Bhomiya Ji Temple SMS Hospital: क्या है SMS अस्पताल के मंदिर का रहस्य? ऑपरेशन से पहले डॉक्टर करते हैं पूजा, जानिए क्यों!

Bhomiya Ji Temple SMS Hospital: राजस्थान के दिल, सवाई मानसिंह अस्पताल (एसएमएस), का नाम तो आपने सुना ही होगा, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस अस्पताल की गहराई में एक रहस्यमयी जगह भी है, जिसे आज भी डॉक्टर अपनी आस्था का केन्द्र मानते हैं? यह अस्पताल, जहां हर साल 20 लाख से अधिक मरीज इलाज कराने आते हैं, न केवल चिकित्सा क्षेत्र में एक आइकॉन है, बल्कि इसके तहखाने में स्थित भौमियां जी का मंदिर भी एक रहस्यमयी आकर्षण का केन्द्र है। (Bhomiya Ji Temple SMS Hospital)लोक देवता माने जाने वाले भौमियां जी के आशीर्वाद से डॉक्टरों को विश्वास है कि जटिल ऑपरेशन करने से पहले यहां पूजा करना उनके इलाज में सफलता और राहत लाता है। जानिए इस रहस्य के पीछे की अनकही कहानी, जो आज भी एसएमएस अस्पताल में डॉक्टर्स की श्रद्धा का प्रतीक बनी हुई है।

SMS अस्पताल का रहस्यमयी इतिहास…चमत्कारी मंदिर

राजस्थान का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल, एसएमएस अस्पताल, न केवल अपनी चिकित्सा सेवाओं के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि यहां का भौमियां जी का मंदिर भी एक रहस्यमयी आकर्षण का केंद्र है। 1936 में शुरू हुआ यह अस्पताल पहले एक कृषि भूमि पर स्थित था, जहां कई बार निर्माण में विघ्न आते थे। जब कोई समाधान नहीं मिला, तो विशेषज्ञ पंडितों ने मंदिर स्थापित करने का सुझाव दिया, और तब से अस्पताल का निर्माण सफलतापूर्वक पूरा हुआ। आज यह अस्पताल चिकित्सा क्षेत्र में अपनी खास पहचान बना चुका है, और इसका रहस्यमयी मंदिर अब भी लोगों के विश्वास का प्रतीक है।

भौमियां जी का मंदिर…जहां चमत्कारी घटनाएं होती हैं

यह मंदिर एसएमएस अस्पताल के तहखाने में स्थित है और इसकी रहस्यमयी शक्ति का आशीर्वाद अस्पताल के सभी डॉक्टरों और मरीजों को मिलता है। यहां के डॉक्टर हमेशा बड़े ऑपरेशन से पहले इस मंदिर में प्रार्थना करते हैं, और मरीजों का मानना है कि इस मंदिर के आशीर्वाद से ही उनका इलाज सफल होता है। एक दिलचस्प घटना 1982 की है, जब जयपुर में बाढ़ आई और अस्पताल के तहखाने में पानी भर गया। लेकिन जब पानी भौमियां जी के पैरों तक पहुंचा, तो अचानक पानी एक सुरंग से बाहर निकल गया और मंदिर सुरक्षित रहा। यह घटना अस्पताल में एक चमत्कारी अनुभव के रूप में दर्ज हो गई।

जब अस्पताल के भीतर भी भौमियां जी का पहरा

एसएमएस अस्पताल के कर्मचारियों का मानना है कि मंदिर में हमेशा एक शक्ति का प्रभाव रहता है। कुछ मरीजों के परिजनों ने बताया कि रात के समय उन्हें अस्पताल के वार्ड्स के बाहर ऐसा महसूस होता है जैसे भौमियां जी स्वयं उनका पहरा दे रहे हों, इस कारण वे कॉरिडोर में पैर फैलाकर नहीं सोते। यह विश्वास आज भी अस्पताल के हर कर्मचारी और मरीज के दिल में बना हुआ है, और मंदिर में जलती अखंड ज्योत इस आस्था को और मजबूत करती है।

राजनीतिक हस्तियों का भी मंदिर से गहरा जुड़ाव

एसएमएस अस्पताल का इतिहास केवल आम लोगों तक सीमित नहीं है, बल्कि यहां के चमत्कारी मंदिर से राजनीतिक हस्तियों का भी जुड़ाव रहा है। जब राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की तबीयत खराब हुई थी, तब उनके पुत्र वैभव गहलोत भी इस मंदिर में प्रार्थना करने पहुंचे थे। उन्होंने यहां अपने पिता की सेहत के लिए आशीर्वाद लिया था, और इस मंदिर की शक्ति में विश्वास व्यक्त किया था।

SMS अस्पताल… राजस्थान का चिकित्सा साम्राज्य

एसएमएस अस्पताल सिर्फ एक चिकित्सा संस्थान नहीं, बल्कि एक ऐतिहासिक धरोहर बन चुका है। यह अस्पताल आज 6000 बेड्स और 43 वार्ड्स के साथ कार्यरत है, जहां 300 से अधिक चिकित्सक और 700 से अधिक नर्सिंग स्टाफ अपनी सेवाएं देते हैं। हर साल लाखों लोग यहां इलाज के लिए आते हैं, और इस अस्पताल के चमत्कारी मंदिर के कारण न केवल जयपुर, बल्कि पूरे राजस्थान और आस-पास के राज्यों के लोग अपनी स्वास्थ्य समस्याओं का समाधान ढूंढने आते हैं।

यह भी पढ़ें:

Cancer Risk: कैंसर को न्योता दे रहे हैं ये 7 खाद्य पदार्थ, अब जानिए कैसे इन्हें अपनी डाइट से हटाएं

Bodh Saurabh

Bodh Saurabh, a journalist from Jaipur, began his career in print media, working with Dainik Bhaskar, Rajasthan Patrika, and Khaas Khabar.com. With a deep understanding of culture and politics, he focuses on stories related to religion, education, art, and entertainment, aiming to inspire positive change through impactful reporting.

Related Posts

Rajasthan News: भक्ति की लहर में डूबा जयपुर, गोविंद देवजी रथयात्रा में हजारों श्रद्धालुओं ने दिव्य दर्शन का आनंद लिया

Rajasthan News: जयपुर…

Rajasthan News: राजस्थान क्रिकेट में जंग! खेल परिषद पर भेदभाव के आरोप, RCA मैदान से बाहर, सीएम दरबार तय

Rajasthan News:…

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *