
Pahalgam Attack: भारत और पाकिस्तान के बीच फिर से तनाव की लहर उठ चुकी है। सीमा पर बढ़ती हलचल और आतंकी गतिविधियों के बीच अब एक बार फिर से हालात गर्म होते दिख रहे हैं। लेकिन इस बार मामला सिर्फ कूटनीतिक नाराज़गी तक सीमित नहीं है….बल्कि कुछ बड़ा होने वाला है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वो कर दिया है, जिससे पाकिस्तान की नींद उड़ चुकी है। ‘फ्रीहैंड टू आर्मी’….यानि अब भारतीय सेना को पूरी छूट मिल चुकी है कि जब ज़रूरत लगे, जहां ज़रूरत लगे और जैसे ज़रूरत हो… जवाब दे दिया जाए। यह वही रणनीति है, जिसने उरी, पुलवामा और गलवान जैसे हमलों का करारा बदला लिया था। (Pahalgam Attack)अब एक बार फिर हालात कुछ वैसा ही रूप ले रहे हैं। पाकिस्तान की घबराहट इस बात से है कि भारत जवाब की भूमिका में नहीं…अब कार्रवाई की मुद्रा में है। और जब मोदी सरकार सेना को ‘लाइसेंस टू रेस्पॉन्ड’ दे देती है, तो इतिहास गवाह है कि परिणाम हमेशा दुश्मन के लिए भयावह होते हैं।
पाकिस्तान पर कब और कैसे होगा हमला?
प्रधानमंत्री मोदी ने मंगलवार को तीनों सेनाओं के प्रमुखों के साथ एक अहम बैठक की, जिसमें उन्होंने भारत की सुरक्षा के प्रति अपनी दृढ़ प्रतिबद्धता जताई। उन्होंने साफ किया कि अब कोई समझौता नहीं होगा और सेना को पूरी छूट दे दी गई है कि “कब, कहां और कैसे जवाब देना है…. ये फैसला सेना खुद करेगी।” यह छूट पाकिस्तान के लिए एक बड़ी चेतावनी बन गई है, जिसके बाद पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तान को अगले 24 से 36 घंटों के भीतर भारत के बड़े सैन्य कदम की संभावना से डर लग रहा है।
पहला बड़ा संदेश: उरी अटैक और सर्जिकल स्ट्राइक
18 सितंबर 2016 को जम्मू-कश्मीर के उरी में पाकिस्तानी आतंकियों ने भारतीय सेना के कैंप पर हमला किया था, जिसमें 18 जवान शहीद हो गए थे। इस हमले के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने सेना को खुली छूट दी। सेना ने तुरंत जवाब दिया और सर्जिकल स्ट्राइक कर पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया। भारतीय सेना का दावा था कि “हमने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में आतंकी लॉन्चपैड्स को तबाह कर दिया है।” इस हमले से साफ हो गया कि भारत अब किसी भी आक्रामक कार्रवाई का करारा जवाब देने में पीछे नहीं हटेगा।
भारतीय सेना का दूसरा बड़ा जवाब: पुलवामा अटैक
14 फरवरी 2019 को पुलवामा में हुए आतंकी हमले में CRPF के 40 से ज्यादा जवान शहीद हो गए थे। इस हमले के बाद पूरे देश में गुस्से की लहर दौड़ गई और पाकिस्तान से बदला लेने की मांग तेज हो गई। प्रधानमंत्री मोदी ने फिर से सेना को खुली छूट दी और कहा कि “कब, कहां और कैसे सजा दी जाएगी, इसका फैसला हमारी सेना करेगी।” इसके बाद भारतीय वायुसेना ने बालाकोट में एयर स्ट्राइक कर जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी ठिकानों को नष्ट कर दिया।
गलवान में चीन को भी मिल चुका है जवाब
2020 में गलवान घाटी में चीन और भारत के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई थी, जिसमें भारत के 20 जवान वीरगति को प्राप्त हुए थे। हालांकि, भारतीय सैनिकों ने बहादुरी से लड़ते हुए चीन के सैनिकों को पीछे हटने पर मजबूर कर दिया। उस समय प्रधानमंत्री मोदी ने स्पष्ट किया था कि “सेना को जरूरी हर कदम उठाने की छूट दी गई है। भारत शांति चाहता है, लेकिन अपनी संप्रभुता के साथ कोई समझौता नहीं करेगा।”
क्यों कांप रहा है पाकिस्तान?
भारत की सेना द्वारा किए गए इन ऐतिहासिक सैन्य कदमों के पीछे एक बात समान रही – प्रधानमंत्री मोदी का फ्रीहैंड। जब भी मोदी ने सेना को खुली छूट दी, दुश्मन देशों ने भारत से सीधा जवाब महसूस किया। अब जब फिर से सेना को फ्रीहैंड मिल चुका है, पाकिस्तान को डर है कि भारत किसी भी समय बड़ा सैन्य कदम उठा सकता है। यही कारण है कि पाकिस्तान की सरकार, सेना और शेयर बाजार में हड़कंप मचा हुआ है।
भारत जब चाहता है, तब वार करता है
अब भारत की सैन्य रणनीति रक्षात्मक नहीं रही। यह रणनीति पूरी तरह से बदल चुकी है। अब जब भारत पर हमला होता है, तो जवाब सिर्फ उसी जगह नहीं दिया जाता, बल्कि दुश्मन के घर तक पहुंचकर दिया जाता है। इसका पूरा श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की स्पष्ट नीति और सेना को दी गई फ्रीहैंड को जाता है। भारत की सैन्य रणनीति अब पूरी तरह से हमलावर हो चुकी है, और यह पाकिस्तान समेत दुनिया के बाकी देशों के लिए एक स्पष्ट संदेश है।
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