अब नहीं छिपेगी असली उम्र! Instagram पर एडल्ट कंटेंट देखने वालों पर Meta की AI की नजर

Bodh Saurabh News (बौध सौरभ न्यूज ),Instagram Teen Account:सोशल मीडिया की दुनिया जितनी चमकदार और दिलचस्प है, उतनी ही खतरनाक भी हो सकती है—खासकर बच्चों और टीनएजर्स के लिए। अक्सर देखा गया है कि नाबालिग़ अपनी असली उम्र छिपाकर Instagram पर एडल्ट अकाउंट बनाते हैं ताकि उन्हें हर तरह का कंटेंट देखने को मिल सके। लेकिन अब Meta ने इस पर सख्ती से लगाम लगाने का मन बना लिया है।

Instagram को बच्चों के लिए और सुरक्षित बनाने के लिए Meta ने एक बड़ा और तकनीकी कदम उठाया है। (Instagram Teen Account) अब अगर कोई यूज़र अपनी उम्र फर्जी बताकर Instagram पर एडल्ट अकाउंट बनाना चाहेगा, तो उसका झूठ AI यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पकड़ लेगा।

AI से होगा असली उम्र का खुलासा

Meta ने अपनी नई टेक्नोलॉजी के ज़रिए यह सुनिश्चित करना शुरू कर दिया है कि कोई भी यूज़र झूठ बोलकर 18 साल से बड़ा न बनने पाए। अब अगर कोई यूज़र उम्र 18 साल से ऊपर दर्ज करता है, तो Instagram की AI टेक्नोलॉजी उसकी प्रोफाइल पर बारीकी से नजर रखेगी।

AI यूज़र की फोटो, चेहरे के फीचर्स, उसकी गतिविधियां, ऐप पर बिताया गया समय और इंटरेक्शन पैटर्न को देखकर उम्र का अनुमान लगाएगी। यदि संदेह होता है, तो Instagram यूज़र से फेस स्कैन या सरकारी दस्तावेज़ (Age Proof) मांग सकता है। अगर दस्तावेज़ से साबित हो गया कि यूज़र की उम्र 18 से कम है, तो उसका अकाउंट अपने-आप टीनेज अकाउंट में बदल जाएगा।

क्या होता है टीनेज अकाउंट?

टीनेज अकाउंट पूरी तरह से प्राइवेट होता है। इसका मतलब यह हुआ कि यूज़र की प्रोफ़ाइल, पोस्ट और स्टोरीज़ केवल उन्हीं लोगों को दिखाई देंगी, जिन्हें वह जानता है या जिन्हें उसने फॉलो किया है।

इसके अलावा, अनजान लोग उस यूज़र को मैसेज नहीं भेज सकते और Instagram उसे सेंसिटिव कंटेंट से भी दूर रखता है। हेट स्पीच, कॉस्मेटिक सर्जरी, झगड़े या आत्मघाती प्रवृत्तियों से जुड़े वीडियो और पोस्ट कम दिखाए जाते हैं।

Instagram Teen Account

स्क्रीन टाइम पर कंट्रोल, नींद का भी रखा जाएगा ख्याल

Meta का यह नया सिस्टम सिर्फ कंटेंट तक सीमित नहीं है। अगर कोई टीनएजर दिन में 1 घंटे से ज़्यादा Instagram इस्तेमाल करता है, तो उसे एक रिमाइंडर मिलेगा कि वह अब ऐप से ब्रेक ले।

इतना ही नहीं, रात 10 बजे से सुबह 7 बजे तक इंस्टाग्राम का Sleep Mode एक्टिव हो जाएगा, जिसमें यूज़र को कोई नोटिफिकेशन नहीं मिलेगा। इसका उद्देश्य बच्चों की नींद और मानसिक स्वास्थ्य की रक्षा करना है।

ऐप स्टोर्स को भी निभानी होगी ज़िम्मेदारी

Meta सिर्फ अपनी जिम्मेदारी निभाकर नहीं रुकना चाहता। वह चाहती है कि Google Play Store और Apple App Store भी आगे आएं और उम्र की वेरिफिकेशन प्रक्रिया को और सख्त बनाएं, ताकि 13 साल से कम उम्र के बच्चे आसानी से सोशल मीडिया पर प्रवेश न कर पाएं।

बच्चों की सुरक्षा अब सिर्फ नारा नहीं, एक्शन में दिखेगा बदलाव

लंबे समय से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर यह आरोप लगता रहा है कि वे बच्चों की सुरक्षा को लेकर सिर्फ बातें करते हैं, पर ठोस कदम नहीं उठाते। अब Meta का यह AI फीचर इस सोच को बदल सकता है। Meta का संदेश साफ है….अब बच्चों की डिजिटल सेफ्टी से कोई समझौता नहीं होगा। तो अगर आप या आपके जानने वाले कोई टीनएजर Instagram पर हैं, तो ध्यान रखें: अब उम्र छिपाकर Instagram चलाना पहले जितना आसान नहीं रहा!

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Bodh Saurabh

Bodh Saurabh, a journalist from Jaipur, began his career in print media, working with Dainik Bhaskar, Rajasthan Patrika, and Khaas Khabar.com. With a deep understanding of culture and politics, he focuses on stories related to religion, education, art, and entertainment, aiming to inspire positive change through impactful reporting.

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