
Raksha Bandhan 2025: बागपत (उत्तर प्रदेश)। रक्षाबंधन 2025 के त्योहार से पहले एक बार फिर सांप्रदायिक विवाद की चिंगारी सुलग उठी है। इस बार मुद्दा है चांद-सितारे वाली राखियों का, जिन्हें लेकर हिंदूवादी नेता साध्वी प्राची ने एक नया शब्द उछाल दिया …‘राखी जिहाद’।
हिंदू धर्म की कट्टर समर्थक मानी जाने वाली साध्वी प्राची ने हाल ही में बयान देते हुए कहा कि “रक्षाबंधन जैसे पवित्र पर्व को टारगेट कर एक सुनियोजित साजिश रची जा रही है।” (Raksha Bandhan 2025)उन्होंने आरोप लगाया कि इस्लामिक प्रतीकों वाली राखियां—जैसे कि चांद और सितारे—धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाती हैं और इससे सनातन संस्कृति पर हमला होता है।
‘जागो हिंदू बहनों’
प्राची ने कहा, “हिंदू बहनों को चाहिए कि वे ऐसी राखियां बिल्कुल न खरीदें जो जिहादी ताकतें बनाती हैं।” उन्होंने सुझाव दिया कि कलावा ही सबसे पवित्र प्रतीक है और वही बांधना चाहिए। साथ ही उन्होंने दूसरे धर्म के व्यापारियों की दुकानों से सामान खरीदने से भी परहेज करने की सलाह दी।
विवाद की शुरुआत कहां से हुई?
प्राची के अनुसार उन्हें ये राखियां ऋषिकेश में नजर आई थीं, लेकिन इस मुद्दे को उन्होंने बागपत में उठाया। इससे ये विवाद न सिर्फ स्थानीय बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी चर्चा में आ सकता है।
विशेषज्ञ मानते हैं कि रक्षाबंधन पर धार्मिक टकराव अब एक वार्षिक चलन बन चुका है। यह बयान भी एक बार फिर क्षेत्रीय राजनीति को गर्मा सकता है, खासकर ऐसे समय में जब चुनावी हवा बह रही हो। प्रश्न उठता है कि क्या त्योहारों की शुद्धता के नाम पर सांप्रदायिक विभाजन उचित है? या यह सिर्फ एक राजनीतिक चाल है जिससे वोट बैंक साधा जा सके?
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