अयोध्या में कलश स्थापना से श्रीराम मंदिर की महानता हुई साबित, नए इतिहास की शुरुआत!

Ram Mandir Shikhara Kalash Ceremony: रामनगरी अयोध्या में आज ऐतिहासिक क्षण देखने को मिला, जब शुभ मुहूर्त पर राम जन्मभूमि मंदिर के गर्भगृह के मुख्य शिखर पर कलश स्थापित किया गया। वैदिक आचार्यों द्वारा मंत्रों के उच्चारण और विधिपूर्वक पूजन के बाद 161 फीट ऊंचे शिखर पर स्थापित इस कलश ने न केवल आस्था की गहराई को दर्शाया, बल्कि भक्तों के दिलों में नये विश्वास और उमंग का संचार किया। (Ram Mandir Shikhara Kalash Ceremony) इस विशेष अवसर पर श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा कि यह कार्य बैसाखी के महत्त्वपूर्ण दिन और डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती के अवसर पर संपन्न हुआ। इस अवसर पर जन्मभूमि परिसर में बने अन्य मंदिरों में भी शब्द ऋषियों की स्थापना की गई, और परकोटे में निर्माणाधीन छह मंदिरों पर भी जल्द कलश की स्थापना की जाएगी।

 

मंदिर निर्माण के दूसरे चरण की शुरुआत

चंपत राय ने जानकारी दी कि राम जन्मभूमि मंदिर परिसर में बन रहे परकोटे के छह मंदिरों के शिखर पर भी जल्द कलश स्थापना की जाएगी। इसके अलावा, मंदिर के भूतल पर रामलला की पूजा और प्रथम तल पर राम दरबार की स्थापना की गई है। इन मंदिरों में देवताओं की प्रतिष्ठा की प्रक्रिया भी पूरी हो चुकी है, और सत्य मंदिरों में मूर्तियों की स्थापना भी पहले ही कर दी गई है। शेष शेषावतार मंदिर की स्थापना इस वर्ष तक पूरी हो जाएगी। चंपत राय ने यह भी बताया कि कलश स्थापना के बाद मंदिर परिसर में लगी मशीनों को बाहर निकालने का कार्य जल्द ही शुरू कर दिया जाएगा।

मंदिर निर्माण कार्य तेज गति से जारी

मंदिर निर्माण का दूसरा चरण अब तेजी से आगे बढ़ रहा है। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अनुसार, गर्भगृह के शिखर का कार्य पूरा होने के बाद अगला चरण शिखर पर ध्वज की स्थापना होगी।

इसके लिए विशेषज्ञों और इंजीनियरों की टीम दिन-रात कार्य कर रही है, ताकि मंदिर का निर्माण तय समय पर पूरा हो सके। उम्मीद जताई जा रही है कि अक्टूबर 2025 तक मंदिर का निर्माण कार्य पूर्ण हो जाएगा, जिसके बाद यह भक्तों के दर्शन के लिए खुल जाएगा।

मंदिर की वास्तुकला और निर्माण सामग्री

राम जन्मभूमि मंदिर की वास्तुकला नागर शैली में तैयार की जा रही है, जो भारतीय मंदिर निर्माण कला का एक बेहतरीन उदाहरण है। गर्भगृह में भगवान राम की मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा पहले ही की जा चुकी है, और अब शिखर निर्माण के साथ मंदिर को और भव्य रूप दिया जा रहा है। इस निर्माण में प्रयुक्त पत्थर राजस्थान और गुजरात से लाए गए हैं, जिन्हें कुशल कारीगरों द्वारा खूबसूरती से तराशा गया है।

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Bodh Saurabh

Bodh Saurabh, a journalist from Jaipur, began his career in print media, working with Dainik Bhaskar, Rajasthan Patrika, and Khaas Khabar.com. With a deep understanding of culture and politics, he focuses on stories related to religion, education, art, and entertainment, aiming to inspire positive change through impactful reporting.

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