Khatu Shyam Ji: राजस्थान की प्रसिद्ध धार्मिक नगरी खाटूश्यामजी में श्री श्याम मंदिर कमेटी के चुनाव को लेकर एक बार फिर विवाद गहराता नजर आ रहा है। एक ओर मंदिर कमेटी द्वारा पदाधिकारियों के निर्वाचन की औपचारिक घोषणा कर दी गई है, वहीं दूसरी ओर देवस्थान विभाग, जयपुर के निर्देशों ने इस प्रक्रिया पर गंभीर (Khatu Shyam Ji) सवाल खड़े कर दिए हैं। दो आधिकारिक दस्तावेज सामने आने के बाद यह मामला अब प्रशासनिक और कानूनी बहस का विषय बन गया है।

रविवार को हुआ पदाधिकारियों का निर्वाचन
श्री श्याम मंदिर कमेटी (रजि.) द्वारा जारी निर्वाचन आदेश के अनुसार, 15 दिसंबर 2025 को प्रयास मंडल की सामान्य सभा आयोजित की गई। इसमें आगामी पांच वर्षों के लिए कमेटी के पदाधिकारियों का निर्वाचन किया गया।
निर्वाचन में
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अध्यक्ष: शक्ति सिंह चौहान
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मंत्री: भंवर सिंह चौहान
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कोषाध्यक्ष: रवि सिंह चौहान
को निर्विरोध/विजयी घोषित किया गया। निर्वाचन अधिकारी मोहन सिंह (दास) चौहान ने आदेश जारी कर नई कार्यकारिणी को अधिकार सौंपने की पुष्टि की।
देवस्थान विभाग का पत्र बना विवाद की जड़
इसी दिनांक को देवस्थान विभाग (द्वितीय), जयपुर की ओर से जारी पत्र ने चुनाव प्रक्रिया पर आपत्ति जताई। पत्र में स्पष्ट किया गया कि राजस्थान लोक न्यास अधिनियम 1959 के तहत प्रकरण संख्या 1/2025 विचाराधीन है। विभाग ने यह भी निर्देश दिया कि मेला तैयारियों के दौरान चुनाव कराना उचित नहीं है, और चुनाव प्रक्रिया को बाद में कराने के आदेश दिए गए थे।

बिना अनुमति चुनाव कराने पर सवाल
देवस्थान विभाग ने अपने पत्र में उल्लेख किया कि बिना सक्षम अनुमति और न्यायालयीन प्रक्रिया के अंतिम निर्णय के, चुनाव कराना नियमों के विपरीत है। ऐसे में अब यह प्रश्न उठ रहा है कि घोषित निर्वाचन आदेश प्रशासनिक निर्देशों के अनुरूप है या नहीं।
अब आगे क्या?
फिलहाल खाटूश्यामजी मंदिर प्रशासन और भक्तों की निगाहें देवस्थान विभाग और न्यायालय के अगले कदम पर टिकी हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या नई कमेटी अपने कार्यकाल को निर्विघ्न रूप से आगे बढ़ा पाएगी या इस चुनाव पर रोक लग सकती है।

















































