ्तार कर लिया। तब से ही नरेश मीणा की रिहाई के लिए प्रदर्शन जारी हैं।
किरोड़ी लाल मीणा का आश्वासन
मंत्री किरोड़ी लाल ने कहा कि जो भी नुकसान हुआ है, उसकी भरपाई सरकार करेगी और जेल में बंद लोगों के साथ अच्छा व्यवहार किया जा रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि जो प्रशासनिक अधिकारी रात के अंधेरे में उत्पात मचाने में शामिल थे, उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।
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