Rajasthan: 900 करोड़ का बड़ा घोटाला!पूर्व मंत्री और 22 अधिकारियों पर FIR, फर्जी सर्टिफिकेट- ईमेल आईडी से खेला खेल!

Jal Jeevan Mission scam: जल जीवन मिशन (जेजेएम) में 900 करोड़ का महाघोटाला सामने आते ही राज्य में हड़कंप मच गया है। एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने इस मामले में पूर्व मंत्री महेश जोशी सहित 22 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है, (Jal Jeevan Mission scam)जिनमें जेजेएम के वित्तीय सलाहकार, चीफ इंजीनियर, एडिशनल चीफ इंजीनियर, सुपरिटेंडेंट इंजीनियर और एग्जीक्यूटिव इंजीनियर के नाम भी शामिल हैं। इस पूरे प्रकरण में ईमेल आईडी एक अहम कड़ी साबित हुई है, जिसके माध्यम से एसीबी को घोटाले के ठोस सबूत मिले। प्रत्येक ईमेल आईडी की बारीकी से जांच करने पर अधिकारियों के भ्रष्टाचार का काला चिट्ठा खुलकर सामने आया। फर्जी सर्टिफिकेट का सहारा लेकर टेंडर बांटने की यह साजिश, एक चौंकाने वाले घोटाले की तस्वीर पेश करती है।

बहरोड़ में एग्जीक्यूटिव इंजीनियर से पूछताछ में खुलासा

एसीबी की पूछताछ में बहरोड़ के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर मायाराम सैनी ने जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग (पीएचईडी) में जल जीवन मिशन (जेजेएम) के काम में व्यापक भ्रष्टाचार का पर्दाफाश किया। आरोपों के अनुसार, महेश मित्तल और पदमचंद जैन ने फर्जी प्रमाण पत्र तैयार कर अधिकारियों से मिलीभगत की और राजस्थान में विभिन्न स्थानों पर टेंडर हासिल किए।

फर्जी अनुभव प्रमाण पत्रों से हासिल किए गए टेंडर

एसीबी की जांच से पता चला कि मित्तल और जैन ने इरकॉन इंटरनेशनल लिमिटेड के फर्जी प्रमाण पत्रों का उपयोग कर टेंडर प्राप्त किए। इस दौरान अधिकारियों ने अयोग्य फर्मों को टेंडर दिए और भुगतान जारी रखा, जिससे जेजेएम कार्यों में भ्रष्टाचार के गंभीर प्रमाण मिले।

एसीबी ने 18 जनवरी, 2024 को इस घोटाले के आधार पर एफआईआर दर्ज की, जिसकी जांच एडिशनल एसपी एसीबी विशनाराम को सौंपी गई। जांच में यह पुष्टि हुई कि फर्जी सर्टिफिकेट और अनुभव के नाम पर टेंडर देने में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ, जिसमें मुकेश पाठक, पदमचंद जैन समेत कई अधिकारी शामिल थे।

ईमेल आईडी से ट्रैक हुए सही अपराधी

एसीबी को कुछ ईमेल आईडी से संदिग्ध गतिविधियों का सुराग मिला, जिनका उपयोग टेंडर प्राप्त करने में किया गया था। एसीबी ने मुकेश पाठक से पूछताछ की तो mukeshpathakircon@gmail.com, ircon.mdwp3@gmail.com, और अन्य कई ईमेल आईडी से फर्जीवाड़ा उजागर हुआ। जांच में पाया गया कि इन ईमेल आईडी का सीधा संबंध मुकेश पाठक और देवेंद्र सिंह से है, जिन्होंने फर्जी डोमेन आईडी और ईमेल तैयार करवाई थीं।

देवेंद्र सिंह और पदमचंद जैन की मिलीभगत

एसीबी की जांच से सामने आया कि देवेंद्र सिंह, जो श्याम ट्यूबवेल कंपनी और गणपति ट्यूबवेल के टेंडर भरने का काम करता था, ने पदमचंद जैन के कहने पर ईमेल आईडी और डोमेन तैयार किए थे। इस काम का भुगतान पदमचंद जैन द्वारा किया गया था। देवेंद्र सिंह के कंप्यूटर से इन फर्मों के टेंडर की सॉफ्ट कॉपी मिली, जिसके आधार पर जांच में पूर्व मंत्री समेत 22 अन्य व्यक्तियों की भूमिका का खुलासा हुआ।

