
Ram Darbar Pran Pratishtha Ayodhya: सदियों की आस्था, संघर्ष और प्रतीक्षा के बाद आज वह पावन क्षण आया जब रामनगरी अयोध्या ने एक नया इतिहास रच दिया। जहां कभी कल्पनाओं में बसे राम दरबार के दर्शन होते थे, अब वहीं साकार रूप में भगवान श्रीराम अपने पूरे परिवार सहित भक्तों को दर्शन दे रहे हैं। यह केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि भारत की सांस्कृतिक चेतना का पुनर्जागरण है। अयोध्या की धरती आज सचमुच धन्य हो गई! गूंजते वैदिक मंत्र, दिव्य पुष्पवर्षा, और भक्तों की आंखों में छलकते श्रद्धा के अश्रु — इन सबके बीच सजीव हुआ राम दरबार।
दक्षिणे लक्ष्मणो यस्य वामे तु जनकात्मजा।
पुरतो मारुतिर्यस्य तं वन्दे रघुनन्दनम्॥जिसके दाहिने लक्ष्मण हैं, बाएँ जनकनंदिनी सीता हैं, और जिसके सम्मुख पवनपुत्र हनुमान हैं, मैं उन रघुकुलनंदन श्रीराम को नमस्कार करता हूँ।
On whose right stands Lakshmana, on whose left Sita ji, and… pic.twitter.com/Nbh5lnuKiY
— Shri Ram Janmbhoomi Teerth Kshetra (@ShriRamTeerth) June 5, 2025
प्रभु श्रीराम आज माता सीता, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न और हनुमान के साथ भव्य मंदिर में विधिवत विराजमान हुए। अभिजीत मुहूर्त में सम्पन्न प्राण प्रतिष्ठा ने मानो अयोध्या को फिर से त्रेतायुग में पहुंचा दिया हो। (Ram Darbar Pran Pratishtha Ayodhya)और इस शुभ अवसर पर सीएम योगी आदित्यनाथ, जिनका आज जन्मदिन भी है, स्वयं राम दरबार की आरती उतारते दिखे। गंगा दशहरा के दिन हुए इस ऐतिहासिक अनुष्ठान ने न सिर्फ मंदिर परिसर, बल्कि करोड़ों रामभक्तों के हृदय को भी प्रकाशित कर दिया।
सीएम योगी ने भगवान को किया नमन
गंगा दशहरा के पावन अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भगवान के दरबार में शीश नवाकर कार्यक्रम की शुरुआत की। वैदिक मंत्रोच्चार और आध्यात्मिक ऊर्जा से भरे वातावरण में उन्होंने राम दरबार की आरती की।
राम दरबार में विराजे प्रभु श्रीराम और सीता माता
राम दरबार की प्रतिमाएं सफेद संगमरमर के 2 फुट ऊँचे सिंहासन पर प्रतिष्ठित की गईं। श्रीराम और सीता माता के साथ लक्ष्मण और हनुमान भी बैठी हुई मुद्रा में विराजमान हैं। यह दृश्य भक्तों को त्रेतायुग की अनुभूति कराता है।
परकोटा में स्थापित हुए सात देवी-देवताओं के मंदिर
राम मंदिर के परकोटा में बने आठ मंदिरों में से सात में आज प्राण प्रतिष्ठा की गई। प्रमुख प्रतिष्ठाएं:
ईशान कोण: शिवलिंग
अग्नि कोण: श्री गणेश
दक्षिणी भुजा: महाबली हनुमान
नैरित्य कोण: भगवान सूर्य
वायव्य कोण: मां भगवती
उत्तर भुजा: अन्नपूर्णा माता
101 आचार्यों द्वारा वैदिक अनुष्ठान
काशी और अयोध्या के 101 विद्वान आचार्य इस अनुष्ठान को वैदिक पद्धति से संपन्न कर रहे हैं। डॉ. अनिल मिश्रा मुख्य यजमान की भूमिका निभा रहे हैं। पूरा कार्यक्रम श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की देखरेख में हो रहा है।
गंगा दशहरा के पावन दिन के साथ ही यह दिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का जन्मदिन भी है। इस वजह से यह आयोजन और भी पवित्र और ऐतिहासिक बन गया है।