Somvati Amavasya 2024: हिंदू धर्म में त्योहारों का विशेष स्थान है, जहां हर दिन किसी न किसी पर्व की पावन गाथा लिखी जाती है। इन्हीं शुभ अवसरों में से एक है सोमवती अमावस्या, जो आस्था, पवित्रता और दान-पुण्य का प्रतीक मानी जाती है। (Somvati Amavasya 2024: )इस दिन नदियों में स्नान करना और जरूरतमंदों को दान देना सिर्फ परंपरा नहीं, बल्कि आत्मिक शुद्धि का मार्ग है।
सोमवती अमावस्या न केवल आध्यात्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि इसके पीछे छिपे धार्मिक और सामाजिक संदेश भी इसे खास बनाते हैं। मान्यता है कि इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने से न केवल पापों से मुक्ति मिलती है, बल्कि जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। आइए, जानते हैं साल 2024 की आखिरी सोमवती अमावस्या का महत्व और यह पर्व कब मनाया जाएगा।
अमावस्या का महत्व
हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि को विशेष पवित्रता और धार्मिक महत्व प्राप्त है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, इस दिन पवित्र नदी में स्नान करने या घर पर स्वच्छ जल में गंगाजल डालकर स्नान करने से आत्मिक शुद्धि होती है। अमावस्या के दिन पितरों के तर्पण और पिंडदान करने से पूर्वजों का आशीर्वाद प्राप्त होता है और दीर्घायु की प्राप्ति होती है। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की उपासना भी विशेष फलदायी मानी जाती है।
कब है सोमवती अमावस्या
हिंदू पंचांग के अनुसार, पौष मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि इस वर्ष 30 दिसंबर 2024, सोमवार को पड़ रही है। सोमवार के दिन वाली इस अमावस्या को सोमवती अमावस्या कहा जाता है। यह तिथि 30 दिसंबर को सुबह 4:01 बजे से शुरू होकर 31 दिसंबर 2024 को सुबह 3:56 बजे समाप्त होगी। यह साल 2024 की आखिरी सोमवती अमावस्या है।
स्नान और दान करने का शुभ समय
सोमवती अमावस्या के दिन शुभ कार्यों के लिए खास समय का महत्व है। इस दिन स्नान, दान और पूजा के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 5:24 बजे से लेकर शाम 6:18 बजे तक है। इसके अलावा, अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12:03 बजे से दोपहर 12:45 बजे तक रहेगा। दिनभर वृद्धि योग भी रहेगा, जो रात 8:30 बजे तक प्रभावी है।