NTCA: 35 बाघ लापता, एक की हत्या! नेता प्रतिपक्ष ने की न्यायिक जांच की मांग, सीएम की चुप्पी पर सवाल!

NTCA: राजस्थान विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष, टीकाराम जूली, ने राज्य में वन्यजीवों के संरक्षण की गंभीर स्थिति पर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने हाल ही में रणथंभौर नेशनल पार्क में चौदह वर्षीय बाघ टी-86 की हत्या और प्रदेश भर में पैंतीस बाघों के लापता होने की घटनाओं का उल्लेख किया। (NTCA) जूली ने राज्य सरकार से इस मामले की न्यायिक जांच की मांग की है और साथ ही, राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) से प्रदेश के सभी टाइगर सेंचुरी और नेशनल पार्क्स में उत्पन्न विषम परिस्थितियों की समीक्षा करने की अपील की है। उनके मुताबिक, इन घटनाओं ने राजस्थान के बाघ संरक्षण कार्यक्रम को गहरा धक्का पहुंचाया है, जिसे राज्य सरकार को गंभीरता से लेना चाहिए।

टीकाराम जूली का आरोप: रणथंभौर बाघ हत्या मामले में वन विभाग की लापरवाही पर उठाए सवाल

राजस्थान विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष, टीकाराम जूली, ने रणथंभौर नेशनल पार्क में चौदह वर्षीय बाघ टी-86 की हत्या के मामले में वन विभाग की लापरवाही पर गंभीर सवाल उठाए हैं। जूली ने कहा कि बाघ की हत्या के चौबीस घंटे तक वन विभाग का इस मामले के बारे में अनभिज्ञ बने रहना एक गंभीर चूक है। उन्होंने इसे एक गहरे सवाल के रूप में प्रस्तुत करते हुए कहा कि यह मामला न्यायिक जांच की मांग करता है, जो राजस्थान हाईकोर्ट के न्यायाधीश स्तर पर होनी चाहिए।

बाघ सुरक्षा में राज्य सरकार की उदासीनता पर सवाल

जूली ने बाघों की सुरक्षा को लेकर राज्य सरकार की उदासीनता की आलोचना की और कहा कि पिछले कुछ समय में प्रदेश के वन्यजीव अभयारण्यों से पैंतीस बाघों के लापता होने की खबर बेहद चिंताजनक है। उन्होंने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और केंद्रीय वन मंत्री भूपेंद्र यादव से पूछा कि इस संवेदनशील मुद्दे पर वे क्यों चुप हैं। जूली ने इस मामले में एनटीसीए से उच्चस्तरीय जांच दल भेजने की अपील भी की।

मानव और बाघ संघर्ष पर ध्यान देने की आवश्यकता

टीकाराम जूली ने यह भी कहा कि मानव और बाघ के बीच बढ़ते संघर्ष के कारणों की जांच जरूरी है ताकि वन्यजीवों और उनके संरक्षण क्षेत्रों में रहने वाले ग्रामीणों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। जूली ने राज्य सरकार से इस मामले की तत्काल न्यायिक जांच शुरू करने की मांग की और साथ ही रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व में बाघिन आरवीटी-2 की संदिग्ध मौत को भी इस जांच में शामिल करने का सुझाव दिया।

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Bodh Saurabh

प्रिंट मीडिया से पत्रकारिता की शुरुआत करते हुए दैनिक भास्कर, राजस्थान पत्रिका और खास खबर.कॉम जैसे प्रतिष्ठित प्लेटफॉर्म्स पर काम किया। गुलाबी नगरी जयपुर का निवासी, जहां की सांस्कृतिक और राजनीतिक धड़कन को बारीकी से समझा। धर्म, राजनीति, शिक्षा, कला और एंटरटेनमेंट से जुड़ी कहानियों में न सिर्फ गहरी रुचि बल्कि समाज को जागरूक और प्रेरित करने का अनुभव। सकारात्मक बदलाव लाने वाली रिपोर्टिंग के जरिए समाज की नई दिशा तय करने की कोशिश। कला और पत्रकारिता का अनोखा संगम, जो हर कहानी को खास बनाता है।

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