Rajasthan: जल जीवन मिशन घोटाला! 12 इंजीनियरों पर मुकदमा, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं

Jal Jeevan Mission scam: एक ऐसा घोटाला जिसने जल जीवन मिशन (जेजेएम) की साख पर बट्टा लगाया है, और जिसकी गूँज पूरे प्रदेश में सुनाई दे रही है। (Jal Jeevan Mission scam)फर्जी अनुभव प्रमाण पत्रों के सहारे बड़े-बड़े टेंडर हासिल किए गए और उन पर मुहर लगाने वाले इंजीनियरों की मिलीभगत ने सरकारी तंत्र पर सवाल खड़े कर दिए हैं। एसीबी (एंटी करप्शन ब्यूरो) ने इस गड़बड़ी का पर्दाफाश करते हुए 12 इंजीनियरों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया, लेकिन जलदाय विभाग की निष्क्रियता और ढुलमुल रवैया इन दोषियों पर कार्रवाई करने से रोकता रहा।

पिछले दिनों एसीबी ने एक चीफ इंजीनियर को सस्पेंड कर जल जीवन मिशन घोटाले में अपनी गंभीरता दिखाई, लेकिन करोड़ों रुपये के इस घोटाले में शामिल अन्य 12 इंजीनियर अब भी खुलेआम घूम रहे हैं। एक साल से अधिक समय बीत चुका है, और फर्जी दस्तावेजों के आधार पर टेंडर देने वाले ये इंजीनियर अब भी अपनी कुर्सियों पर काबिज हैं। आखिर कब तक यह खेल चलता रहेगा और न्याय का इंतजार करते रहेंगे प्रदेश के लोग? जेजेएम के 979 करोड़ रुपये के घोटाले का सच कब आएगा सामने?

घोटाले को एक साल बीता, लेकिन केवल एक सस्पेंड

जल जीवन मिशन के 979 करोड़ के घोटाले को लेकर एसीबी, ईडी व सीबीआई जांच कर रहे हैं। जलदाय विभाग की जांच रिपोर्ट में भी साबित हो गया कि करोड़ों के इस घोटाले में इरकॉन के नाम पर फर्जी प्रमाण पत्र बनाए गए थे। लेकिन अब तक इस करोड़ों के घोटाले में केवल एक एक्सईएन सस्पेंड हुआ है। बाकी दागी इंजीनियरों पर कार्रवाई करने के बजाय कुछ को विभाग ने प्रमोशन दे दिया।

उच्च पदों पर बैठे घोटाले के आरोपी

जेजेएम घोटाले में आरोपी दिनेश गोयल फिलहाल चीफ इंजीनियर प्रशासन हैं और जेजेएम में रहे चीफ इंजीनियर आरके मीणा को क्वालिटी कंट्रोल की जिम्मेदारी दे रखी है। अन्य अधिकारियों को भी प्राइम पोस्टिंग दी गई है। जबकि मुख्यमंत्री इन अधिकारियों पर एसीबी केस के लिए अभियोजन स्वीकृति दे चुके हैं।

रिश्वत की किस्त ने रोकी ठेकेदारों पर कार्रवाई

एसीबी की एफआईआर के अनुसार, आरोप है कि इंजीनियरों को पहले ही फर्मों के टेंडर लेने के लिए किए जा रहे फर्जीवाड़े के बारे में जानकारी थी। एक वकील ने तीन लीगल नोटिस भी भेजे, इसके बाद शिकायतें हुईं। लेकिन कार्रवाई को अधिकारियों ने दबा दिया। आरोप है कि अधिकारियों को रिश्वत किस्तों में मिल रही थी। हर बिल पास करने से पहले तय रिश्वत जाती थी।

ये भी पढ़े :

Rajasthan Safai Karamchari Recruitment 2024: अब तक आवेदन नहीं किया? अब देर मत करें!

Bodh Saurabh

Bodh Saurabh, a journalist from Jaipur, began his career in print media, working with Dainik Bhaskar, Rajasthan Patrika, and Khaas Khabar.com. With a deep understanding of culture and politics, he focuses on stories related to religion, education, art, and entertainment, aiming to inspire positive change through impactful reporting.

Related Posts

Rajasthan News: जयपुर होटल का ‘धाकड़ वीडियो पार्ट 2’ हुआ वायरल, सोशल मीडिया पर मचा तहलका, मूक दर्शक बना सिस्टम

Rajasthan News:…

Rajasthan News: हिंदू मंदिर के सामने मयखाना? जयपुरवासियों ने किया विरोध, प्रशासन से दुकान हटाने की मांग

Rajasthan News: …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *