Rajasthan: दिग्गजों के गढ़ ढहे: हनुमान की पत्नी, किरोड़ी के भाई और ओला-जुबैर के बेटे भी हार के शिकार!

Bigwigs’ Political Strongholds: राजस्थान की राजनीति में हाल ही में हुए सात सीटों के उपचुनाव ने सत्ता समीकरणों को हिला कर रख दिया है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अप्रत्याशित प्रदर्शन (Bigwigs’ Political Strongholds)करते हुए पांच सीटें अपने नाम कर लीं, जबकि कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा। कांग्रेस तीन सीटें गंवाकर केवल एक पर सिमट गई, जिससे सत्तारूढ़ दल के लिए यह एक बड़ा झटका साबित हुआ। वहीं, बीएपी ने चौरासी सीट पर जीत का अंतर घटने के बावजूद अपनी पकड़ बनाए रखी।

इस चुनाव में सबसे बड़ा झटका हनुमान बेनीवाल की राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (रालोपा) को लगा, जो अपने गढ़ खींवसर को बचाने में नाकाम रही। अब विधानसभा में रालोपा का प्रतिनिधित्व खत्म हो गया है। यह परिणाम राजस्थान की राजनीतिक दिशा में बड़ा बदलाव संकेतित करते हैं, खासकर आगामी विधानसभा और लोकसभा चुनावों को देखते हुए। 2023 के विधानसभा चुनावों में इन सात सीटों में से कांग्रेस ने चार, भाजपा ने एक, बीएपी ने एक और रालोपा ने एक सीट पर जीत दर्ज की थी।

ये परिणाम न केवल जनता की बदलती प्राथमिकताओं को दर्शाते हैं, बल्कि राज्य की राजनीति में भविष्य की चुनौतियों और अवसरों का संकेत भी देते हैं।

भाजपा की बड़ी जीत, कांग्रेस और रालोपा को झटका

भाजपा ने 7 में से 5 सीटें जीतकर अपने राजनीतिक कद को मजबूत किया। कांग्रेस केवल दौसा सीट बचा पाई, जबकि रालोपा का विधानसभा में अस्तित्व समाप्त हो गया। भाजपा अब 119 सीटों के साथ सदन में सबसे मजबूत स्थिति में है, वहीं कांग्रेस 66 सीटों पर सिमट गई है।

दिग्गजों के गढ़ ध्वस्त: परिवारवाद को जनता ने नकारा

इस चुनाव में कई राजनीतिक परिवारों को हार का सामना करना पड़ा।

  • हनुमान बेनीवाल: अपनी पत्नी को खींवसर सीट नहीं जिता सके।
  • किरोड़ीलाल मीणा: भाई जगमोहन दौसा सीट हार गए।
  • ओला परिवार: झुंझुनूं में हार का सामना किया।
  • जुबैर परिवार: रामगढ़ सीट गंवा दी।

सीएम भजनलाल शर्मा की परीक्षा में शानदार प्रदर्शन

भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में भाजपा ने पहली सियासी परीक्षा में डिस्टिंक्शन से पास होकर अपनी विकास योजनाओं पर जनता की मोहर लगवाई। यह जीत पार्टी के अंदर विरोधियों और विपक्ष के लिए बड़ा झटका है।

डोटासरा पर गहराया संकट, कांग्रेस में गुटबाजी बढ़ने के आसार

हार के बाद कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा की कुर्सी पर खतरा मंडराने लगा है। वहीं, सचिन पायलट और अशोक गहलोत गुटों में खींचतान और तेज हो सकती है।

हनुमान बेनीवाल ने भाजपा-कांग्रेस पर लगाए आरोप

पत्नी की हार के बाद बेनीवाल ने कहा, “सरकारी तंत्र का दुरुपयोग हुआ।” हालांकि उन्होंने यह भी दावा किया कि उन्हें पिछले चुनाव से 15,000 अधिक वोट मिले हैं।

किरोड़ीलाल मीणा की भावनात्मक अपील

भाई की हार पर किरोड़ी बोले, “भितरघातियों ने मेरे लक्ष्मण जैसे भाई को शक्ति बाण मार दिया। गैरों में दम नहीं था, हमेशा अपनों ने ही मारा।”

आगे की रणनीति: भाजपा का फोकस युवाओं पर

भाजपा अब युवाओं पर फोकस करेगी। पेपरलीक मामले में एक्शन, नई भर्तियां और निवेश पर जोर दिया जाएगा। इस जीत से सरकार का आत्मविश्वास बढ़ा है और विपक्ष पर हमले तेज होने की संभावना है।

परिणामों का राजनीतिक संदेश

  • जनता ने परिवारवाद को सिरे से खारिज किया।
  • रालोपा का राजनीतिक प्रभाव खत्म हो गया।
  • भाजपा की बढ़त ने आगामी विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस की राह मुश्किल कर दी है।

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Bodh Saurabh

Bodh Saurabh, a journalist from Jaipur, began his career in print media, working with Dainik Bhaskar, Rajasthan Patrika, and Khaas Khabar.com. With a deep understanding of culture and politics, he focuses on stories related to religion, education, art, and entertainment, aiming to inspire positive change through impactful reporting.

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