CM के आदेशों को ताक पर रखकर ACB में खड़ा बुजुर्ग डॉक्टर! किरोड़ीलाल ने पूछा, हमारी सरकार कहां है?

Kirodi lal Meena: राजस्थान के मंत्री किरोड़ीलाल मीणा झालाना स्थित भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) मुख्यालय पहुंचे, जहां उन्होंने आगरा रोड पर स्थित 5000 करोड़ के वेटरनरी कॉलेज पर कब्जा करने की गंभीर शिकायत की। (Kirodi lal Meena)इस मौके पर उन्होंने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को इस मामले की जानकारी देने की बात भी कही। बावजूद इसके, मंत्री ने 92 वर्षीय बुजुर्ग डॉक्टर के एसीबी के दरवाजे पर खड़े होने की घटना पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह स्थिति न सिर्फ असंवेदनशील है, बल्कि यह पूरी तरह से अव्यवस्था और संवेदनहीनता का प्रतीक बन चुकी है। उनका यह बयान, जहां एक ओर सरकार की संवेदनशीलता को लेकर सवाल उठाता है, वहीं दूसरी ओर प्रशासन की निष्क्रियता को भी उजागर करता है।

मुख्यमंत्री की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए

किरोड़ीलाल ने मुख्यमंत्री की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए कहा कि इस मामले में मुख्यमंत्री ही जवाब दे सकते हैं, क्योंकि उनके विभाग में अधिकारी उनकी बात सुनते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री और प्रशासन इस गंभीर मामले में कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं, जिससे पीड़ितों को लगातार दिक्कतें हो रही हैं।

डॉ. राज खरे की प्रॉपर्टी पर कब्जे का मामला

मंत्री ने बताया कि भैरोंसिंह शेखावत ने अमेरिका में रहकर डॉ. राज खरे को राजस्थान में निवेश के लिए आमंत्रित किया था, जिसके बाद उन्होंने करोड़ों रुपये निवेश करके अपोलो वेटरनरी कॉलेज खोला था। लेकिन पिछले कुछ सालों में असामाजिक तत्वों ने उनकी प्रॉपर्टी पर कब्जा कर लिया, और अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।

निवेशकों के अधिकारों की सुरक्षा की आवश्यकता

किरोड़ीलाल ने कहा कि डॉ. खरे का उद्देश्य राजस्थान के युवाओं को वेटरनरी शिक्षा देना था, लेकिन अब उन्हें अपनी प्रॉपर्टी की सुरक्षा के लिए दर-दर की ठोकरें खानी पड़ रही हैं। इसके बावजूद, सरकार और प्रशासन उनकी शिकायतों को नजरअंदाज कर रहे हैं।

किरोड़ीलाल और डॉ. खरे का धरना

मंत्री ने बताया कि 20 दिन पहले उन्होंने मुख्यमंत्री से मिलने का प्रयास किया था, और मुख्यमंत्री ने कार्रवाई का आश्वासन दिया था। इसके बावजूद, प्रशासन की निष्क्रियता के कारण डॉ. खरे अब धरने पर बैठने को मजबूर हैं। उन्होंने यह भी बताया कि डॉ. खरे को अमेरिका से जयपुर लौटने के बावजूद अब तक कोई न्याय नहीं मिल पाया है।

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Bodh Saurabh

प्रिंट मीडिया से पत्रकारिता की शुरुआत करते हुए दैनिक भास्कर, राजस्थान पत्रिका और खास खबर.कॉम जैसे प्रतिष्ठित प्लेटफॉर्म्स पर काम किया। गुलाबी नगरी जयपुर का निवासी, जहां की सांस्कृतिक और राजनीतिक धड़कन को बारीकी से समझा। धर्म, राजनीति, शिक्षा, कला और एंटरटेनमेंट से जुड़ी कहानियों में न सिर्फ गहरी रुचि बल्कि समाज को जागरूक और प्रेरित करने का अनुभव। सकारात्मक बदलाव लाने वाली रिपोर्टिंग के जरिए समाज की नई दिशा तय करने की कोशिश। कला और पत्रकारिता का अनोखा संगम, जो हर कहानी को खास बनाता है।

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