TRF को आतंकी घोषित करने के पीछे क्या है अमेरिका की असली रणनीति? पर्दे के पीछे की चालें खुलेंगी?

TRF: अमेरिका ने पहलगाम आतंकी हमले की जिम्मेदारी लेने वाले संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) को विदेशी आतंकवादी संगठन (FTO) और वैश्विक आतंकवादी (STGT) घोषित कर दिया है। अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने इसकी पुष्टि की।

22 अप्रैल 2025 को पहलगाम की बैसरन घाटी में हुए हमले में 26 निर्दोष लोगों की मौत हो गई थी। TRF ने हमले की जिम्मेदारी ली थी, लेकिन बाद में सोशल मीडिया (TRF)अकाउंट हैक होने का बहाना बना लिया।

भारत ने इस हमले का जवाब एयर स्ट्राइक से दिया, जिसमें पाकिस्तान के 9 आतंकी ठिकानों को नष्ट किया गया। यह हमला भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव का नया अध्याय बन गया।

क्यों बनी TRF अमेरिका की हिट लिस्ट का हिस्सा?

TRF की स्थापना 2019 में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद की गई थी। इसे लश्कर-ए-तैयबा की एक शाखा माना जाता है, जिसे ISI का समर्थन प्राप्त है।

2020 – कुपवाड़ा में LoC पर मुठभेड़, 5 पैरा कमांडो शहीद

2024 – गंदेरबल में निर्माण स्थल पर हमला, 7 की मौत

2025 – पहलगाम में टूरिस्टों पर हमला, 26 की मौत

TRF के चेहरे: शेख सज्जाद गुल और पाकिस्तानी लिंक

TRF का कमांडर शेख सज्जाद गुल है, जिसे भारत ने 2022 में आतंकी घोषित किया। अन्य संस्थापक साजिद जट्ट और सलीम रहमानी हैं जो लश्कर-ए-तैयबा और ISI से जुड़े हैं। भारत सरकार ने TRF को जनवरी 2023 में गैर-कानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) के तहत प्रतिबंधित कर दिया था। अमेरिका की यह घोषणा वैश्विक स्तर पर पाकिस्तान की छवि को और अधिक धूमिल कर सकती है, जो पहले ही FATF की निगरानी सूची में रहा है।

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Bodh Saurabh Desk

Bodh Saurabh is an experienced Indian journalist and digital media professional, with over 14 years in the news industry. He currently works as the Assistant News Editor at Bodh Saurabh Digital, a platform known for providing breaking news and videos across a range of topics, including national, regional, and sports coverage.

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