राजस्थान के 4 बड़े थप्पड़कांड! जानिए नेताओं के करियर पर क्या असर पड़ा और क्यों नहीं मिली सजा?

Rajasthan political slap cases: राजस्थान की राजनीति में नेताओं और अफसरों के बीच टकराव और विवाद कोई नई बात नहीं है। हाल के वर्षों में ऐसी कई घटनाएं सामने आई हैं,(Rajasthan political slap cases) जिन्होंने न केवल प्रशासनिक व्यवस्था को सवालों के घेरे में डाला, बल्कि राजनीतिक अखाड़े को भी गरमाया। इनमें से कई मामलों ने जनता के बीच चर्चा का विषय बनकर राजस्थान की राजनीति को एक नया मोड़ दिया है।

टोंक जिले की देवली-उनियारा विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव के दौरान 13 नवंबर को एक घटना ने राजस्थान की राजनीति में भूचाल ला दिया। निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा द्वारा एसडीएम अमित चौधरी को थप्पड़ मारने की घटना ने प्रदेश की राजनीति को गर्मा दिया है। यह मामला प्रशासनिक और राजनीतिक स्तर पर टकराव का ताजा उदाहरण बन गया है।

यह घटना न केवल क्षेत्रीय स्तर पर गहरी छाप छोड़ रही है, बल्कि इससे प्रदेश में सत्ता और विपक्ष के बीच राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है। इससे पहले भी प्रदेश में नेताओं और अधिकारियों के बीच टकराव के ऐसे कई मामले सामने आए हैं। इनमें से कुछ मामले दशकों बाद भी अदालतों में लंबित हैं, जो इस प्रकार की घटनाओं के गंभीर प्रभाव को उजागर करते हैं।

1997: जब मंत्री ने सचिव को चैंबर में पीटा, अब तक चल रहा मामला

1997 में राजस्थान की भाजपा सरकार में सिंचाई मंत्री देवी सिंह भाटी ने विभागीय सचिव पीके देव को अपने चैंबर में बुलाकर उनकी पिटाई कर दी। देव चैंबर से निकले तो उनके कपड़े और बाल अस्त-व्यस्त थे।
इस घटना के बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री भैरोंसिंह शेखावत ने भाटी से इस्तीफा मांगा। मामला सीआईडी-सीबी को सौंपा गया, लेकिन 22 साल बाद 2019 में चालान पेश हुआ। हाईकोर्ट ने 2022 में चार्जशीट खारिज कर दी, और यह मामला आज भी अधर में लटका है।

2001: कलेक्टर के सामने विधायक ने एसपी को थप्पड़ मारा

केकड़ी के कांग्रेस विधायक बाबूलाल सिंगारिया ने 2001 में जिला बैठक के दौरान अजमेर एसपी आलोक त्रिपाठी को थप्पड़ मार दिया।
22 साल की जांच के बाद, 2023 में अजमेर कोर्ट ने उन्हें तीन साल की सजा और एक लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। इस घटना ने सिंगारिया का राजनीतिक करियर खत्म कर दिया। कांग्रेस ने टिकट देना बंद कर दिया, और वे धीरे-धीरे राजनीति से बाहर हो गए।

2022: आईएफएस अधिकारी को थप्पड़ मारने पर जेल गए विधायक

पूर्व विधायक भवानी सिंह राजावत ने 2022 में वन विभाग के अधिकारी डीएफओ रवि मीणा को थप्पड़ मारा। विवाद फॉरेस्ट लैंड पर मंदिर के रास्ते को लेकर हुआ था।
इस घटना के बाद भवानी सिंह को 10 दिन जेल में रहना पड़ा। उन्हें जमानत पर रिहा किया गया, लेकिन मामला अब भी कोर्ट में लंबित है।

2022: इंजीनियर पर हमला, विधायक पर सुप्रीम कोर्ट का शिकंजा

2022 में कांग्रेस विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा और उनके समर्थकों ने डिस्कॉम इंजीनियर हर्षादापति के साथ मारपीट कर उनके हाथ-पैर तोड़ दिए।
सुप्रीम कोर्ट ने मलिंगा को सरेंडर करने का आदेश दिया। उन्होंने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया और बाद में जमानत पर रिहा हो गए। यह मामला भी अभी जांच के अधीन है।

राजस्थान की राजनीति में थप्पड़ों की गूंज

राजस्थान की राजनीति में अफसरों और नेताओं के बीच टकराव कोई नई बात नहीं है। लेकिन ये घटनाएं न केवल प्रशासनिक प्रणाली पर सवाल उठाती हैं, बल्कि नेताओं की साख पर भी गहरा प्रभाव छोड़ती हैं। हर घटना अपने पीछे एक नई बहस और लंबित न्याय छोड़ जाती है।

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Bodh Saurabh

Bodh Saurabh, a journalist from Jaipur, began his career in print media, working with Dainik Bhaskar, Rajasthan Patrika, and Khaas Khabar.com. With a deep understanding of culture and politics, he focuses on stories related to religion, education, art, and entertainment, aiming to inspire positive change through impactful reporting.

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