
Operation Sindoor: भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंकवादी ठिकानों पर किए गए लक्षित हमलों को ऑपरेशन सिंदूर नाम दिया गया। यह ऑपरेशन 6-7 मई की रात 1:05 से 1:30 बजे के बीच अंजाम दिया गया था और इसका उद्देश्य 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का कड़ा जवाब देना था। इस हमले में 28 लोग मारे गए थे, जिनमें एक नेपाली नागरिक भी शामिल था। (Operation Sindoor:)भारतीय सेना ने पाकिस्तान और PoK में 9 आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाया, जिनमें प्रमुख आतंकवादी संगठनों जैसे जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के गढ़ शामिल थे।
ऑपरेशन सिंदूर का उद्देश्य और रणनीति
ऑपरेशन सिंदूर का उद्देश्य केवल प्रतिशोध नहीं था, बल्कि पाकिस्तान और PoK में आतंकवादी गतिविधियों को नष्ट करना था। भारतीय सेना ने जैश-ए-मोहम्मद के मुख्यालय बहावलपुर और लश्कर-ए-तैयबा के ठिकाने मुरिदके को निशाना बनाया। कर्नल सोफिया कुरैशी, जो ऑपरेशन के प्रमुख सैन्य अधिकारियों में से एक थीं, ने इस ऑपरेशन के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यह ऑपरेशन मजबूत खुफिया जानकारी के आधार पर किया गया, ताकि आतंकवादियों की रीढ़ तोड़ी जा सके और पाकिस्तान के आतंकी नेटवर्क को जड़ से उखाड़ा जा सके।
कर्नल सोफिया कुरैशी का महत्वपूर्ण योगदान
कर्नल सोफिया कुरैशी का भारतीय सेना में एक अहम स्थान है। उनका जन्म गुजरात के वडोदरा में हुआ था और उन्होंने संयुक्त राष्ट्र मिशन में भी सेवा दी है। उन्होंने एक्सरसाइज फोर्स-18 का नेतृत्व किया और इस ऑपरेशन में उनका योगदान महत्वपूर्ण रहा। प्रेस ब्रीफिंग में कर्नल सोफिया ने बताया, “ऑपरेशन सिंदूर पहलगाम हमले के पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए शुरू किया गया था। हमनें 9 आतंकी ठिकानों को नष्ट किया और सुनिश्चित किया कि कोई भी नागरिक हताहत न हो।” कर्नल सोफिया की प्रभावशाली प्रस्तुति और आत्मविश्वास ने उन्हें सोशल मीडिया पर खूब सराहा गया। एक यूजर ने लिखा, “कर्नल सोफिया कुरैशी को बोलते हुए देख गर्व महसूस हुआ। उनकी आवाज़ में देश की ताकत झलक रही थी।”
विंग कमांडर व्योमिका सिंह की भूमिका
विंग कमांडर व्योमिका सिंह, भारतीय वायु सेना की एक कुशल हेलीकॉप्टर पायलट, ने ऑपरेशन सिंदूर की प्रेस ब्रीफिंग में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा की। 2500 से अधिक उड़ान घंटे पूरी करने वाली विंग कमांडर व्योमिका ने ऑपरेशन के तकनीकी पहलुओं पर बात की, खासकर उन राफेल विमानों और स्कैल्प मिसाइलों के बारे में, जिनका इस्तेमाल आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाने के लिए किया गया। उन्होंने कहा, “हमने बहुत संयम बरता और सिर्फ आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाया। यह ऑपरेशन पहलगाम के शहीदों और उनके परिवारों को न्याय दिलाने के लिए था।” विंग कमांडर व्योमिका की स्पष्ट और प्रेरक ब्रीफिंग ने देशवासियों का दिल जीत लिया और उन्हें एक रोल मॉडल के रूप में स्थापित किया।
महिला सैन्य अधिकारियों की ऐतिहासिक भूमिका
यह पहली बार था जब दो महिला सैन्य अधिकारियों ने इतने बड़े और संवेदनशील सैन्य अभियान की ब्रीफिंग दी। कर्नल सोफिया और विंग कमांडर व्योमिका ने ऑपरेशन सिंदूर की रणनीति, लक्ष्यों और उद्देश्यों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने लक्षित हमलों की फुटेज और जमीनी कार्रवाइयों का विवरण भी प्रस्तुत किया। इसने न केवल भारतीय सेना की ताकत को उजागर किया, बल्कि महिला सैन्य अधिकारियों की नेतृत्व क्षमता को भी रेखांकित किया।
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने ऑपरेशन की तारीफ करते हुए इसे “मापा हुआ, गैर-उत्तेजक और जिम्मेदार” बताया। यह बयान भारत की आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस नीति को दर्शाता है, जो कड़े और रणनीतिक कदम उठाने के बावजूद नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करता है।
सोशल मीडिया पर भारतीय सेना का सम्मान
प्रेस ब्रीफिंग के बाद, सोशल मीडिया पर कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह की जमकर तारीफ की गई। एक यूजर ने लिखा, “कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने ऑपरेशन सिंदूर के बारे में जिस आत्मविश्वास के साथ जानकारी दी, वह वाकई प्रेरणादायक था।”
ऑपरेशन सिंदूर ने भारतीय सेना की शक्ति को तो सामने रखा ही, साथ ही यह दर्शाया कि महिला अधिकारी भी किसी भी सैन्य मिशन में नेतृत्व और सामर्थ्य में पीछे नहीं हैं। ऑपरेशन सिंदूर ने न केवल पाकिस्तान और PoK में आतंकवादियों के ठिकानों को नष्ट किया, बल्कि भारत की सैन्य ताकत और रणनीतिक सोच को भी दुनिया के सामने रखा। इस ऑपरेशन के माध्यम से भारतीय सेना ने यह सिद्ध कर दिया कि जब बात देश की सुरक्षा की हो, तो हर भारतीय सेना के अधिकारी और सैनिक किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए तैयार हैं।
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