
Rafale:भारतीय वायुसेना में अगले महीने शामिल होने वाला राफेल फाइटर जेट (Rafale Fighter Jets) न केवल भारत के रक्षा सामर्थ्य को नया आयाम देगा, बल्कि यह दुनिया के सबसे ताकतवर लड़ाकू विमानों में से एक माना जाता है। राफेल की मारक क्षमता, उन्नत तकनीक और स्ट्राइक पावर भारतीय वायुसेना को दुश्मन के मुकाबले एक नया फायदा देगा। (Rafale)अब सवाल ये उठता है कि आखिर यह राफेल कितना ताकतवर है और इसके आने से वायुसेना की ताकत किस स्तर तक बढ़ेगी? आइए, जानें इस बहुचर्चित विमान की खासियतों के बारे में, जो भारतीय रक्षा के लिए एक गेम-चेंजर साबित हो सकता है।
जानें, राफेल की खूबियां
राफेल को दुनिया का सबसे ताकतवर लड़ाकू विमान माना जाता है। इस विमान की विशेषताएँ इसे न केवल भारत के लिए, बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक रणनीतिक ताकत बना देती हैं। आइए, जानते हैं राफेल के बारे में कुछ महत्वपूर्ण और दिलचस्प बातें, जो इसे इतना खास बनाती हैं।
मारक क्षमता और मिसाइलों की ताकत
राफेल की मारक क्षमता बेहद अद्वितीय है। इसे खासकर अपनी हवा से हवा और हवा से जमीन में निशाना लगाने की क्षमता के लिए जाना जाता है। सूत्रों के अनुसार, राफेल में जो क्षमता है, वह चीन और पाकिस्तान दोनों के विमानों में नहीं है, जिससे भारत इन दोनों देशों से कहीं आगे है।
मीटियॉर मिसाइल:राफेल में लगी मीटियॉर मिसाइल इसे और भी शक्तिशाली बनाती है। यह मिसाइल हवा से हवा में मार सकती है और इसकी मारक क्षमता 150 किलोमीटर तक है, यानी राफेल बिना सीमा पार किए भी दुश्मन के विमान को नष्ट कर सकता है।
स्काल्प मिसाइल: दूसरी महत्वपूर्ण मिसाइल है- स्काल्प मिसाइल, जिसकी मारक क्षमता 600 किलोमीटर है। इसका मतलब है कि राफेल 600 किलोमीटर दूर बैठे दुश्मन पर भी अचूक निशाना लगा सकता है, और यह मिसाइल अपनी सटीकता के लिए प्रसिद्ध है।
हैमर मिसाइल: इसके अलावा, भारतीय वायुसेना ने राफेल के बेड़े को और ताकतवर बनाने के लिए हैमर मिसाइल का ऑर्डर दिया है, जो 60-70 किलोमीटर की रेंज तक दुश्मन को निशाना बना सकती है। यह मिसाइल भारत के लिए खास महत्वपूर्ण है, खासकर चीन के साथ बढ़ते तनाव के बीच।
राफेल की भूमिका और वायु सेना की ताकत
वायुसेना के एयर चीफ मार्शल आरके एस भदौरिया ने कहा था कि राफेल के आने से भारत की वायुक्षमता में महत्वपूर्ण वृद्धि होगी, लेकिन उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि केवल 36 राफेल विमान भारतीय वायुसेना की सभी आवश्यकताओं को पूरा नहीं कर सकते। इसके लिए सुखोई 30 और मिग-29 जैसे अन्य लड़ाकू विमानों की जरूरत होगी।
राफेल डील और आने वाले विमान
भारत ने फ्रांस से राफेल विमानों की डील की है, जिसके तहत कुल 36 विमान खरीदे गए हैं। पहले पांच विमान बुधवार को अंबाला एयरफोर्स स्टेशन पर पहुंच रहे हैं, और बाकी विमानों को फ्रांस में ही ट्रेनिंग के लिए रखा जाएगा। पूरी डिलीवरी 2022 के पहले भारत को पूरी तरह से हो जाएगी।
राफेल का भविष्य और भारतीय वायुसेना की ताकत
राफेल का भारत में शामिल होना भारतीय वायुसेना के लिए एक गेम-चेंजर साबित हो सकता है। इसकी अत्याधुनिक तकनीक और शक्तिशाली मिसाइलों के साथ, राफेल भारतीय रक्षा की रीढ़ बनने के लिए तैयार है। भारत के आस-पास के देशों से होने वाले सुरक्षा खतरों को ध्यान में रखते हुए, राफेल भारतीय वायुसेना के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जो अगले स्तर की ताकत प्रदान करेगा।
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