भारत से युद्ध को बेताब पाकिस्तान क्यों उकसा रहा है? जनरल मुनीर की हेकड़ी कैसे टूटेगी?

Pahalgam terror attack : 22 अप्रैल 2025….एक तारीख जो फिर से भारत की धरती पर आतंक के ज़ख्म छोड़ गई। जम्मू-कश्मीर के खूबसूरत पर्यटन स्थल पहलगाम की वादियों में उस दिन गूंजे गोलियों और धमाकों की आवाज़ें, जब लश्कर-ए-तैयबा की छद्म शाखा “द रेसिस्टेंस फ्रंट (TRF)” ने एक सुनियोजित आतंकी हमला अंजाम दिया। इस हमले की जिम्मेदारी भले TRF ने ली हो, लेकिन पर्दे के पीछे से डोर हिला रही है पाकिस्तान की सेना और ISI, जिनका मकसद अब किसी से छुपा नहीं है।

इस आतंकी हमले के तुरंत बाद पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर के भड़काऊ बयान, और हमले की सटीक टाइमिंग ने कई संदेहों को जन्म दिया है। (Pahalgam terror attack )एक ओर पाकिस्तान आर्थिक कंगाली, भीतरी राजनीतिक उथल-पुथल और बलूच विद्रोह से जूझ रहा है, दूसरी ओर वह भारत को खुलेआम युद्ध की धमकी दे रहा है। ऐसे में बड़ा सवाल ये उठता है — आखिर पाकिस्तान इस ख़तरनाक खेल में क्यों कूद पड़ा है? और भारत इसका जवाब किस तरह देगा?

 

हिंदू-विरोधी बयान और आतंक को हरी झंडी

16 अप्रैल को मुनीर ने प्रवासी पाकिस्तानियों के सम्मेलन में हिंदुओं को “हर पहलू में अलग” बताकर दो-राष्ट्र सिद्धांत को हवा दी और कश्मीर को “पाकिस्तान की जुगुलर वेन” करार दिया। एक सप्ताह बाद पहलगाम में गैर-मुस्लिमों को चुन-चुनकर मारा गया। पूर्व पेंटागन अधिकारी माइकल रुबिन ने कहा, “मुनीर के बयान ने आतंक को हरी झंडी दी।” खुफिया सूत्रों के मुताबिक, यह हमला ISI और लश्कर कमांडर सैफुल्लाह कसूरी की साजिश थी, जिसे मुनीर की शह मिली। मुनीर की हिंदू-विरोधी रणनीति भारत को भड़काकर सांप्रदायिक तनाव बढ़ाने की कोशिश है।

आंतरिक संकट झेल रहे मुनीर का युद्ध का सहारा

पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था IMF के भरोसे है, 2023 में 37% मुद्रास्फीति झेल चुकी है। बलूचिस्तान में विद्रोही और खैबर-पख्तूनख्वा में तहरीक-ए-तालिबान पाक सेना को चुनौती दे रहे हैं। इमरान खान के समर्थक मुनीर की अलोकप्रियता को भुना रहे हैं। पंजाब नहर परियोजना ने सिंध में असंतोष बढ़ाया, जिसका ठेका सेना के पास है। मुनीर के लिए भारत के साथ तनाव आंतरिक गुस्से को दबाने और सत्ता बचाने का पुराना हथियार है, जैसा परवेज मुशर्रफ ने 1999 में कारगिल युद्ध में किया।

कूटनीति से सैन्य कार्रवाई तक

भारत ने पहलगाम हमले का जवाब तुरंत शुरू किया। त्राल और बिजबेहरा में आतंकी ठिकाने ढहाए गए। सिंधु जल संधि रोकी गई, अटारी बॉर्डर बंद हुआ, और पाकिस्तानी वीजा रद्द किए गए। PM मोदी ने कहा कि “आतंकियों को धरती के छोर तक सजा देंगे।” 2016 की उरी और 2019 की पुलवामा हमलों के बाद भारत ने सर्जिकल और एयर स्ट्राइक की थी। विशेषज्ञों का मानना है कि भारत PoK में सीमित सैन्य कार्रवाई या साइबर हमले कर सकता है। ग्लोबल फायरपावर इंडेक्स 2025 में भारत (4) और पाकिस्तान (12) की ताकत में भारी अंतर है।

क्या पाकिस्तान ने अपनी कयामत को दावत दे डाली?

पाकिस्तान की सारी धमकियां खोखली हैं इसमें कोई दोराय नहीं। अब तक चार युद्धों (1947, 1965, 1971, 1999) में उसकी हार हो चुकी है। परमाणु युद्ध की बात भले हो, लेकिन वैश्विक दबाव इसे रोकेगा। वहीं युद्ध हुआ तो बलोच और तालिबान विद्रोही भी पाक सेना पर हमला करेंगे। भारत का आर्थिक और सैन्य दबाव पाकिस्तान को तोड़ सकता है। मुनीर की साजिश आतंक को बढ़ावा दे रही है, लेकिन भारत का जवाब चाहे सर्जिकल स्ट्राइक हो या कूटनीतिक घेराबंदी उसे बड़ा सबक सिखाएगा।

यह भी पढ़ें:

सरकारी टीचर को खंभे से बांधकर पीटा, महिला के साथ अश्लीलता की घटना, घर में घुसा था!

Bodh Saurabh

Bodh Saurabh, a journalist from Jaipur, began his career in print media, working with Dainik Bhaskar, Rajasthan Patrika, and Khaas Khabar.com. With a deep understanding of culture and politics, he focuses on stories related to religion, education, art, and entertainment, aiming to inspire positive change through impactful reporting.

Related Posts

पीसीओएस, मोटापा, दिल की बीमारी – एक इलाज, कई उम्मीदें, पर क्या वेगोवी हर किसी के लिए है?

Wegovy: नई…

भारत-पाक शांति का क्रेडिट मांग रहे ट्रंप, भारत बोला- मध्यस्थता नहीं, खुद की ताकत से हुआ समाधान!

india pakistan…

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *