
NHAI blames JDA and Police: जयपुर के भांकरोटा में हुए भीषण एलपीजी टैंकर ब्लास्ट ने पूरे क्षेत्र को झकझोर कर रख दिया है। इस हादसे ने सुरक्षा तंत्र की गंभीर खामियों को उजागर कर दिया है। नेशनल हाइवे ऑथोरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) ने अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट में जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ते हुए कट खोलने का ठीकरा जयपुर डेवलपमेंट अथॉरिटी (जेडीए) और पुलिस के सिर फोड़ा है। एनएचएआई ने न केवल जेडीए और पुलिस की सहमति से कट खोलने की बात कही,(NHAI blames JDA and Police) बल्कि भविष्य में ऐसे हादसे रोकने के लिए सख्त सुझाव भी दिए हैं। हादसे के बाद सवाल यह है कि सुरक्षा चूक के लिए आखिरकार जवाबदेही कौन लेगा, और क्या ये सुझाव केवल दिखावे तक सीमित रह जाएंगे?
एनएचएआई का बड़ा दावा.. हादसे के लिए जेडीए और पुलिस जिम्मेदार
भांकरोटा में हुए भीषण एलपीजी टैंकर ब्लास्ट के बाद एनएचएआई ने अपनी रिपोर्ट में सीधे तौर पर जेडीए और पुलिस की जॉइंट कमेटी पर आरोप मढ़ा है। परियोजना निदेशक अजय आर्य ने कहा कि कट खोलने का फैसला एनएचएआई ने नहीं, बल्कि जेडीए और पुलिस की सहमति से लिया गया था। हादसे के बाद एनएचएआई ने जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ते हुए सारी खामियों का ठीकरा अन्य विभागों पर फोड़ दिया है।
क्लोवर लीफ का काम अधूरा, हादसों की ज़मीन तैयार कर रहा हाईवे
एनएचएआई ने अपनी रिपोर्ट में स्वीकारा कि रिंग रोड पर क्लोवर लीफ का काम अधूरा है। परियोजना निदेशक ने कहा कि इस अधूरे निर्माण के चलते कट खोलना मजबूरी बन गई। हालांकि, उन्होंने इसे जल्द पूरा करने के आदेश देने की बात कही है, लेकिन निर्माण कार्य में हो रही देरी सीधे तौर पर बड़े हादसों को न्योता दे रही है। क्या एनएचएआई अपनी लापरवाही से पल्ला झाड़ सकती है?
10 लेन का कट, फिर भी सुरक्षा में सेंध
कट की चौड़ाई 6 से बढ़ाकर 10 लेन करने का दावा किया गया है, लेकिन बड़े वाहनों के लिए यह पर्याप्त साबित नहीं हो रहा। एनएचएआई की रिपोर्ट के अनुसार, लंबे ट्रेलर और भारी वाहनों के मुड़ने के दौरान कट के दोनों ओर ट्रैफिक जाम और अनियंत्रित स्थिति बन जाती है। यह सुधार हादसों को रोकने में नाकाफी साबित हो रहा है।
ज्वलनशील वाहनों के लिए एस्कोर्ट सिस्टम का सुझाव, लेकिन क्या यह पर्याप्त है?
एनएचएआई ने अपनी सिफारिश में ऐसे वाहनों के लिए एस्कोर्ट सिस्टम अनिवार्य करने की बात कही है, जो ज्वलनशील पदार्थ लेकर चलते हैं। हालांकि, सवाल यह उठता है कि क्या केवल एस्कोर्ट व्यवस्था से इतनी बड़ी खामियों को ढका जा सकता है? बिना बुनियादी ढांचे को मजबूत किए यह सुझाव केवल दिखावे से ज्यादा कुछ नहीं लगता।
रात में पुलिस न होने पर मनमानी चरम पर, 24×7 तैनाती की मांग
एनएचएआई ने स्पष्ट किया कि रात के समय पुलिस की गैरमौजूदगी से वाहन चालक ट्रैफिक नियमों की अनदेखी करते हैं, जिससे हादसों का खतरा बढ़ जाता है। रिपोर्ट में 24 घंटे पुलिस तैनाती की मांग की गई है। लेकिन बड़ा सवाल यह है कि ऐसी लापरवाह सुरक्षा व्यवस्था के बीच इस मांग को कब और कैसे अमल में लाया जाएगा?
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