
Rajasthan News: जयपुर | राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन (RCA) और खेल परिषद के बीच विवाद ने प्रदेश में क्रिकेट के भविष्य पर सवाल खड़े कर दिए हैं। कॉल्विन शील्ड टूर्नामेंट खत्म होते ही जैसलमेर, नागौर, जालौर, भरतपुर और डूंगरपुर के जिला क्रिकेट संघों ने खेल विभाग पर भेदभाव और अत्यधिक शुल्क वसूलने के आरोप लगाए हैं।
निजी मैदानों में टूर्नामेंट कराने को मजबूर
नागौर जिला क्रिकेट संघ के सचिव आर एस नांदू और RCA एडहॉक कमेटी के सदस्य विमल शर्मा ने कहा कि एसएमएस स्टेडियम को RCA ही मेंटेन करता है। बावजूद इसके परिषद ने मैदान देने के बदले एक लाख रुपये प्रतिदिन का शुल्क मांगा।
नांदू ने कहा, “जबकि निजी मैदान 8-10 हजार रुपये में उपलब्ध हैं, लेकिन राजस्थान क्रिकेट की सबसे पुरानी प्रतियोगिता भी हम सरकारी स्टेडियम में नहीं करा सके।”
खेल विभाग पर भेदभाव और राजनीतिक पक्षपात का आरोप
जिला क्रिकेट संघों ने आरोप लगाया कि खेल परिषद कांग्रेस समर्थित संघों को विशेष सुविधाएं दे रही है और भाजपा समर्थित इकाइयों को “सिस्टम से बाहर” करने की साज़िश चल रही है।
नांदू ने व्यंग्य करते हुए कहा, “कांग्रेसियों को रबड़ी परोसी जा रही है, भाजपाई चाय के लिए भी तरस रहे हैं। खेल में भी राजनीति का ये हाल पहली बार देख रहे हैं।”
“मुख्यमंत्री से मिलेंगे, न्याय मांगेंगे”
जिला संघों ने बताया कि वे अब एक प्रतिनिधिमंडल बनाकर सीधे मुख्यमंत्री से मुलाकात करेंगे। नांदू ने कहा, “खेल मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ को यह जानकारी नहीं है क्या कि RCA को लगातार बाहर रखा जा रहा है?”
उन्होंने आरोप लगाया कि “एसएमएस स्टेडियम को RCA के घरेलू टूर्नामेंट के लिए उपलब्ध नहीं कराया जा रहा, जबकि स्टेडियम के कर्मचारी भी RCA के हैं।”
एमओयू का प्रस्ताव भी ठंडे बस्ते में
RCA एडहॉक कमेटी के विमल शर्मा ने कहा, “हमने प्रस्ताव दिया था कि महीने के 5 लाख रुपये तय कर एमओयू कर लिया जाए, ताकि बार-बार फीस विवाद न हो। लेकिन परिषद ने कोई जवाब नहीं दिया।” इस वजह से महिला क्रिकेट के कैंप से लेकर कॉल्विन शील्ड का फाइनल तक निजी मैदान में हुआ।