
Rajasthan Assembly Session 2025: जयपुर।जस्थान की 16वीं विधानसभा के चौथे सत्र की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं और इसे 1 सितंबर 2025 से शुरू करने की योजना है। लेकिन इस बार चर्चा केवल सत्र तिथि पर नहीं, बल्कि उस बिल पर है जिसने सियासी गलियारों में खलबली मचा दी है—’राजस्थान विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध विधेयक-2025’।
धर्मांतरण कानून को लेकर सरकार गंभीर, सख्त प्रावधान शामिल
इस प्रस्तावित कानून में जबरन, लालच या छल से धर्म परिवर्तन कराने पर कठोर सजा का प्रावधान किया गया है। साथ ही, अगर कोई व्यक्ति धर्म बदलकर विवाह करता है, तो उसे न्यायालय अमान्य घोषित कर सकता है। इसके अलावा, स्वैच्छिक धर्म परिवर्तन के लिए 60 दिन पहले जिला कलेक्टर को सूचना देना अनिवार्य होगा।
विश्व हिंदू परिषद का दबाव या जनता की मांग?
सूत्रों की मानें तो विश्व हिंदू परिषद (VHP) के नेताओं ने हाल ही में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से मुलाकात कर इस प्रकार का सख्त कानून लाने की मांग की थी। माना जा रहा है कि सरकार इसी दबाव और जनभावनाओं को देखते हुए इस बिल को पास करवाना चाहती है।
कोचिंग सेंटर पर भी नियंत्रण का प्रस्ताव
संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने पुष्टि की कि इस बार सत्र में 10 से अधिक विधेयक लाए जाएंगे। जिनमें से एक होगा राजस्थान कोचिंग सेंटर नियंत्रण और विनियमन विधेयक, जो कोचिंग संस्थानों पर निगरानी के उद्देश्य से लाया जाएगा।
सत्र तिथि पर औपचारिक मुहर बाकी
बजट सत्र के समापन के 6 माह के भीतर सत्र बुलाना संविधानिक प्रावधान है, इसी कारण 1 सितंबर</strong की तारीख तय की गई है। मुख्यमंत्री और विधानसभा अध्यक्ष की सहमति के बाद अब प्रस्ताव राज्यपाल के पास भेजा गया है। उनकी अनुमति मिलते ही सत्र आहूत किया जाएगा।
राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो आगामी सत्र केवल विधायी कामकाज नहीं, बल्कि राज्य की राजनीति में धर्मांतरण जैसे संवेदनशील मुद्दे पर सरकार की स्थिरता और मंशा का परीक्षण भी होगा।
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