
Kotputli Chapala Bhairuji Temple: अरावली की हरी-भरी पहाड़ियों के बीच बसा, श्रद्धा और आस्था का अद्भुत संगम छापाला भैरूजी मंदिर एक बार फिर अपनी भव्यता और उत्साह से सराबोर होने को तैयार है। कोटपूतली-बहरोड़ जिले की ग्राम पंचायत कल्याणपुरा कलां के ग्राम कुहाड़ा में स्थित इस मंदिर का लक्खी मेला 30 जनवरी को आयोजित किया जाएगा। यह मेला न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि सामूहिक प्रयास, समर्पण और ग्रामीण संस्कृति का अद्वितीय उदाहरण भी प्रस्तुत करता है।
विशेष बात यह है कि मेले की तैयारियों में कल्याणपुरा और कुहाड़ा के ग्रामीण पिछले एक माह से पूरी श्रद्धा और मेहनत के साथ जुटे हुए हैं। इस बार मेले के लिए 551 क्विंटल प्रसादी तैयार की जा रही है, और खास बात यह है कि इसे बिना किसी हलवाई की मदद से ग्रामीण स्वयं बना रहे हैं। आस्था, सहयोग और परंपरा का यह मेल निश्चित रूप से श्रद्धालुओं के दिलों में एक अमिट छाप छोड़ेगा।
मेले में व्यवस्थाओं की जिम्मेदारी
छापाला भैरूजी के लक्खी मेले में हजारों श्रद्धालुओं के आगमन को देखते हुए वाहनों की पार्किंग की जिम्मेदारी ग्रामीण खुद उठा रहे हैं। साथ ही, मेले की सुरक्षा और व्यवस्था के लिए पुलिस प्रशासन भी पूरी तरह सतर्क है। चार थानों से पुलिस जवानों की तैनाती की जाएगी। किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए एम्बुलेंस, फायर ब्रिगेड और अन्य जरूरी संसाधन भी उपलब्ध रहेंगे।
प्रसादी की सफाई और शुद्धता का विशेष ध्यान
मेले की मुख्य आकर्षण चूरमे की बाटियों की सफाई और शुद्धता पर खास ध्यान दिया जा रहा है। बाटियों को जगरे से निकालने के बाद कंप्रेसर की मदद से साफ किया जा रहा है, ताकि मिट्टी और राख के कण पूरी तरह हट जाएं। चूरमे को मिलाने वाले कार्यकर्ता भी हाथ और पांव में पॉलीथिन पहनकर काम करते हैं, ताकि प्रसादी पूरी तरह स्वच्छ बनी रहे।
जगरे पर बन रही 551 क्विंटल प्रसादी
इस बार भंडारे के लिए 100 ग्रामीण 200 मीटर लंबे जगरे पर बाटियां सेंकने का कार्य कर रहे हैं। कुल 551 क्विंटल प्रसादी तैयार की जा रही है, जो पिछले वर्ष की 515 क्विंटल प्रसादी से अधिक है। ग्रामीणों का यह सामूहिक प्रयास भक्ति, श्रम और समर्पण का अद्वितीय उदाहरण प्रस्तुत करता है।
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