Rajasthan By-Election 2024:शेखावाटी की राजनीति में दशकों से कायम ओला परिवार का दबदबा इस बार एक जबरदस्त चुनौती का सामना कर रहा है। भाजपा ने इस उपचुनाव को लेकर अपनी पूरी ताकत झोंक दी है, और ओला परिवार को हर मोर्चे पर कड़ी टक्कर दे रही है। (Rajasthan By-Election 2024)अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या बृजेंद्र ओला अपने पिता की राजनीतिक विरासत को बचा पाते हैं, या फिर भाजपा के हमलों और कांग्रेस के अंदरूनी मतभेदों के बीच ओला परिवार का भविष्य संकट में पड़ जाएगा।
ओला परिवार की विरासत को चुनौती देने की तैयारी
झुंझुनूं सीट पर भाजपा ने कांग्रेस के मजबूत गढ़ को तोड़ने के लिए कड़ी रणनीति बनाई है। इस बार भाजपा ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की मदद से राजेंद्र गुढा को मैदान में उतारा है, जिनकी एंट्री ने चुनावी माहौल में हलचल पैदा कर दी है। ओला परिवार के खिलाफ मुस्लिम मतदाताओं में नाराजगी और जाट समुदाय में बढ़ती असहमति भाजपा के लिए फायदा साबित हो सकती है। भाजपा का दावा है कि इस बार 1996 के उपचुनाव की तरह झुंझुनूं में भाजपा कमल खिला सकती है।
भाजपा की चुनावी रणनीति और मतदाता की भूमिका
भाजपा ने इस उपचुनाव में अपने वोटबैंक को मजबूत करने के लिए मंत्री अविनाश गहलोत और सुमित गोदारा को जाट और मुस्लिम मतदाताओं को लुभाने की जिम्मेदारी दी है। इसके साथ ही हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी को बुलाकर पार्टी ने इस चुनावी लड़ाई को और भी मजबूत किया है। भाजपा की कोशिश है कि वह जाट, मुस्लिम, राजपूत और ओबीसी मतदाताओं का समर्थन हासिल कर सके।
ओला परिवार की रणनीति: मुस्लिम इलाकों में घर-घर दस्तक
ओला परिवार ने भी अपनी पारंपरिक शक्ति को बचाए रखने के लिए मुस्लिम इलाकों में घर-घर दस्तक देना शुरू कर दिया है। सांसद बृजेंद्र ओला को विश्वास है कि मुस्लिम मतदाता कांग्रेस का साथ नहीं छोड़ेंगे, लेकिन उन्हें यह भी समझ है कि अब ओला परिवार की पहले जैसी स्थिति नहीं रही।
कुल मिलाकर चुनावी माहौल और ओला परिवार की स्थिति
इस उपचुनाव में ओला परिवार के लिए राजनीति की बाजी बचाए रखने की चुनौती है। झुंझुनूं में जीत की खुशबू भाजपा के लिए एक बेहतरीन अवसर बन चुकी है, और अब सबकी नजरें इस बात पर हैं कि क्या ओला परिवार अपनी राजनीतिक विरासत को बचा पाएगा या भाजपा नए इतिहास के साथ कमल खिला पाएगी।
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