सरपंचों को प्रशासक बनाकर सरकार ने दिखाया भरोसा, ‘वन स्टेट, वन इलेक्शन’ की तैयारी को नई दिशा..

Rajasthan Politics: लोकतांत्रिक व्यवस्था में ग्राम पंचायतों की भूमिका निर्णायक होती है। राजस्थान में ग्रामीण विकास और शासन को सशक्त बनाने के उद्देश्य से सरकार ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया—निवर्तमान सरपंचों को ग्राम पंचायतों का प्रशासक नियुक्त करना। यह निर्णय व्यापक मंथन, अन्य राज्यों के मॉडल का अध्ययन और विधिक राय लेने के बाद लिया गया। (Rajasthan Politics)इस प्रक्रिया में सरपंच संघ के प्रतिनिधि मंडल से भी संवाद कर सहमति प्राप्त की गई।

यह कदम न केवल ग्रामीण प्रशासन में अनुभव और निरंतरता बनाए रखने के लिए उठाया गया है, बल्कि इसके राजनीतिक मायने भी गहरे हैं। राजस्थान सरकार ने यह फैसला ऐसे समय पर लिया है जब पंचायत चुनाव नजदीक हैं और राजनीतिक दल ग्रामीण मतदाताओं को रिझाने की रणनीति पर काम कर रहे हैं। निवर्तमान सरपंचों की नियुक्ति से सत्ताधारी दल को स्थानीय स्तर पर अपनी पकड़ मजबूत करने का अवसर मिल सकता है, वहीं विपक्ष इस पर सवाल खड़ा करते हुए इसे चुनावी लाभ लेने की रणनीति बता सकता है।

यह पहल ग्रामीण विकास में समावेशी दृष्टिकोण को दर्शाती है, लेकिन इसके राजनीतिक प्रभाव लंबे समय तक चर्चाओं में रहेंगे।

सरपंच संघ ने जताई खुशी

राजस्थान सरपंच संघ के प्रतिनिधि मंडल ने सरकार द्वारा निवर्तमान सरपंचों को ग्राम पंचायतों का प्रशासक नियुक्त करने के निर्णय पर खुशी जताई। सरपंचों ने मुख्यमंत्री से मुलाकात कर अपनी भावनाएं साझा की थीं, जिस पर मुख्यमंत्री ने सकारात्मक निर्णय का आश्वासन दिया था। इस मुलाकात में केकड़ी विधायक शत्रुघ्न गौतम, सरपंच संघ के प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर गढ़वाल और टोंक जिले की आवा ग्राम पंचायत के सरपंच दिव्यांश एम भारद्वाज सहित कई अन्य सरपंच शामिल थे।

सरपंचों को बनाया प्रशासक

गुरुवार को सरकार ने आदेश जारी कर निवर्तमान सरपंचों को प्रशासक बनाकर पंचायतों का संचालन करने की जिम्मेदारी सौंपी। राज्य में 6759 ग्राम पंचायतों का कार्यकाल 17 जनवरी, 2024 को समाप्त हो रहा था। इस स्थिति में सरकार ने राजस्थान पंचायती राज अधिनियम, 1994 के तहत विशेष शक्तियों का उपयोग करते हुए यह फैसला लिया। इस कदम से पंचायतों में प्रशासनिक अनुभव और स्थिरता बनी रहेगी।

‘वन स्टेट, वन इलेक्शन’ की तैयारी

सरकार ने ‘वन स्टेट, वन इलेक्शन’ के दृष्टिकोण से यह कदम उठाया है। इस प्रणाली के तहत पंचायत चुनावों को विधानसभा और लोकसभा चुनावों के साथ आयोजित किया जाएगा। इसका उद्देश्य वित्तीय और मानव संसाधनों की बचत करना है। इस निर्णय से न केवल पंचायत चुनावों में समन्वय स्थापित होगा, बल्कि यह राज्य को चुनावी सुधार की दिशा में भी एक नई राह पर ले जाएगा।

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Bodh Saurabh

Bodh Saurabh, a journalist from Jaipur, began his career in print media, working with Dainik Bhaskar, Rajasthan Patrika, and Khaas Khabar.com. With a deep understanding of culture and politics, he focuses on stories related to religion, education, art, and entertainment, aiming to inspire positive change through impactful reporting.

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