नीतीश कुमार के हिजाब वीडियो के बाद BJP ने कांग्रेस को घेरा….अशोक गहलोत का घूंघट वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल!

Nitish Kumar Hijab: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से जुड़ा एक वायरल वीडियो अब सिर्फ एक व्यक्तिगत घटना नहीं रहा, बल्कि यह महिला सम्मान, धार्मिक स्वतंत्रता और राजनीतिक दोहरे मापदंडों की राष्ट्रीय बहस में बदल चुका है। सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान सामने आए इस वीडियो ने विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच तीखी बयानबाजी को जन्म दे दिया है।

वायरल वीडियो में क्या दिखा?

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में नीतीश कुमार एक सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान एक महिला से बातचीत करते नजर आते हैं। इसी दौरान वह महिला के हिजाब को छूते या हटाने की कोशिश करते दिखाई देते हैं। वीडियो में यह भी देखा जा सकता है कि मौके पर मौजूद सुरक्षाकर्मी तुरंत हस्तक्षेप करते हुए महिला को पीछे ले जाते हैं।

इस दृश्य के सामने आते ही सोशल मीडिया पर सवाल उठने लगे कि क्या किसी भी परिस्थिति में किसी महिला की धार्मिक या व्यक्तिगत पहचान को सार्वजनिक मंच पर इस तरह छूना उचित है।

 महिला सम्मान और निजता का मुद्दा

वीडियो सामने आते ही विपक्षी दलों ने नीतीश कुमार पर सीधा हमला बोला। नेताओं ने इसे महिला की गरिमा, निजता और सहमति से जोड़ते हुए गंभीर मामला बताया। विपक्ष का कहना है कि सत्ता में बैठे नेताओं को सार्वजनिक मंच पर व्यवहार को लेकर अतिरिक्त संवेदनशीलता दिखानी चाहिए।

 अशोक गहलोत का पुराना वीडियो सामने

विवाद बढ़ने पर बीजेपी ने पलटवार की रणनीति अपनाई। पार्टी ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का एक पुराना वीडियो साझा किया, जिसमें वह सार्वजनिक मंच पर एक महिला का घूंघट हटाते नजर आते हैं।

बीजेपी नेताओं का कहना है कि उस समय कांग्रेस ने इसे सामाजिक सुधार और प्रगतिशील सोच का प्रतीक बताया था, लेकिन अब समान संदर्भ में विरोध किया जा रहा है। पार्टी ने इसे विपक्ष के दोहरे मापदंडों का उदाहरण बताया।

 दो वीडियो, दो नजरिए

नीतीश कुमार और अशोक गहलोत से जुड़े दोनों वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे हैं। ट्विटर, फेसबुक और इंस्टाग्राम जैसे प्लेटफॉर्म पर हजारों कमेंट्स और शेयर सामने आ चुके हैं।

एक वर्ग इसे महिला अधिकार और व्यक्तिगत सहमति का सवाल बता रहा है, जबकि दूसरा वर्ग इसे राजनीतिक चयनात्मक नैतिकता का उदाहरण मान रहा है। धार्मिक स्वतंत्रता, सार्वजनिक आचरण और नेताओं की जवाबदेही जैसे मुद्दों पर यूजर्स के बीच तीखी बहस जारी है।

नया राजनीतिक एंगल: आचरण बनाम एजेंडा

इस पूरे विवाद ने एक नई राजनीतिक बहस को जन्म दिया है—क्या नेताओं के व्यक्तिगत आचरण का मूल्यांकन राजनीतिक चश्मे से होना चाहिए, या हर घटना को समान नैतिक मानकों पर परखा जाना चाहिए?

विशेषज्ञों का मानना है कि यह मामला आने वाले दिनों में चुनावी राजनीति में भी असर डाल सकता है, जहां महिला सम्मान और धार्मिक पहचान जैसे संवेदनशील मुद्दे एक बार फिर केंद्र में आ सकते हैं।

फिलहाल, यह विवाद थमता नजर नहीं आ रहा। जैसे-जैसे सोशल मीडिया पर बहस तेज हो रही है, वैसे-वैसे राजनीतिक दलों के बीच बयानबाजी भी और तीखी होती जा रही है। सवाल यही है कि क्या यह मुद्दा सिर्फ वीडियो तक सीमित रहेगा या भारतीय राजनीति में आचरण और सहमति पर नई लकीर खींचेगा।

अपडेट्स के लिए जुड़े  रहें  www.bodhsaurabh.com 

संपर्क: editorbodhsaurabh@gmail.com

Bodh Saurabh Web Team

Bodh Saurabh is an experienced Indian journalist and digital media professional, with over 14 years in the news industry. He currently works as the Assistant News Editor at Bodh Saurabh Digital, a platform known for providing breaking news and videos across a range of topics, including national, regional, and sports coverage.

Related Posts

देशभर के 500 विद्वानों के बीच बूंदी के अक्षय शास्त्री बने विशेष चयन, मिला दुर्लभ तंत्र साधक सम्मान

 Sawai Madhopur…

कांग्रेस क्यों बैकफुट पर आई? दो साल बनाम पांच साल पर CM का तीखा वार….जाने क्या बोले

CM Bhajanlal…

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *