पुलिस थानों में 17,212 लाइसेंसी हथियार जमा कराए गए हैं और 9,966 लोगों को पाबंद किया गया है। इन सख्त कदमों से यह संकेत मिलता है कि चुनाव आयोग किसी भी प्रकार की गड़बड़ी को रोकने के लिए पूरी तरह से तैयार है। इस उपचुनाव में 69 उम्मीदवार मैदान में हैं, जिनमें से 7 विधायक चुनने के लिए 19,36,533 मतदाता मतदान करेंगे। राजनीतिक दलों के लिए यह उपचुनाव एक महत्वपूर्ण परीक्षा है, जो आगामी विधानसभा चुनावों के लिए सत्ता का समीकरण बदल सकता है।
3193 मतदाता करेंगे होम वोटिंग, 10 लाख पुरुष और 9.32 लाख महिला मतदाता
राजस्थान की सात विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव के लिए 3193 मतदाताओं को होम वोटिंग का अवसर दिया जा रहा है। कुल 19,36,533 मतदाताओं में से 10 लाख पुरुष और 9.32 लाख महिला मतदाता हैं, जबकि 7 थर्ड जेंडर मतदाता भी इस बार अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। चुनाव 13 नवंबर को होंगे और मतगणना 23 नवंबर को होगी।
दौसा और खींवसर में सबसे बड़ा दंगल
इन उपचुनावों के लिए 1862 मतदान केंद्र और 53 सहायक मतदान केंद्र बनाए गए हैं। 1938 में से 1122 मतदान केंद्रों पर लाइव वेबकास्टिंग की जाएगी। कुल 69 उम्मीदवारों में से 10 महिलाएं और 59 पुरुष उम्मीदवार हैं। सबसे बड़ा मुकाबला दौसा और खींवसर विधानसभा सीट पर है, जहां सर्वाधिक 12-12 उम्मीदवार मैदान में हैं, जबकि सलूंबर में सबसे कम 6 उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं। अन्य सीटों में झुंझुनू में 11, रामगढ़ और चौरासी में 10-10, तथा देवली-उनियारा में 8 उम्मीदवार शामिल हैं।
मतदाता 12 वैकल्पिक दस्तावेजों से कर सकेंगे मतदान
चुनाव आयोग ने शहरी क्षेत्रों में 241 और ग्रामीण इलाकों में 1621 मतदान केंद्र स्थापित किए हैं। मतदाता 12 वैकल्पिक दस्तावेजों की मदद से मतदान कर सकते हैं। उपचुनाव में अब 11 दिन शेष हैं, और चुनाव प्रचार अंतिम 9 दिनों में अपने चरम पर रहेगा। आयोग ने सोशल मीडिया पर पोस्ट की जाने वाली संवेदनशील पोस्ट पर जीरो टॉलरेंस नीति अपनाई है, और त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।