
Govind Devji : जयपुर के आराध्य गोविंद देवजी मंदिर में इस बार होली का रंग, अनुशासन और श्रद्धा के दायरे में रहेगा। मंदिर प्रशासन और पुलिस ने भीड़ नियंत्रण और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सख्त गाइडलाइंस जारी की हैं। इस बार 13 मार्च (होली) और 14 मार्च (धुलंडी) को भक्त (Govind Devji )सिर्फ ठाकुरजी के दर्शन कर सकेंगे, लेकिन मंदिर में रंगों की बौछार, नाच-गाना और रील बनाने पर पूरी तरह से रोक होगी।
चलते-चलते ही करने होंगे दर्शन
प्रशासन का कहना है कि इस नए नियम से दर्शन अधिक सुगम होंगे और मंदिर में अनावश्यक भीड़ जमा नहीं होगी। श्रद्धालु ठाकुरजी के दर्शन कर अपने घरों और कॉलोनियों में होली का पर्व हर्षोल्लास से मना सकेंगे। इसके अलावा, मंदिर परिसर में खड़े होने की अनुमति नहीं होगी, जिससे दर्शन की प्रक्रिया अधिक व्यवस्थित और सुरक्षित रहेगी।
सुरक्षा के कड़े इंतजाम…
भीड़ नियंत्रण और सुरक्षा को लेकर पुलिस प्रशासन ने विशेष तैयारियां की हैं। प्रयागराज कुंभ और अन्य धार्मिक स्थलों पर हुई दुर्घटनाओं से सबक लेते हुए इस बार पुलिस ने भीड़ प्रबंधन को लेकर सख्त कदम उठाए हैं। बुधवार को डीसीपी नॉर्थ राशि डोगरा समेत कई वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने मंदिर का निरीक्षण कर सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की।
वीडियो-रील बनाने पर सख्त पाबंदी
पुलिस के अनुसार, हर साल बड़ी संख्या में युवा मंदिर परिसर में खड़े होकर मोबाइल से वीडियो और रील बनाने लगते हैं, जिससे भीड़ एक ही जगह इकट्ठा हो जाती है। इसका सीधा असर बुजुर्गों और महिलाओं की सुविधा पर पड़ता है। इसी कारण इस बार प्रशासन ने मंदिर परिसर में वीडियो बनाने और खड़े रहने पर सख्त पाबंदी लगा दी है।
रात 11:31 बजे होगा पारंपरिक होलिका दहन
गोविंद देवजी मंदिर में रात 11:31 बजे गोकाष्ठ से पारंपरिक होलिका दहन होगा। मंदिर महंत अंजन कुमार गोस्वामी के सान्निध्य में संतों और महंतों की उपस्थिति में यह अनुष्ठान संपन्न होगा। रात्रि 11 बजे से ही गणपति सहित सभी देवताओं का पूजन-अर्चन और हवन किया जाएगा। इसके बाद भक्तगण होली की अग्नि लेकर अपने मोहल्लों और चौराहों पर होलिका दहन करेंगे।
रंगों की नहीं होगी भरमार!
मंदिर प्रशासन ने इस वर्ष श्रद्धालुओं से फूलों की होली खेलने का अनुरोध किया है। सेवा अधिकारी मानस गोस्वामी के अनुसार, रंग-गुलाल से होली खेलने से अव्यवस्था फैलती है और भक्तों को परेशानी होती है। इसीलिए, इस बार केवल पुष्पों की होली को अनुमति दी गई है, जिससे भक्तों को शुद्ध और पावन माहौल में ठाकुरजी के दर्शन का अवसर मिलेगा।
सात दिनों से जारी है भक्ति का फागोत्सव
गोविंद देवजी मंदिर में बीते सात दिनों से भक्ति और संगीत से सराबोर फागोत्सव मनाया जा रहा है। देशभर से आए कलाकार शेखावाटी के चंग और ढोल की थाप पर होली के पारंपरिक गीत प्रस्तुत कर रहे हैं। लेकिन सबसे खास रहा राधा-कृष्ण स्वरूपों और सखियों द्वारा पांच क्विंटल फूलों की पंखुड़ियों से खेली गई होली। श्रद्धालु इस अनुपम आयोजन का भरपूर आनंद ले रहे हैं और भक्ति में रंगे हुए ठाकुरजी की महिमा का गुणगान कर रहे हैं।
इस बार गोविंद देवजी मंदिर में होली का उत्सव रंगों से नहीं, बल्कि श्रद्धा, अनुशासन और भक्ति के रंगों से सजा हुआ होगा!
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