
Holi 2025: भारतीय संस्कृति में होली का त्योहार विशेष महत्व रखता है। यह सिर्फ रंगों का त्योहार नहीं, बल्कि प्रेम, सौहार्द और बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक भी है। फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाया जाने वाला यह पर्व, प्रकृति में नवजीवन के आगमन और वसंत के उल्लास का संदेश देता है।
होली का उत्सव भगवान श्रीकृष्ण की रंग लीला, भक्त प्रह्लाद की अटूट श्रद्धा और होलिका दहन की पौराणिक कथा से गहराई से जुड़ा हुआ है। इस दिन लोग पुराने गिले-शिकवे भूलकर प्रेमपूर्वक एक-दूसरे को गुलाल लगाते हैं और मिठाइयों का आनंद लेते हैं।
रंगों की बौछार, ढोल-नगाड़ों की धुन और हंसी-ठिठोली से सराबोर यह पर्व (Holi 2025)न केवल उल्लास का प्रतीक है, बल्कि समाज में भाईचारे को भी मजबूत करता है। आइए, इस होली 2025 को पूरे उत्साह और उमंग के साथ मनाएं और प्रेम, सद्भाव और आनंद के रंगों से अपनी जिंदगी को भर दें!
होली पर श्री नरसिंह स्तोत्र के पाठ का महत्व
होली…भगवान नरसिंह की उपासना
होली पर भगवान नरसिंह की विशेष पूजा का प्रचलन है। यह त्योहार भक्त प्रह्लाद की भक्ति और असुर हिरण्यकशिपु के विनाश का प्रतीक है। इस दिन श्री नरसिंह स्तोत्र का पाठ करने से दैवीय सुरक्षा, सकारात्मकता और बुराई पर विजय प्राप्त होती है। भगवान नरसिंह, जो भगवान विष्णु के उग्र अवतार हैं, नकारात्मक शक्तियों के विनाश और धर्म की रक्षा का प्रतीक माने जाते हैं।
श्री नरसिंह स्तोत्र का पाठ करने के लाभ
होली पर श्री नरसिंह स्तोत्र का जाप करने से भक्तों को विशेष आध्यात्मिक शक्ति मिलती है। ऐसा माना जाता है कि यह पाठ भय, नकारात्मक ऊर्जा और बुरी शक्तियों से रक्षा करता है। यह जीवन में शांति, समृद्धि और सुरक्षा सुनिश्चित करता है। भक्तों का विश्वास है कि होली पर भगवान नरसिंह का आशीर्वाद लेने से आत्मा की शुद्धि होती है और जीवन साहस, भक्ति और दैवीय कृपा से भर जाता है।
होली पर श्री नरसिंह स्तोत्र का पाठ कैसे करें?
पवित्रता बनाए रखें: स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
पूजा स्थल तैयार करें: भगवान नरसिंह की मूर्ति या तस्वीर के सामने दीपक और धूप जलाएं।
गणेश वंदना से शुरुआत करें: “ओम गण गणपतये नमः” का जाप करें।
मुख्य मंत्र जाप करें: “ओम नमो भगवते नरसिम्हाय” का उच्चारण करें।
श्री नरसिंह स्तोत्र का पाठ करें: प्रत्येक श्लोक के अर्थ पर ध्यान केंद्रित करते हुए भक्ति भाव से इसका पाठ करें।
प्रसाद और पुष्प अर्पित करें: हल्दी, फूल, और प्रसाद अर्पण से अनुष्ठान को और प्रभावी बनाएं।
संध्या पूजा के दौरान पाठ करें: होली पूजा या आरती के समय यह स्तोत्र पढ़ना विशेष फलदायी माना जाता है।
श्री नरसिंह स्तोत्र
श्री नृसिंह, जय नृसिंह, जय जय नृसिंह।
प्रह्लादेश जय पद्मा मुख पद्म नृसिंह॥
वेद्यं तपः कृतधियां च शरण्यमेकं।
त्वां नारसिंह परिपालय मां नृसिंह॥
रौद्रं मुखं करकमलावृति पाणियुग्मम्।
वीरं नृसिंह परिपालय मां नृसिंह॥
संसारचक्रमय भङ्गकरं कृपालो।
त्वां नारसिंह शरणं प्रपद्ये॥
सिंहो नृसिंहो यदिवा महासिंह।
भक्तानुरक्तः परिपालय मां नृसिंह॥
हिरण्यकशिपोर्येन हतोऽसि विप्रैः।
त्वं नारसिंह मम दिष्टमवाप्य नृसिंह॥
होली पर श्री नरसिंह स्तोत्र का पाठ करने से न केवल आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार होता है, बल्कि यह जीवन की सभी नकारात्मकता को भी दूर करता है। यह भगवान नरसिंह की कृपा प्राप्त करने का श्रेष्ठ मार्ग है, जिससे भयमुक्त, समृद्ध और दैवीय आशीर्वाद से परिपूर्ण जीवन प्राप्त किया जा सकता है।
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