Rajasthan Politics:राजस्थान की राजनीति एक बार फिर से सुर्खियों में है। दिसंबर 2023 में भजनलाल सरकार के गठन के साथ ही, मंत्रिमंडल में फेरबदल की चर्चाएं जोर पकड़ रही हैं। इस सरकार के गठन के समय भजनलाल के मंत्रिमंडल में राजे समर्थक विधायकों को शामिल नहीं किया गया था, जिससे कई सीनियर विधायक मंत्री पद से वंचित रह गए थे। (Rajasthan Politics) अब, सरकार के एक साल पूरा होने के साथ ही, मंत्रिमंडल में बदलाव की अटकलों ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है।
वसुन्धरा राजे, जो राज्य की राजनीति में एक प्रमुख चेहरा रही हैं, उनकी हालिया सक्रियता ने इन अटकलों को और बल दिया है। राजे समर्थक विधायकों की नाराजगी और उनकी बढ़ती मांगों ने भजनलाल सरकार पर दबाव बढ़ा दिया है।इस संदर्भ में, यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या वसुन्धरा राजे की सक्रियता और उनके समर्थकों की मांगें सरकार में कोई बड़ा बदलाव लाने में सफल होंगी या नहीं।
राजस्थान की राजनीति में इस संभावित फेरबदल का क्या प्रभाव पड़ेगा, यह जानने के लिए राजनीतिक विश्लेषक और जनता दोनों ही उत्सुक हैं। क्या भजनलाल सरकार अपने मंत्रिमंडल में समायोजन करके सभी गुटों को संतुष्ट कर पाएगी, या यह घटनाक्रम राज्य की राजनीतिक स्थिति को और जटिल बनाएगा? इन सवालों के जवाब आने वाले समय में स्पष्ट होंगे, लेकिन वर्तमान में राजस्थान की राजनीति एक महत्वपूर्ण मोड़ पर खड़ी है।
राजनीतिक समीकरणों पर मंथन
सोमवार को राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और पूर्व मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे दिल्ली प्रवास पर रहे। बताया जा रहा है कि दोनों नेताओं की मंगलवार को भाजपा के आलाकमान सहित कई बड़े नेताओं से मुलाकात होगी। सूत्रों के मुताबिक, इस दौरान दोनों नेताओं की राजस्थान बीजेपी के संगठन, विभिन्न बोर्ड और सरकार में मंत्रिमंडल फेरबदल को लेकर विस्तृत चर्चा होगी। यह मुलाकातें आगामी राजनीतिक समीकरणों को प्रभावित कर सकती हैं।
राजे की पीएम से मुलाकात के बाद अटकलें तेज
हाल ही में जयपुर में भजनलाल सरकार की पहली वर्षगांठ पर आयोजित कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वसुंधरा राजे की जमकर तारीफ की थी। इसके बाद दिल्ली में राजे की पीएम मोदी से मुलाकात भी हुई थी। इन घटनाओं के बाद से राजनीतिक गलियारों में यह अटकलें तेज हो गई हैं कि आगामी दिनों में होने वाले मंत्रिमंडल फेरबदल में राजे समर्थक विधायकों को महत्वपूर्ण जिम्मेदारियाँ मिल सकती हैं। यह फेरबदल भाजपा के अंदरूनी समीकरणों को नए सिरे से परिभाषित कर सकता है।
राजे समर्थकों को मिल सकता है बड़ा मौका
यदि राजस्थान में आगामी दिनों में मंत्रिमंडल फेरबदल होता है तो राजे के कई समर्थक विधायकों को मंत्रिमंडल में स्थान मिल सकता है। इनमें जसवंत यादव, अरूण चौधरी, कालीचरण सर्राफ, बाबू सिंह राठौड़, पब्बाराम बिश्नोई, गुरविर सिंह बराड़, श्रीचंद कृपलानी, पुष्पेंद्र सिंह बाली, अर्जुन लाल जीनगर, जोगेश्वर गर्ग, अजय सिंह किलक, राजेन्द्र भाबूं, राजेन्द्र गुर्जर और अनिता भदेल के नाम शामिल हैं। इन नेताओं का मंत्रिमंडल में प्रवेश भाजपा की राज्यस्तरीय राजनीति में शक्ति संतुलन को प्रभावित कर सकता है।
मंत्रिमंडल में फिलहाल 6 पद रिक्त
भजनलाल सरकार के मंत्रिमंडल में फिलहाल 6 पद रिक्त हैं। वर्तमान में मुख्यमंत्री सहित कुल 24 पदों पर मंत्री काबिज हैं, जबकि कुल विधानसभा सदस्यों के अधिकतम 15 फीसदी सदस्यों को मंत्री बनाया जा सकता है। इस हिसाब से राजस्थान में 30 मंत्री बनाए जा सकते हैं। इस स्थिति को देखते हुए आने वाले दिनों में 6 और नेताओं को मंत्रिमंडल में स्थान दिया जा सकता है। इसके अलावा, कुछ मंत्रियों को बदलकर नए विधायकों को मौका दिए जाने की भी संभावना है।
सियासी नब्ज टटोलने की तैयारी
खबर है कि 27 दिसंबर को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का जयपुर दौरा प्रस्तावित है। सियासी गलियारों में चर्चा है कि नड्डा राजस्थान में पार्टी संगठन और मंत्रिमंडल फेरबदल की नब्ज टटोलने के लिए जयपुर आ रहे हैं। इस दौरे के दौरान नड्डा सभी विधायकों से मुलाकात कर उन्हें संभावित फेरबदल का संदेश दे सकते हैं। इसके अलावा, नड्डा संगठन के सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं से भी मिलकर आगामी चुनावी रणनीति पर विचार-विमर्श कर सकते हैं। यह दौरा भाजपा की राज्यस्तरीय राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है और आगामी चुनावों के लिए पार्टी की दिशा निर्धारित कर सकता है।
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