Rajasthan By Election 2024: क्या भाजपा की नई सरकार टिक पाएगी? कांग्रेस की वापसी की है तैयारी!”

Rajasthan By Election 2024: राजस्थान की राजनीति में एक बार फिर सरगर्मी तेज हो गई है। जहां 2024 के विधानसभा चुनावों में भाजपा ने बड़ी जीत हासिल की थी, (Rajasthan By Election 2024)वहीं लोकसभा चुनाव में कांग्रेस नेतृत्व वाले इंडिया गठबंधन ने शानदार वापसी करते हुए सबको चौंका दिया। अब ये विधानसभा उपचुनाव दोनों प्रमुख दलों के लिए अग्निपरीक्षा साबित होंगे। यह चुनाव न केवल प्रदेश सरकार के प्रति लोगों की संतुष्टि का मापदंड होगा, बल्कि यह भी स्पष्ट करेगा कि कौन सा दल जनता के दिलों में अपनी जगह बनाए हुए है।

राज्य की 7 विधानसभा सीटों – दौसा, झुंझुनूं, देवली उनियारा, रामगढ़, खींवसर, सलूंबर और चौरासी में कुल 69 उम्मीदवारों के बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा है। कांग्रेस के लिए यह चुनाव लोकसभा चुनाव के नतीजों को दोहराने का एक महत्वपूर्ण मौका है, जबकि राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी और बाप जैसी क्षेत्रीय पार्टियों के लिए यह उनके सियासी वजूद को बचाने की चुनौती है।

भाजपा की अग्निपरीक्षा:

इन उपचुनावों में सबसे बड़ी परीक्षा भाजपा की है, क्योंकि 10 महीने पुरानी राजस्थान की भजनलाल सरकार के लिए यह चुनाव एक लिटमस टेस्ट की तरह देखा जा रहा है। इन उपचुनावों के नतीजे इस बात का संकेत देंगे कि प्रदेश की जनता सरकार के कार्यों से कितनी संतुष्ट है और आगामी चुनावों में किस दल को अपनी पकड़ मजबूत करने का अवसर मिलेगा।

त्रिकोणीय मुकाबला वाली 5 सीटें:

राजस्थान विधानसभा उपचुनाव में सात सीटों पर मतदान हो रहा है, जिसमें पांच सीटों पर त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल रहा है। ये सीटें हैं – खींवसर, चौरासी, सलूंबर, झुंझुनू और देवली उनियारा। इन सीटों पर भाजपा, कांग्रेस और क्षेत्रीय दलों के बीच कड़ा मुकाबला है। दौसा और रामगढ़ सीट पर भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला है।

दौसा सीट: सबसे हॉट सीट

इन उपचुनावों में दौसा सीट सबसे ज्यादा चर्चा में है। दौसा सीट पर भाजपा के मंत्री किरोड़ी लाल मीणा और कांग्रेस के नेता सचिन पायलट की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। भाजपा से किरोड़ी लाल मीणा के भाई जगन मोहन मीणा जबकि कांग्रेस से दीनदयाल बैरवा चुनावी मैदान में हैं। इस सीट को लेकर दोनों दलों में जोरदार संघर्ष देखने को मिलेगा।

खींवसर सीट: हनुमान बेनीवाल की प्रतिष्ठा दांव पर

खींवसर विधानसभा सीट पर आरएलपी के प्रमुख हनुमान बेनीवाल की पत्नी कनिका बेनीवाल चुनावी मैदान में हैं। यहां भाजपा और कांग्रेस के साथ त्रिकोणीय मुकाबला हो रहा है। हनुमान बेनीवाल की प्रतिष्ठा इस सीट पर दांव पर है, और यह सीट भी महत्वपूर्ण बन गई है।

चौरासी सीट: बाप पार्टी के लिए चुनौती

चौरासी सीट आदिवासी बेल्ट में स्थित है और यहां पर तेज़ी से उभरने वाली बाप पार्टी के लिए अपना गढ़ बचाने की चुनौती है। भाजपा और कांग्रेस के मुकाबले बाप पार्टी को इस सीट पर अपनी स्थिति बनाए रखने की चुनौती का सामना करना पड़ेगा।

पांच सीटों पर त्रिकोणीय मुकाबला

  1. झुंझुनूं: बीजेपी – राजेंद्र भांबू, कांग्रेस – अमित ओला, निर्दलीय – राजेंद्र गुढ़ा
  2. खींवसर: बीजेपी – रेवंत राम, कांग्रेस – रतन चौधरी, आरएलपी – कनिका बेनीवाल
  3. चौरासी: बीजेपी – कारीलाल ननोमा, कांग्रेस – महेश रोत, बाप – अनिल कटारा
  4. सलूंबर: बीजेपी – शांता देवी, कांग्रेस – रेशमा मीणा, बाप – जीतेश कटारा
  5. देवली उनियारा: बीजेपी – राजेंद्र गुर्जर, कांग्रेस – केसी मीणा, निर्दलीय – नरेश मीणा

दो सीटों पर भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला

  1. दौसा: बीजेपी – जगमोहन मीणा, कांग्रेस – दीनदयाल बैरवा
  2. रामगढ़: बीजेपी – सुखवंत सिंह, कांग्रेस – आर्यन जुबेर खान

राष्ट्रीय मुद्दों पर फोकस राजस्थान उपचुनावों में स्थानीय मुद्दों की बजाय राष्ट्रीय मुद्दों की गूंज सुनाई दी। भाजपा के नेताओं ने धारा 370, राम मंदिर और लैंड जिहाद जैसे मुद्दों को उठाया। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और भाजपा के बड़े नेता राहुल गांधी और नेशनल कांफ्रेंस को धारा 370 हटाने की चुनौती देते रहे। वहीं, रामगढ़ में मुस्लिम बहुल इलाके की सीट पर शिक्षा मंत्री ने लैंड जिहाद का मुद्दा उठाया। देवली उनियारा सीट पर कांग्रेस के पूर्व मंत्री रघु शर्मा ने विवादित बयान दिया, जिससे चुनावों में और उथल-पुथल मची।

कांग्रेस की सक्रियता में कमी

कांग्रेस के बड़े नेता, जैसे अशोक गहलोत और सचिन पायलट, इन उपचुनावों में उतनी सक्रियता नहीं दिखा पाए। महाराष्ट्र और अन्य राज्यों के चुनाव प्रचार में व्यस्त होने के कारण इन नेताओं ने राजस्थान के उपचुनावों के लिए ज्यादा समय नहीं निकाला। इस कारण कांग्रेस को भाजपा को घेरने में परेशानी का सामना करना पड़ा और लोकसभा चुनाव जैसा माहौल बनाने में वह पूरी तरह से सफल नहीं हो पाए।

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Bodh Saurabh

Bodh Saurabh, a journalist from Jaipur, began his career in print media, working with Dainik Bhaskar, Rajasthan Patrika, and Khaas Khabar.com. With a deep understanding of culture and politics, he focuses on stories related to religion, education, art, and entertainment, aiming to inspire positive change through impactful reporting.

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