झारखंड में ईडी जांच रोकने की साज़िश? गवाहों पर दबाव, अफसरों की गिरफ्तारी और केंद्र-राज्य में जंग छिड़ी

ED investigation: रांची | झारखंड में हेमंत सोरेन के भूमि अधिग्रहण मामले की जांच के बीच अब एक नई बहस शुरू हो गई है। आरोप हैं कि गवाहों पर दबाव डालने और ईडी की जांच को कमजोर करने का संगठित प्रयास चल रहा है।
ईडी के मुताबिक, इस प्रकरण के दो प्रमुख गवाह—सर्किल ऑफिसर शैलेश प्रसाद और मनोज कुमार—पर ACB द्वारा केस दर्ज कर उनसे बयान बदलवाने का प्रयास किया गया। (ED investigation)दोनों गवाहों के धारा 164 (BNS 183) के तहत सोरेन के पक्ष में बयान दर्ज कराए जाने की योजना थी।

 अन्य गवाहों पर भी दबाव, प्राथमिकी तक दर्ज नहीं

ईडी सूत्रों का दावा है कि तीन अन्य गवाहों को भी डराया-धमकाया गया और जब उन्होंने बयान बदलने से इनकार किया तो उन्हें जेल भेजने की कार्रवाई की गई।

ईडी द्वारा मुख्य सचिव झारखंड को बार-बार सूचना देने के बावजूद न तो एफआईआर दर्ज हुई और न ही गवाहों को सुरक्षा मुहैया कराई गई।

 छत्तीसगढ़-झारखंड शराब घोटाले में ACB की कार्रवाई

छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा शराब घोटाले की जांच CBI को सौंपे जाने के बाद अनुराग गुप्ता के निर्देश पर ACB ने कई अफसरों के खिलाफ केस दर्ज किया।

आरोप है कि यह कार्रवाई IAS विनय चौबे और अन्य अधिकारियों को केन्द्रीय एजेंसी के सरकारी गवाह बनने से रोकने के लिए की गई।

 अनुराग गुप्ता पर पुराने घोटालों के गंभीर आरोप

अनुराग गुप्ता पर बिहार कार्यकाल के दौरान डिग्री घोटाले में केस दर्ज है। मगध यूनिवर्सिटी पुलिस स्टेशन में 2000 में दर्ज इस केस में चार्जशीट दाखिल हो चुकी है और अभियोजन स्वीकृति लंबित है।

इसके अलावा उन पर कोयला, बालू, भूमि घोटाला, ट्रांसफर-पोस्टिंग में लेन-देन और पुलिस विभाग में घटिया सामग्री की आपूर्ति जैसे आरोप लगे हैं। एक व्हिसिल ब्लोवर रिपोर्ट से यह खुलासे हुए।

 लंबित न्यायिक कार्यवाहियां

  • माननीय उच्चतम न्यायालय में Contempt Petition (Diary No.8340/2025) – जुलाई में सुनवाई संभावित।
  • झारखंड उच्च न्यायालय में जनहित याचिका (WPC No.2098/2025) – अगली सुनवाई 16 जुलाई को।
  • एक एनजीओ द्वारा Contempt Petition (Filing No.7736/2025) – उच्चतम न्यायालय में लंबित।

 उठाए जाने चाहिए ये कदम

  • अनुराग गुप्ता को 30 अप्रैल 2025 से विधिसम्मत रूप से सेवा निवृत्त माना जाए।
  • झारखंड सरकार द्वारा बनाए गए असंवैधानिक नियमों को तत्काल रद्द किया जाए।
  • भारत सरकार All India Service Rules का अनुपालन सुनिश्चित करे और स्पष्ट निर्देश दे कि सेवा विस्तार का अधिकार केवल केंद्र सरकार को है।
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Bodh Saurabh Desk

Bodh Saurabh is an experienced Indian journalist and digital media professional, with over 14 years in the news industry. He currently works as the Assistant News Editor at Bodh Saurabh Digital, a platform known for providing breaking news and videos across a range of topics, including national, regional, and sports coverage.

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