150 विद्वानों की मौजूदगी में ज्योतिष महाकुंभ, निशुल्क परामर्श….भारत के भविष्य पर चर्चा

Bundi Astrology Event: 150 से अधिक विद्वान और 3000 से अधिक जनता की भागीदारी श्री साकेत पंचांग बूंदी द्वारा आयोजित “ज्योतिष महाकुंभ” में 150 से अधिक विद्वानों ने भाग लिया, और 3000 से अधिक बूंदी की जनता ने निशुल्क परामर्श लिया। इस कार्यक्रम ने सीमा से सत्ता तक की भविष्यवाणी के साथ(Bundi Astrology Event)-साथ ज्योतिषीय दृष्टिकोण पर चर्चा का मंच प्रदान किया।

‘विश्व परिप्रेक्ष्य में भारत की भूमिका’ पर विचार-विमर्श महाकुंभ का मुख्य विषय “विश्व परिप्रेक्ष्य में भारत की भूमिका ग्रह-नक्षत्रों के अनुसार” था। ज्योतिषाचार्यों और विद्वानों ने अपने-अपने विचार प्रस्तुत किए। आचार्य बद्रीनारायण शास्त्री और पंडित भागीरथ जोशी ने इस आयोजन की भूरी-भूरी प्रशंसा की।

ज्योतिषीय विधा के महत्व पर जोर आयोजन के प्रमुख वक्ता जगदीश प्रसाद शर्मा ने ज्योतिष को आत्मचिंतन और दर्शन का माध्यम बताया। उन्होंने कहा कि नवग्रह और 27 नक्षत्रों की गणना ब्रह्मज्ञान से ही संभव है।

शायरी और व्यंग्य के माध्यम से संदेश अपरा काशी से पधारे मनोज कुमार गुप्ता ने शायरी के जरिए कहा, “न पीने का सलीका है और न पिलाने का शऊर, ऐसे लोग भी चले आए हैं मयखाने में।” उन्होंने ज्योतिष को कल्याणकारी विधा बताते हुए इसे बाजार की वस्तु बनाने पर चिंता व्यक्त की।

ज्योतिष का उद्देश्य और उसकी सटीकता ज्योतिषाचार्य अक्षय शास्त्री ने कहा कि ज्योतिष साधना है, और इसे केवल मार्केटिंग का साधन बनाने से इसकी गरिमा कम होती है। पंडित दीनदयाल शास्त्री ने कंप्यूटर द्वारा चार्ट निर्माण को ज्योतिष से परे बताया और कहा कि ज्योतिष ब्रह्मज्ञान है, जिसे आत्मसात करना चाहिए।

सम्मेलन में प्रशस्ति पत्र वितरण सम्मेलन…

ग्रहों की चाल और राष्ट्र की रक्षा दीनदयाल शास्त्री ने बताया कि ग्रहों की चाल और काल की गणना ने कई बार राष्ट्र की रक्षा की है। उन्होंने कहा कि इस प्राचीन विधा को सीखने और समझने के लिए विशेष प्रशिक्षण आवश्यक है।

सम्मेलन में प्रशस्ति पत्र वितरण सम्मेलन के अंत में जगदीश प्रसाद शर्मा ने देश-विदेश से आए ज्योतिषाचार्यों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। प्रमुख सम्मानित व्यक्तियों में रमेश गुरु, आचार्य मनोज कुमार गुप्ता, अभिषेक गौतम, गिरधर गौतम, पुरुषोत्तम पारीक, और भरत शर्मा शामिल रहे।

ज्योतिष के प्रति जागरूकता का संदेश यह आयोजन केवल ज्योतिषीय चर्चा का मंच नहीं था, बल्कि एक संदेश था कि ज्योतिष विद्या को गहराई से समझने और समाज कल्याण में इसके उपयोग को बढ़ावा देने की आवश्यकता है।

भजनलाल-वसुंधरा के बीच 30 मिनट की बातचीत, मंत्रिमंडल विस्तार में इन नेताओं को मिल सकता है नया मौका!

Bodh Saurabh

Bodh Saurabh, a journalist from Jaipur, began his career in print media, working with Dainik Bhaskar, Rajasthan Patrika, and Khaas Khabar.com. With a deep understanding of culture and politics, he focuses on stories related to religion, education, art, and entertainment, aiming to inspire positive change through impactful reporting.

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