
Haribhau Bagde: भारत में निर्भया दिल्ली रेप केस, कोलकाता डॉक्टर रेप और मर्डर केस जैसे भयावह अपराधों के बावजूद, बलात्कार की घटनाओं में कोई कमी नहीं आ रही है। ऐसे में राजस्थान के राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने एक कठोर सुझाव देते हुए कहा कि रेप करने वालों को नपुंसक बना देना चाहिए, ताकि समाज में ऐसा अपराध करने की हिम्मत कोई न कर सके।
भरतपुर में जिला बार एसोसिएशन के शपथ ग्रहण समारोह में पहुंचे राज्यपाल ने अपने संबोधन के दौरान रेप जैसी जघन्य घटनाओं को रोकने के लिए ‘बधियाकरण’ का सुझाव दिया। (Haribhau Bagde)उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र की एक नगर पंचायत में आवारा कुत्तों की बढ़ती संख्या को नियंत्रित करने के लिए बधियाकरण किया गया था, ठीक उसी तरह अपराधियों को भी ऐसा सबक मिलना चाहिए कि वे दोबारा इस घिनौने कृत्य को करने की हिम्मत न कर सकें।
राज्यपाल के इस बयान ने समाज में अपराध और सजा को लेकर नई बहस छेड़ दी है। क्या वास्तव में इतनी कठोर सजा से रेप की घटनाओं में कमी आ सकती है? या फिर न्यायिक प्रक्रिया में बदलाव की जरूरत है?
वीडियो बनाने वालों को दी कड़ी चेतावनी
राज्यपाल ने उन लोगों की भी निंदा की जो पीड़िता की मदद करने के बजाय वीडियो बनाने में व्यस्त रहते हैं। उन्होंने कहा, “ऐसे लोगों को शर्म आनी चाहिए, जो इंसानियत को भूलकर संवेदनहीनता दिखाते हैं।” हरिभाऊ बागडे ने कहा कि जब तक समाज की मानसिकता नहीं बदलेगी, तब तक रेप जैसी घटनाओं पर रोक नहीं लगेगी। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे चुप न बैठें, बल्कि आगे बढ़कर पीड़ितों की मदद करें और अन्याय के खिलाफ आवाज उठाएं।
कानून को और सख्त बनाने की जरूरत
राज्यपाल ने बलात्कारियों के लिए तत्काल और कड़े दंड की वकालत की। उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में त्वरित न्याय दिलाने के लिए कानूनी प्रक्रिया को तेज और प्रभावी बनाया जाना चाहिए। उन्होंने वकीलों और समाज के प्रभावशाली लोगों से भी अपील की कि वे अपने ज्ञान और प्रभाव का उपयोग करके पीड़ितों को जल्द से जल्द न्याय दिलाने में मदद करें। उन्होंने कहा, “हम सिर्फ मोमबत्तियां जलाकर, नारे लगाकर बदलाव नहीं ला सकते। जरूरत है कड़े कानून और सख्त फैसलों की।”
समाज को उठाना होगा ठोस कदम
राज्यपाल ने यह भी कहा कि ऐसी घटनाओं से सबक लेना जरूरी है। उन्होंने प्रशासन से भी आग्रह किया कि वह रेप जैसी घटनाओं पर नियंत्रण पाने के लिए ठोस कदम उठाए और दोषियों को ऐसा दंड मिले कि वे दोबारा इस तरह की हरकत करने की हिम्मत न कर सकें।
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