
Custard Apple Benefits: भारत में सीजनल फल सिर्फ स्वाद में ही लाजवाब नहीं होते, बल्कि इनका स्वास्थ्य पर भी गहरा असर होता है। सीताफल, जिसे फलों का राजा कहा जाता है, इन दिनों बाजारों में उपलब्ध है, लेकिन इस फल को लेकर मेवाड़ के किसानों के लिए एक नई चिंता सामने आई है। (Custard Apple Benefits)अक्टूबर और नवंबर के महीने में इस फल का मिलना मुश्किल हो जाता है, लेकिन इन दिनों किसानों का माथा ठनका हुआ है, क्योंकि इस बार सीताफल की फसल को लेकर कुछ अजीब ही हुआ है। जानिए, आखिर क्या है वो वजह जिसने किसानों को हैरान कर दिया है।
सीताफल की अच्छी आवक, लेकिन बाजार में नहीं मिल रहा सही मूल्य
मेवाड़ की मंडियों में इस बार सीताफल की बहुत अच्छी आवक देखी जा रही है, लेकिन समस्या यह है कि किसान अपनी फसल को उचित मूल्य पर नहीं बेच पा रहे हैं। जहां एक समय में सीताफल को शहरों में सौ से डेढ़ सौ रुपये किलो तक बेचा जाता था, वहीं अब इसे मंडी में महज छह से सात रुपये किलो के भाव में बेचना पड़ रहा है। इस भारी घाटे से किसान परेशान हैं, क्योंकि फल जल्दी सड़ जाते हैं और मजबूरी में उन्हें सस्ते दामों पर बेचना पड़ता है।
सीताफल उगाना महंगा साबित हो रहा है
मेवाड़ के किसानों को सीताफल उगाने में भी काफी खर्चा आ रहा है। यह फल पेड़ पर पकने के बजाय कच्चा तोड़ा जाता है, फिर इसे पेपर में लपेटकर दो से तीन दिन में पकाया जाता है। पकने के बाद, अगर फल जल्दी बिकता नहीं है, तो वह सड़ने लगता है। इस स्थिति में किसान जल्दबाजी में इसे औने-पौने दामों में बेचने को मजबूर हैं।
सीताफल के स्वास्थ्य लाभ और पर्यावरणीय उपयोग
सीताफल केवल स्वादिष्ट ही नहीं, बल्कि सेहत के लिए भी बेहद फायदेमंद है। इसका सेवन दिल की बीमारी, पेट की समस्या, कमजोरी और कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों से राहत दिला सकता है। इसके बीजों से साबुन, पेंट और कीटनाशक जैसी चीजें बनाई जाती हैं। हालांकि, सीताफल का मौसम केवल दो महीने का होता है, लेकिन इसे उगाने में किसानों को बहुत मेहनत करनी पड़ती है, जो अब घाटे का सौदा बन चुका है।