
लगातार झटकों से लोगों में बढ़ रही दहशत
हालांकि कुछ ही सेकंड के लिए धरती कांपी, लेकिन यह घटना उत्तराखंड में पिछले कुछ महीनों से जारी भूकंपीय हलचल की एक और कड़ी बन गई। अल्मोड़ा और मेरठ में भी पहले ऐसे झटके दर्ज हुए हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि बार-बार छोटे स्तर के कंपन भविष्य में बड़े खतरे की चेतावनी हो सकते हैं।
पिछले महीनों में दर्ज झटकों का ब्यौरा
- अल्मोड़ा, उत्तराखंड: 3.4 तीव्रता का भूकंप, गहराई 5 किमी
- मेरठ, उत्तर प्रदेश: 2.7 तीव्रता का भूकंप, गहराई 5 किमी
हालांकि, अब तक किसी जान-माल के नुकसान की सूचना नहीं मिली है। लेकिन आपदा विशेषज्ञ मानते हैं कि बार-बार ऐसे झटके भूकंपीय संवेदनशीलता की याद दिला रहे हैं और आपात तैयारी पर जोर दे रहे हैं।
भूकंप का तकनीकी विवरण
तारीख | 8 जुलाई 2025 |
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समय | दोपहर 1:07 बजे (IST) |
लोकेशन | उत्तरकाशी, उत्तराखंड |
अक्षांश | 31.22°N |
देशांतर | 78.22°E |
गहराई | 5 किलोमीटर |
तीव्रता | 3.2 रिक्टर स्केल |
विशेषज्ञों की सलाह
भूकंप वैज्ञानिकों का कहना है कि हिमालयी क्षेत्र बेहद संवेदनशील जोन है। यहां 3 से 4 तीव्रता के झटके सामान्य माने जाते हैं, लेकिन वे भविष्य के गंभीर भूकंप का संकेत भी हो सकते हैं। ऐसे में आपदा प्रबंधन और जनता को जागरूक रखना बेहद जरूरी है।