Kumbhalgarh: कुंभलगढ़ टाइगर रिजर्व की ओर बढ़ रही है भजनलाल सरकार! क्या राजस्थान का नाम होगा ‘टाइगरस्थान’?”

Kumbhalgarh Tiger Reserve:  राजस्थान के जंगलों में दस्तक देने वाला है एक नया अध्याय! प्रदेश में जल्द ही छठा टाइगर रिजर्व बनने जा रहा है, और यह रिजर्व राजसमंद के कुंभलगढ़ में स्थापित किया जाएगा।(Kumbhalgarh Tiger Reserve) हाल ही में, राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण ने इस महत्वाकांक्षी परियोजना को हरी झंडी दे दी है, जिससे स्थानीय वन्यजीवों के संरक्षण और पर्यावरण की सुरक्षा की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया जा रहा है।

भजनलाल सरकार की मेहनत और वन विभाग की तत्परता से कुंभलगढ़ में टाइगर रिजर्व के निर्माण की प्रक्रिया तेज हो चुकी है। इसके अंतर्गत, कुंभलगढ़ के आसपास के पांच जिलों को इस रिजर्व में शामिल किया जाएगा, जो न केवल वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए वरदान साबित होगा, बल्कि पर्यटन के नए अवसरों को भी जन्म देगा। यह पहल पर्यावरण संरक्षण और जैव विविधता को बढ़ावा देने में अहम भूमिका निभाएगी, जिससे राजस्थान की धरोहर और प्राकृतिक सौंदर्य को संरक्षित रखा जा सकेगा।

पांच जिलों के हिस्सों को मिलाकर बनेगा रिजर्व

राजस्थान में जल्द बनने वाले छठे टाइगर रिजर्व, कुंभलगढ़ में प्राधिकरण की हरी झंडी मिलने के बाद कमेटी ने सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। टाइगर रिजर्व की शुरुआत में चार टाइगर लाए जाएंगे। इसके बाद राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण की गाइडलाइन के अनुसार करीब दो साल तक इन टाइगर्स को वन विभाग की निगरानी में रखा जाएगा और वहां के माहौल में उसे एडजस्ट किया जाएगा। इसके बाद क्या रिजल्ट रहते हैं, उसके आधार पर इस प्रोजेक्ट पर आगे का काम किया जाएगा। इधर, टाइगर रिजर्व वाले एरिया में ग्रासलैंड का काम भी शुरू हो गया है।

पांच जिलों के हिस्सों को मिलाकर बनेगा कुंभलगढ़ टाइगर रिजर्व

वन विभाग के अनुसार उदयपुर के कुंभलगढ़ टाइगर रिजर्व के लिए कमेटी ने सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। इस रिपोर्ट में कुंभलगढ़ के आसपास के पांच जिलों के विभिन्न हिस्सों को टाइगर रिजर्व के लिए शामिल किया गया है। इनमें उदयपुर, राजसमंद, ब्यावर, पाली और सिरोही के कुछ इलाके शामिल हैं। वहीं, कुंभलगढ़ के नीचे सादड़ी, देसूरी, और रणकपुर समेत इलाकों में काफी घने जंगल हैं। इसके चलते टाइगर रिजर्व के लिए यह क्षेत्र पूरी तरह उपयुक्त है।

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Bodh Saurabh

प्रिंट मीडिया से पत्रकारिता की शुरुआत करते हुए दैनिक भास्कर, राजस्थान पत्रिका और खास खबर.कॉम जैसे प्रतिष्ठित प्लेटफॉर्म्स पर काम किया। गुलाबी नगरी जयपुर का निवासी, जहां की सांस्कृतिक और राजनीतिक धड़कन को बारीकी से समझा। धर्म, राजनीति, शिक्षा, कला और एंटरटेनमेंट से जुड़ी कहानियों में न सिर्फ गहरी रुचि बल्कि समाज को जागरूक और प्रेरित करने का अनुभव। सकारात्मक बदलाव लाने वाली रिपोर्टिंग के जरिए समाज की नई दिशा तय करने की कोशिश। कला और पत्रकारिता का अनोखा संगम, जो हर कहानी को खास बनाता है।

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