पाकिस्तान की नींद उड़ाने आया हारोप ड्रोन, भारत के पास है ये ‘साइलेंट किलर’, और कौन रखता है?

Operation Sindoor: जब राष्ट्र की सीमाएं कांपने लगें, और दुश्मन हरकतों से बाज न आए—तो केवल चेतावनी नहीं, करारा जवाब देना पड़ता है। भारत और पाकिस्तान के बीच मौजूदा हालात उसी मोड़ पर खड़े हैं, जहां शब्द पीछे छूट जाते हैं और हथियार बोलने लगते हैं।

बीते कुछ दिनों में भारत ने पाकिस्तान के आतंकी ढांचों पर सर्जिकल प्रहार कर यह साफ कर दिया है कि अब सब्र की सीमा लांघ चुकी है। जवाबी गोलीबारी, मिसाइल और ड्रोन हमलों की साजिश के(Operation Sindoor) बीच भारत का एक ‘मौन योद्धा’ चर्चा में है….हारोप ड्रोन

यह ड्रोन कोई आम मशीन नहीं, बल्कि ‘साइलेंट किलर’ है….जो दुश्मन को बिना भनक दिए तबाह कर सकता है। युद्ध की संभावनाओं के बीच यह ड्रोन पाकिस्तान के लिए ‘काल’ साबित हो सकता है। आइए जानते हैं, क्या है ये हारोप ड्रोन, कैसे करता है काम, और भारत के अलावा किन देशों के पास है ये खतरनाक हथियार।

Operation Sindoor

क्या है हारोप ड्रोन?

हारोप (Harop) एक ‘लॉइटरिंग म्यूनिशन’ यानी भटकता हुआ आत्मघाती ड्रोन है, जिसे इजरायल की कंपनी IAI (Israel Aerospace Industries) ने विकसित किया है। ये ड्रोन किसी निशाने के ऊपर देर तक उड़ सकता है, उसका पीछा कर सकता है, और समय आने पर खुद को उस पर गिराकर विस्फोट कर देता है—यानि ये मिसाइल और ड्रोन दोनों की भूमिका निभाता है।


हारोप ड्रोन की खासियतें: क्यों है ये पाकिस्तान के लिए खतरा?

  • Autonomous Targeting: यह दुश्मन के रेडार, एंटी-एयरक्राफ्ट सिस्टम और मोबाइल यूनिट्स को खुद पहचान सकता है।

  • Silent Strike: दुश्मन को भनक लगे बिना टारगेट पर हमला करता है।

  • Endurance: 6 घंटे से ज़्यादा उड़ान क्षमता और 1,000 किमी से अधिक रेंज।

  • Hit Accuracy: एक बार टारगेट लॉक हो जाए, तो चूकना लगभग नामुमकिन।


पाकिस्तान के लिए क्यों बना यह ‘काल’?

हारोप ड्रोन उन ठिकानों पर हमला करने के लिए आदर्श है जो छिपे हुए हों या जिन्हें दुश्मन आखिरी हथियार मानता हो—जैसे मोबाइल लॉन्चर्स, कमांड सेंटर या रेफ्यूलिंग पॉइंट्स। युद्ध की स्थिति में यह ड्रोन पाकिस्तान के एयर डिफेंस को ‘ब्लाइंड’ कर सकता है, जिससे भारत की अन्य मिसाइलें और एयरस्ट्राइक यूनिट्स बेरोक-टोक आगे बढ़ सकें।


भारत के पास कितने हारोप ड्रोन हैं?

भारत ने करीब 110 से ज्यादा हारोप ड्रोन इजरायल से खरीदे हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, DRDO भी इसी टेक्नोलॉजी पर आधारित स्वदेशी संस्करण विकसित कर रहा है।


किन-किन देशों के पास है हारोप ड्रोन?

भारत और इजरायल के अलावा, हारोप ड्रोन के पास होने की पुष्टि इन देशों में हुई है:

  • अजरबैजान (Azerbaijan)

  • जर्मनी (Germany)

  • तुर्की (Turkey)

  • दक्षिण कोरिया (South Korea)

  • कज़ाकिस्तान (Kazakhstan)

अजरबैजान ने 2020 में आर्मीनिया के खिलाफ युद्ध में इन ड्रोन का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया था।


‘नया भारत’ अब सिर्फ रक्षात्मक नहीं

हारोप ड्रोन भारत के उस नए दृष्टिकोण का प्रतीक है, जहां देश अब केवल हमला झेलने वाला नहीं, बल्कि दुश्मन की रणनीति को जड़ से उखाड़ने वाला बन चुका है। ऑपरेशन सिंदूर हो या तकनीकी मोर्चे पर जवाब—भारत अब निर्णायक हमलों की रणनीति अपना चुका है। अगर पाकिस्तान ने युद्ध छेड़ने की गलती की, तो हारोप ड्रोन उसकी पहली और आखिरी चेतावनी साबित हो सकता है।

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Bodh Saurabh Web Team

Bodh Saurabh is an experienced Indian journalist and digital media professional, with over 14 years in the news industry. He currently works as the Assistant News Editor at Bodh Saurabh Digital, a platform known for providing breaking news and videos across a range of topics, including national, regional, and sports coverage.

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