Rajasthan Tithari Bird : वैसे तो मौसम विभाग का काम है कि अनुमान लगाना तथा लोगों को ये बताना कि आज का मौसम कैसा रहेगा, बारिश कब होगी, कहां होगी, सर्दी गर्मी कहां कितनी होगी। लेकिन राजस्थान के ग्रामीण अंचल में एक पक्षी के अंडे देखकर ही बारिश का पूर्वानुमान लगा लिया जाता है। हम आपको इस पोस्ट में बताएंगे कि ये कौनसा पक्षी है जिसे मौसम विभाग का दर्जा राजस्थान के किसानों ने सदियों से दे रखा है।
कौनसा अनोखा पक्षी है ये (Rajasthan Tithari Bird)
इस अनोखे पक्षी को टिटहरी कहा जाता है। ये परिंदा राजस्थान के ग्रामीण इलाकों में पाया जाता है। खेतों में टिट टिट की आवाज करता हुआ ये पक्षी अक्सर खेतों में नजर आ जाता है। इसके सिर पर काले रंग का निशान होता है। बहुत ही चंचल ये पक्षी बारिश का पूर्वानुमान लगाने की क्षमता रखता है। ऐसा हम नहीं बल्कि राजस्थान के ग्रामीण जन कहते हैं।
कैसा लगाता है टिटहरी बारिश का पूर्वानुमान ?
अच्छी बारिश होने के अनुमान को लेकर टिटहरी के अंडे देने का संबंध एक दूसरे से कई वर्षों से जुड़ा हुआ है। ऐसी लोक मान्यता है कि टिटहरी (Rajasthan Tithari Bird) यदि ऊंचे स्थान पर अंडे रखती है तो तेज बारिश होगी एवं निचले स्थान पर अंडे दे तो कम बारिश होती है। साथ ही यदि अंडों की संख्या तीन या चार हो तो उसका अनुमान लगाया जाता है की बारिश 3 माह या 4 माह तक होगी। वही अगर समतल स्थान पर अंडे रखे होने पर सूखा पडने का अनुमान लगाया जाता है।
इस साल होगी अच्छी बारिश ?
भीलवाड़ा जिले के आसींद उपखंड क्षेत्र की ग्राम पंचायत नेगड़िया के मेफलियास गांव के खेतों में किसानों के द्वारा हकाई जुताई करते समय टिटहरी के अंडे (Rajasthan Tithari Bird) दिखाई दिए गए हैं। किसान प्रकाश गुर्जर ने बताया कि जमीन की हकाई जुताई करते समय टिटहरी के चार अंडे दिखाई दिए जिसमें से चारों अंडों का मुंह जमीन की ओर था। मतलब कि इस बार राजस्थान में अच्छी बारिश हो सकती है।
कब और कितने अंडे देती है टिटहरी ?
सामान्य तौर पर टिटहरी के अंडों से 18 से 20 दिन के अंदर बच्चे निकल आते हैंय़ नर एवं मादा टिटहरी मिलकर दिन-रात अपने अंडों (Rajasthan Tithari Bird) की रक्षा करते हैं। चूंकि टिटहरी एक चतुर पक्षी है जो अपने पास आने वाले किसी भी जीव जंतु मनुष्य को देखकर तीखा शोर करती है। माना जा रहा है कि इस बार मानसून तय समय से पहले आ सकता है और वैसे भी बारिश शुरु हो चुकी है।
कृषि विभाग क्या कहता है ?
कृषि विभाग की मानें तो खाली पड़े खेतों में जमीन की इकाई जुताई करने से हानिकारक कीड़े मकोड़े नष्ट हो जाते हैं, साथ ही खरपतवार भी कम होती हैं। क्योंकि जमीन में नीचे की मिट्टी ऊपर आ जाती है और ऊपर की मिट्टी नीचे चली जाती है। इससे किसानों को उपज में लाभ होता है। तो इस साल खेतों में टिटहरी नामक पक्षी के (Rajasthan Tithari Bird Weather) अंडे दिखाई देने पर किसानों को इस बार अच्छी बारिश होने के संकेत मिले हैं।