
Vice President of India: मानसून सत्र की पहली ही सुबह उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे ने सियासी हलकों में हलचल मचा दी। उनके अचानक पद छोड़ने के बाद से देश का अगला उपराष्ट्रपति कौन होगा—इस पर चर्चाओं का दौर तेज़ हो गया है।
राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह का नाम सबसे आगे चल रहा है। उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की, जिससे राजनीतिक गलियारों में यह माना जा रहा है कि(Vice President of India) वे अब शीर्ष संवैधानिक पद की दौड़ में सबसे आगे हैं।
राजनीति से पहले पत्रकारिता का लंबा अनुभव
हरिवंश का पत्रकारिता सफर टाइम्स ऑफ इंडिया ग्रुप से ट्रेनी जर्नलिस्ट के रूप में शुरू हुआ। धर्मयुग, रविवार और फिर प्रभात खबर जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में उन्होंने जमीनी रिपोर्टिंग की। 1989 में प्रभात खबर के प्रधान संपादक बने और भ्रष्टाचार के खिलाफ साहसिक पत्रकारिता के लिए पहचान बनाई।
राजनीति में चंद्रशेखर के सहयोगी से लेकर राज्यसभा तक
1990 में प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के सूचना सलाहकार बने। हालांकि प्रधानमंत्री के पद छोड़ते ही वे पत्रकारिता में लौट आए। जनता दल (यू) ने 2014 में उन्हें राज्यसभा भेजा और 2018 व 2020 में राज्यसभा के उपसभापति पद के लिए निर्वाचित किया गया।
बौद्धिक सोच, पुरस्कार और किताबों का योगदान
- बीएचयू से पत्रकारिता डिप्लोमा, अर्थशास्त्र में स्नातकोत्तर
- 1996: आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी पत्रकारिता सम्मान
- 2008: माधवराव सप्रे पुरस्कार
- 2012: विश्व हिंदी सम्मेलन, जोहांसबर्ग में सम्मान
साहित्यिक यात्रा और चंद्रशेखर पर केंद्रित लेखनी
हरिवंश ने ‘मेरी जेल डायरी’, ‘चंद्रशेखर संवाद’ श्रृंखला, और 2019 में चर्चित पुस्तक ‘Chandrashekhar: The Last Icon of Ideological Politics’ लिखी।
क्या हरिवंश होंगे अगला उपराष्ट्रपति?
धनखड़ के इस्तीफे के बाद संवैधानिक व्यवस्था के तहत जल्द ही नए उपराष्ट्रपति के चुनाव की घोषणा होगी। हरिवंश सिंह की राजनीतिक और पत्रकारिता की यात्रा, उनका संतुलित स्वभाव और संसद में निर्विवाद छवि उन्हें एक मजबूत उम्मीदवार बनाती है।
आगे क्या?
अब नजरें इस पर टिकी हैं कि एनडीए और विपक्ष किन नामों पर सहमति बनाते हैं। लेकिन हरिवंश की राष्ट्रपति से मुलाकात इस ओर इशारा करती है कि वह शपथ लेने की तैयारी में हो सकते हैं।
राजनीति, पत्रकारिता और मूल्यों के संगम से निकले एक संभावित उपराष्ट्रपति की कहानी…
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