
Premanand Maharaj video Fact Check: सोशल मीडिया पर इन दिनों एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि प्रेमानंद महाराज ने आदि गुरु शंकराचार्य को लेकर विवादित टिप्पणी की है। इस वीडियो के आधार पर तरह-तरह की चर्चाएं हो रही हैं, और कई भ्रामक बातें भी फैलाई जा रही हैं। लेकिन क्या सच में प्रेमानंद महाराज ने ऐसा कुछ कहा? या फिर यह सिर्फ एक गलतफहमी का नतीजा है?
जब इस वीडियो की गहराई से जांच की गई और इसे मूल संदर्भ में देखा गया, तो चौंकाने वाली सच्चाई सामने आई। दरअसल, प्रेमानंद महाराज ने आदि गुरु शंकराचार्य की आलोचना नहीं की, बल्कि उनकी महानता का बखान किया। (Premanand Maharaj video Fact Check)उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि शंकराचार्य जी को समझना हर किसी के बस की बात नहीं है, क्योंकि वे एक दिव्य चेतना के प्रतीक हैं। फिर यह विवाद क्यों फैला? किसने इस वीडियो को तोड़-मरोड़कर पेश किया? आइए जानते हैं इस पूरे मामले की असली सच्चाई।
क्या कहा था प्रेमानंद जी महाराज ने?
प्रेमानंद महाराज जी ने अपने प्रवचन में कहा, “कहां एक मच्छर गरुड़ की महिमा को जान सका है।” इसका गूढ़ अर्थ यह था कि सामान्य बुद्धि वाले लोग आदि गुरु शंकराचार्य जी की गहराई को नहीं समझ सकते। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि “स्वयं भगवान ही शंकराचार्य के रूप में प्रकट हुए हैं।”
प्रेमानंद जी महाराज ने शंकराचार्य जी को वेदों से प्रमाणित भक्ति का प्रचारक बताया। उन्होंने कहा कि शंकराचार्य जी द्वारा स्थापित मठों के गुरुजन धर्म संचालन का कार्य करते हैं और उनकी शिक्षाओं को आत्मसात करने के लिए गहरी आध्यात्मिक योग्यता आवश्यक होती है। उन्होंने यह भी कहा कि जो लोग धर्म की बुनियादी बातों को नहीं समझते, वे वेदांत के गूढ़ तत्वों को कैसे समझ पाएंगे? शंकराचार्य जी के विचारों को सही रूप से आत्मसात करने के लिए शास्त्रों का अध्ययन, गुरुजनों की सेवा और भक्ति मार्ग का पालन अनिवार्य है।
वायरल वीडियो के साथ क्या छेड़छाड़ हुई?
वायरल हो रहे वीडियो को गलत संदर्भ में काट-छांटकर पेश किया गया, जिससे यह भ्रम फैल गया कि प्रेमानंद जी महाराज ने आदि गुरु शंकराचार्य जी के बारे में नकारात्मक टिप्पणी की है। लेकिन जब पूरी वीडियो की जांच की गई, तो स्पष्ट हुआ कि उन्होंने शंकराचार्य जी की महिमा का गुणगान किया था।
इस प्रकार, संपादित वीडियो पूरी तरह भ्रामक है। इसे इस तरह पेश किया गया कि लोगों में गलतफहमी फैले और विवाद उत्पन्न हो।
निष्कर्ष:
दावा झूठा है – प्रेमानंद जी महाराज ने आदि गुरु शंकराचार्य जी के खिलाफ कोई आपत्तिजनक टिप्पणी नहीं की। संपादित वीडियो भ्रामक है – इसे गलत तरीके से काटकर प्रस्तुत किया गया, जिससे विवाद उत्पन्न हुआ।
असली वीडियो में महिमा का गुणगान – महाराज जी ने स्पष्ट रूप से शंकराचार्य जी को भगवत्स्वरूप बताया है।
क्या करें?
अगर आपको ऐसा कोई वीडियो मिले तो बिना जांचे-परखे उसे साझा न करें। हमेशा पूरी जानकारी प्राप्त करें और आधिकारिक स्रोतों से पुष्टि करें। गलतफहमी से बचें और सत्य को फैलाएं!
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