कांग्रेस का सियासी वेंटिलेटर चालू! दिल्ली में फिर शून्य, अमित शाह बोले…. ‘परिवारवाद की सजा’

who won in delhi: दिल्ली विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को करारा झटका लगा है। यह लगातार तीसरा चुनाव है जब देश की सबसे पुरानी पार्टी राजधानी में एक भी सीट जीतने में विफल रही है। ()who won in delhiसभी 70 सीटों पर प्रत्याशी उतारने के बावजूद कांग्रेस के उम्मीदवार चुनावी मैदान में बुरी तरह पिछड़ गए। इस हार ने पार्टी के भविष्य को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

 ‘परिवारवाद ने पार्टी को किया बर्बाद’

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस की हार पर भाजपा की ओर से करारा हमला बोला। उन्होंने एक्स (Twitter) पर लिखा, “जब कोई पार्टी परिवार वंदन में लग जाए, तब उसकी क्या दुर्दशा होती है, इसका सबसे बड़ा उदाहरण कांग्रेस है।” शाह ने कांग्रेस की गिरती साख पर टिप्पणी करते हुए कहा कि जिस दिल्ली में कभी कांग्रेस का दबदबा था, वहां 2014 के बाद हुए छह चुनावों में पार्टी पूरी तरह साफ हो गई है।

67 सीटों पर कांग्रेस के उम्मीदवारों की जमानत जब्त

दिल्ली चुनाव में कांग्रेस का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा। 70 में से 67 सीटों पर कांग्रेस प्रत्याशी अपनी जमानत भी नहीं बचा सके। चुनाव आयोग के नियमों के अनुसार, किसी भी उम्मीदवार को कुल डाले गए मतों का कम से कम 16.67% वोट प्राप्त करने होते हैं, लेकिन कांग्रेस के अधिकांश उम्मीदवार यह न्यूनतम सीमा भी पार नहीं कर सके। हालांकि, पार्टी बादली, कस्तूरबा नगर और नांगलोई जाट सीटों पर अपनी जमानत बचाने में सफल रही।

वोट प्रतिशत में मामूली इजाफा, लेकिन कोई सीट नहीं

हालांकि कांग्रेस का वोट प्रतिशत 4.26% से बढ़कर 6.4% हो गया है, लेकिन यह इजाफा भी पार्टी को हार से नहीं बचा पाया। लगातार गिरते जनाधार के बावजूद यह मामूली वृद्धि कांग्रेस के लिए राहत की एकमात्र बात हो सकती है। इसके बावजूद, चुनावी नतीजे बताते हैं कि दिल्ली में मतदाताओं ने कांग्रेस को पूरी तरह नकार दिया है।

शीला दीक्षित के बाद कांग्रेस का ग्राफ लगातार गिरा

दिल्ली में कांग्रेस का स्वर्णिम युग शीला दीक्षित के नेतृत्व में देखा गया था, जब पार्टी ने 1998 से 2013 तक लगातार 15 साल शासन किया। लेकिन 2013 के बाद कांग्रेस का जनाधार तेजी से गिरने लगा और आज की स्थिति यह है कि पार्टी लगातार तीन विधानसभा चुनावों में एक भी सीट नहीं जीत पाई है।

भविष्य की राह – क्या कांग्रेस कर पाएगी वापसी?

दिल्ली में कांग्रेस के लगातार कमजोर होते प्रदर्शन ने पार्टी नेतृत्व के लिए गंभीर चुनौतियां खड़ी कर दी हैं। मतदाताओं का झुकाव आम आदमी पार्टी और भाजपा की ओर बढ़ता जा रहा है। सवाल यह है कि क्या कांग्रेस दिल्ली में अपनी खोई हुई सियासी जमीन वापस पा सकेगी, या फिर यह पतन जारी रहेगा? इसका जवाब आने वाले चुनावी समीकरणों में छिपा है।

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Bodh Saurabh

Bodh Saurabh, a journalist from Jaipur, began his career in print media, working with Dainik Bhaskar, Rajasthan Patrika, and Khaas Khabar.com. With a deep understanding of culture and politics, he focuses on stories related to religion, education, art, and entertainment, aiming to inspire positive change through impactful reporting.

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