
Stephen Hawking: नई दिल्ली। ब्रह्मांड की गहराइयों में घूमते इंटरस्टेलर पिंड 3I/ATLAS ने एक बार फिर स्टीफन हॉकिंग की चेतावनियों को चर्चा में ला दिया है। दिसंबर 2025 में यह अनजान ऑब्जेक्ट पृथ्वी के पास से गुजरेगा। हार्वर्ड के प्रोफेसर एवी लोएब का मानना है कि यह यान कृत्रिम हो सकता है…यानी किसी (Stephen Hawking) उन्नत एलियन सभ्यता द्वारा भेजा गया।
क्या एलियन संपर्क विकास या विनाश लाएगा?
हॉकिंग ने स्पष्ट कहा था: “यदि हम किसी उच्च तकनीकी सभ्यता से संपर्क करते हैं, तो परिणाम वैसा ही हो सकता है जैसा अमेरिका के मूल निवासियों के साथ हुआ — यानी पूर्ण विनाश।”
इतिहास की गूंज: ‘क्रिस्टोफर कोलंबस सिंड्रोम’
हॉकिंग का मानना था कि जैसे यूरोपीय उपनिवेशवाद ने अमेरिका, भारत और अफ्रीका को बदला — वैसे ही कोई एलियन सभ्यता पृथ्वी को संसाधनों के लिए कब्ज़ा कर सकती है।
‘इंटेलिजेंस ट्रैप’: क्या हम अपनी ही बुद्धिमत्ता से हार जाएंगे?
इस सिद्धांत के अनुसार, अति आत्मविश्वास और पुराने अनुभवों पर अंधा भरोसा इंसानों को गलत दिशा में ले जा सकता है। हार्वर्ड वैज्ञानिकों का कहना है कि यदि हम जल्दबाज़ी में किसी अज्ञात सिग्नल का उत्तर देते हैं, तो यह एक आत्मघाती कदम हो सकता है।
क्या करना चाहिए? हॉकिंग की सलाह पर ध्यान दें
- सिग्नल प्रसारण से बचें: ब्रह्मांड में खुद की घोषणा करना खतरनाक हो सकता है।
- केवल सुनें, उत्तर न दें: पहले सिग्नल का वैज्ञानिक मूल्यांकन करें, तुरंत जवाब न दें।
- रक्षा विज्ञान को मज़बूत करें: अगर संपर्क हो, तो तैयारी पहले से होनी चाहिए।
डर नहीं, विवेक ज़रूरी है
हर एलियन सभ्यता दुश्मन हो, यह मानना गलत है। लेकिन यह भी मानना कि वे सभी मित्र होंगे — उससे भी बड़ा भ्रम।
“हम ब्रह्मांड में अकेले नहीं हो सकते — लेकिन अकेले रहना शायद हमारी सुरक्षा है।”
— स्टीफन हॉकिंग
एलियन सभ्यता के साथ संपर्क एक ओर रोमांचक कल्पना है, दूसरी ओर सभ्यता के अंत की चेतावनी। विज्ञान को अब उत्सुकता नहीं, जिम्मेदारी से जवाब देना होगा।
अपडेट्स के लिए जुड़े रहें www.bodhsaurabh.com