पूर्व मंत्री महेश जोशी का बयान: टेंडर प्रक्रिया में मंत्री की भूमिका नहीं

पूर्व मंत्री महेश जोशी ने अपने ऊपर लगे आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि टेंडर प्रक्रिया में मंत्री की कोई भूमिका नहीं होती है। उन्होंने कहा कि वे एफआईआर की जानकारी पूरी तरह नहीं पढ़ सके हैं, परंतु टेंडर ऑनलाइन प्रक्रिया के तहत दिए जाते हैं। महेश जोशी ने बताया कि उनके कार्यकाल में जिन फर्मों पर संदेह हुआ, उनके खिलाफ उन्होंने स्वयं कार्रवाई की थी। इन फर्मों को ब्लैकलिस्ट किया गया था, उनके भुगतान रोके गए थे, और वर्क ऑर्डर रद्द कर दिए गए थे। उन्होंने एक एक्सईएन को सस्पेंड करने की भी पुष्टि की। महेश जोशी ने यह भी कहा कि वे जांच एजेंसी के बुलाने पर हर प्रकार से सहयोग करेंगे।

जल जीवन मिशन में राजस्थान का योगदान और खर्च का स्थान

जल जीवन मिशन (जेजेएम) जल शक्ति मंत्रालय की सबसे बड़ी योजना है, जिसका उद्देश्य 2024 तक प्रत्येक ग्रामीण परिवार को घरेलू नल कनेक्शन के माध्यम से प्रतिदिन प्रति व्यक्ति 55 लीटर पानी उपलब्ध कराना है। पांच वर्षों (2020-2024) के लिए इस परियोजना का कुल बजट 3.6 लाख करोड़ रुपये है, जिसमें केंद्र सरकार 58 प्रतिशत या लगभग 2.8 लाख करोड़ रुपये का योगदान करेगी, जबकि शेष फंड राज्यों द्वारा साझा किया जाएगा।

जून 2023 तक राजस्थान ने जेजेएम परियोजना में पैसे खर्च करने के मामले में देश में दूसरा स्थान प्राप्त किया था। इस परियोजना के तहत राज्य के 22 जिलों – अलवर, बांसवाड़ा, बाड़मेर, भरतपुर, बीकानेर, चित्तौड़गढ़, दौसा, धौलपुर, डूंगरपुर, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, जैसलमेर, झुंझुनूं, जोधपुर, नागौर, पाली, प्रतापगढ़, राजसमंद, सवाईमाधोपुर, सीकर, सिरोही, और उदयपुर के गांवों में नल कनेक्शन उपलब्ध कराने का काम किया जा रहा है।

जेजेएम घोटाला: शिकायतों के बाद एसीबी की जांच में खुलासा

जल जीवन मिशन (जेजेएम) में भ्रष्टाचार को लेकर लगातार शिकायतें मिल रही थीं। इन शिकायतों के बाद एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने जांच शुरू की, जिसमें घोटाले की पुष्टि हुई। जांच के आधार पर एसीबी ने सरकार से एफआईआर की अनुमति मांगी, और अनुमति मिलते ही एफआईआर दर्ज कर ली गई। इस एफआईआर में पूर्व मंत्री महेश जोशी का नाम भी शामिल है। एसीबी के डीजी डॉ. रवि प्रकाश ने बताया कि जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ेगी, इस मामले में अन्य लोगों के नाम भी सामने आ सकते हैं।

Bodh Saurabh

Bodh Saurabh, a journalist from Jaipur, began his career in print media, working with Dainik Bhaskar, Rajasthan Patrika, and Khaas Khabar.com. With a deep understanding of culture and politics, he focuses on stories related to religion, education, art, and entertainment, aiming to inspire positive change through impactful reporting.

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