
ट्रंप का दावा: “युद्ध से व्यापार बर्बाद होता”
ट्रंप ने कहा, “मैंने भारत और पाकिस्तान को साफ संदेश दिया था — अगर युद्ध की ओर बढ़े तो अमेरिका व्यापारिक समझौते नहीं करेगा। मेरे इस सुझाव को दोनों देशों ने गंभीरता से लिया।” उन्होंने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करते हुए उन्हें “बेहतरीन मित्र” बताया, जबकि पाकिस्तान के सेनाध्यक्ष जनरल असीम मुनीर को “प्रभावशाली नेता” कहा।
#WATCH | Hague, Netherlands: US President Donald Trump says “…The most important of all, India and Pakistan…I ended that with a series of phone calls on trade. I said if you’re going to go fighting each other, we’re not doing any trade deal. The General from Pakistan was in… pic.twitter.com/xQpQl86jbA
— ANI (@ANI) June 25, 2025
🇮🇳 भारत की प्रतिक्रिया: “यह पूरी तरह द्विपक्षीय निर्णय”
भारत सरकार ने ट्रंप के दावे पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए एक बार फिर स्पष्ट किया कि भारत-पाक संघर्ष विराम का निर्णय पूरी तरह द्विपक्षीय संवाद का नतीजा था और इसमें किसी तीसरे पक्ष की कोई औपचारिक भूमिका नहीं रही।
भारत की ओर से यह भी कहा गया कि G7 सम्मेलन के बाद प्रधानमंत्री मोदी और ट्रंप के बीच जो बातचीत हुई थी, उसमें संघर्ष विराम या व्यापारिक दबाव का कोई उल्लेख नहीं किया गया था।
विश्लेषण: प्रचार या कूटनीति?
ट्रंप के इन बयानों ने चुनावी मौसम में अमेरिका में राजनीतिक गर्मी और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कूटनीतिक बहस को हवा दे दी है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह बयान संभवतः ट्रंप की चुनावी रणनीति का हिस्सा हैं, जिसमें वे वैश्विक स्थिरता के वाहक के रूप में अपनी छवि को पुनर्स्थापित करना चाहते हैं। हालाँकि, कुछ विश्लेषक इसे एक सेवानिवृत्त राष्ट्रपति की व्यक्तिगत व्याख्या मानते हैं, जिसका व्यावहारिक असर सीमित है।