संसाधन सीमित, जनसंख्या बेकाबू! ऋतंभरा ने चेताया…अब कानून जरूरी, नहीं तो हालात बिगड़ेंगे

Sadhvi Ritambhara: वक्फ संशोधन विधेयक, जब से लोकसभा और राज्यसभा से पास हुआ है, तब से देश की राजनीति में हलचल मच गई है। इस पर राजनीतिक गलियारों में चर्चा तो हो ही रही है, साथ ही संत समाज की ओर से भी प्रतिक्रियाएं आ रही हैं।अब क्या जनसंख्या नियंत्रण कानून की बारी है?संसद में इस विधेयक पर मुहर लगने के बाद साध्वी ऋतंभरा ने एक महत्वपूर्ण बयान दिया।

उन्होंने इस विधेयक के पारित होने पर न केवल खुशी व्यक्त की, बल्कि ये भी कहा कि इससे मुस्लिम समुदाय में भी संतोष की भावना है। लेकिन, सबसे दिलचस्प बात ये है कि (Sadhvi Ritambhara) साध्वी ऋतंभरा ने जनसंख्या नियंत्रण कानून की आवश्यकता पर भी जोर दिया। उनका मानना है कि यह देश की स्थिरता और विकास के लिए अगला बड़ा कदम हो सकता है।

तो, आखिर साध्वी ऋतंभरा ने जनसंख्या नियंत्रण के बारे में क्या कहा? और यह मुद्दा अब फिर से चर्चा में क्यों आ गया है? आइए, जानते हैं आगे…

मुस्लिमों को भी था बदलाव का इंतजार

वक्फ संशोधन विधेयक के संसद से पारित होने के बाद भी भले ही कुछ दलों की ओर से विरोध जारी है, लेकिन साध्वी ऋतंभरा ने इसे सभी समुदायों के हित में बताया है। उन्होंने कहा कि मुस्लिम समुदाय के भीतर भी यह भावना थी कि वक्फ अधिनियम में बदलाव की आवश्यकता है, क्योंकि वक्फ बोर्ड में बैठे कुछ लोग अजीब तरह से व्यवहार कर रहे थे। ऐसे में अब संशोधन के बाद मुस्लिम समाज में संतोष और खुशी का माहौल है।

सीमाहीन अधिकार राष्ट्रहित में नहीं

साध्वी ऋतंभरा ने वक्फ बोर्ड को मिले अधिकारों पर सवाल उठाते हुए कहा कि किसी भी संस्था को असीमित अधिकार देना राष्ट्रहित के विरुद्ध है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि वक्फ संशोधन विधेयक सभी पक्षों से विचार-विमर्श के बाद लाया गया है। विपक्ष पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि यह मुद्दा राष्ट्रहित का है, न कि किसी धर्म या दल विशेष का। विपक्ष को चाहिए कि वह दलगत राजनीति से ऊपर उठकर इस विषय पर राष्ट्रहित में चिंतन करे।

अब जनसंख्या नियंत्रण कानून की मांग

साध्वी ऋतंभरा ने वक्फ विधेयक के पारित होने के बाद एक और अहम मुद्दे की ओर इशारा किया—जनसंख्या नियंत्रण कानून। उन्होंने कहा कि देश में जब तक जनसंख्या पर नियंत्रण नहीं होगा, तब तक संसाधनों की कोई मात्रा पर्याप्त नहीं होगी। उन्होंने उदाहरण के तौर पर कश्मीर का जिक्र करते हुए कहा कि जब भी जनसंख्या असंतुलन हुआ, उसका नुकसान हिंदुओं को उठाना पड़ा है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि सरकार को इस दिशा में गंभीरता से काम करना चाहिए। जनसंख्या नियंत्रण कानून को लेकर विचार चल रहा है और यह आवश्यक है कि इसपर सभी पक्षों से विमर्श कर एक ठोस निर्णय लिया जाए। राष्ट्रहित को प्राथमिकता देने की आवश्यकता है, न कि संप्रदाय आधारित दृष्टिकोण अपनाने की।

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Bodh Saurabh

Bodh Saurabh, a journalist from Jaipur, began his career in print media, working with Dainik Bhaskar, Rajasthan Patrika, and Khaas Khabar.com. With a deep understanding of culture and politics, he focuses on stories related to religion, education, art, and entertainment, aiming to inspire positive change through impactful reporting.

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