अमायरा मौत जांच की फिक्स्ड रिपोर्ट के पीछे कौन छिपा है, मंत्री–अफसर–स्कूल की गुप्त सेटिंग कौन उजागर करेगा?

सरकारी जांच या स्कूल प्रबंधन की स्क्रिप्ट?

अभिभावक संघ का दावा है कि शिक्षा विभाग की जांच समिति ने जांच के नाम पर एक तैयार स्क्रिप्ट जमा की, जिसमें न तो घटना का विश्लेषण है और न ही स्कूल की जिम्मेदारी तय करने का कोई प्रयास। यह रिपोर्ट न्याय नहीं, बल्कि ‘स्कूल को क्लीन-चिट’ देने की डील जैसी प्रतीत होती है।

रिपोर्ट जमा होते ही 2 घंटे में प्रमोशन — सबसे बड़ा संकेत!

सबसे बड़ा संदेह का बिंदु यह है कि जिस जांच अधिकारी ने रिपोर्ट जमा की, उसी दिन सिर्फ दो घंटे में उनका प्रमोशन कर दिया गया और उन्हें हाथों-हाथ रिलीव भी कर दिया गया। यह तेज़ी केवल सवाल नहीं उठाती — यह पूरी जांच को संदिग्ध बना देती है।

“क्या प्रमोशन रिपोर्ट लिखवाने की कीमत थी?”

क्या छुपाया जा रहा था?

अमायरा के पिता और संयुक्त अभिभावक संघ के प्रतिनिधि निर्धारित समय पर पहुंचे, लेकिन अधिकारी उनसे मिलने ही नहीं आए। घंटों इंतज़ार के बाद फोन उठाकर सिर्फ इतना कहा गया—

“रिपोर्ट दे दी है… मेरा प्रमोशन हो गया… मैं रिलीव हो चुका हूँ।”

अगले ही दिन मीडिया में अधिकारी का बयान सामने आया जिसमें उन्होंने स्कूल को बचाते हुए टिप्पणी की। यह पूरा घटनाक्रम जांच की विश्वसनीयता पर गहरा सवाल उठाता है।

स्कूल मालिक का प्रभाव?

संघ के अनुसार, विश्वसनीय सूत्र बताते हैं कि नीरजा मोदी स्कूल के मालिक ने अपने संपर्कों का इस्तेमाल कर जांच टीम को प्रभावित किया, रिपोर्ट अपने पक्ष में लिखवाई और शिक्षा मंत्री तक दबाव बनाया।

 मंत्री की बर्खास्तगी तक

  1. संदिग्ध भूमिका वाले अधिकारी रामनिवास शर्मा पर तत्काल कार्रवाई हो।
  2. शिक्षा मंत्री मदन दिलावर को मिलीभगत के आरोपों के चलते तुरंत हटाया जाए।
  3. पूरी जांच रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जाए ताकि सच्चाई सामने आ सके।
  4. नई जांच समिति बने जिसमें अभिभावक प्रतिनिधि अनिवार्य रूप से शामिल हों।

 “जिस सिस्टम पर भरोसा किया, वही धोखा दे गया”

विकास मीणा ने कहा—

“हमें न्याय देने के बजाय अधिकारियों ने हमें चक्कर कटवाए। जिस दिन रिपोर्ट देनी थी उसी दिन प्रमोशन ले कर भाग जाना बताता है कि सब पहले से सेट था। मेरी बेटी के साथ अन्याय हुआ है।”

क्या राजस्थान में न्याय का दम घुट रहा है?

पूरे प्रकरण ने यह चिंता बढ़ा दी है कि क्या राजस्थान का शिक्षा विभाग अब भ्रष्टाचार और प्रभावशाली लॉबी के दबाव में काम कर रहा है? क्या एक मासूम बच्ची की मौत में भी निजी स्कूलों के हित सरकार पर हावी हैं?

संयुक्त अभिभावक संघ का यह कहना कि यदि तुरंत कार्रवाई नहीं हुई तो राज्यव्यापी आंदोलन होगा, यह संकेत देता है कि मामला अब सरकार बनाम जनता की दिशा में बढ़ रहा है।

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Bodh Saurabh Web Team

Bodh Saurabh is an experienced Indian journalist and digital media professional, with over 14 years in the news industry. He currently works as the Assistant News Editor at Bodh Saurabh Digital, a platform known for providing breaking news and videos across a range of topics, including national, regional, and sports coverage.

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