
याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ताओं अखिल (Rajasthan High Court) सिमलॉट और मालती ने तर्क दिया कि आरोपी का धौलपुर में व्यापक प्रभाव है, जिससे गवाहों और पीड़ितों की जान को खतरा है। अदालत ने इस तर्क को गंभीर मानते हुए कहा कि न्यायिक प्रक्रिया प्रभावित नहीं होने दी जा सकती।
अदालत ने क्या कहा?
न्यायाधीश उमाशंकर व्यास ने सुनवाई में टिप्पणी की कि आरोपी ने जमानत मिलने के बाद शक्ति प्रदर्शन करते हुए जुलूस निकाला। साथ ही, उसके खिलाफ लोकसेवकों पर हमले के कई पुराने मामले भी दर्ज हैं। इस पृष्ठभूमि में निष्पक्ष ट्रायल सुनिश्चित करना आवश्यक है।
सुरक्षा के निर्देश
- जयपुर पुलिस आयुक्त को कोर्ट परिसर में पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था करने के निर्देश।
- धौलपुर पुलिस अधीक्षक को गवाहों को समन और नोटिस तामील कराने में सहयोग करने का आदेश।
- मामले को केस ऑफिसर स्कीम के तहत लिया जाएगा, जिसके लिए एक पुलिस उपनिरीक्षक और दो सहायक उपनिरीक्षक नियुक्त होंगे।
- ट्रायल कोर्ट को समयबद्ध सुनवाई पूरी करने के निर्देश।
क्या था मामला?
यह घटना 28 मार्च 2022 की है, जब सहायक अभियंता हर्षाधिपति और कनिष्ठ अभियंता नितिन गुलाटी के साथ मारपीट की गई थी। इसके बाद 29 मार्च को गिर्राज सिंह मलिंगा समेत अन्य के खिलाफ मारपीट, राजकार्य में बाधा और एससी-एसटी एक्ट की धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया गया। पुलिस ने इस मामले में पांच आरोपियों को गिरफ्तार भी किया था।